मध्यप्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ट्रबल शूटर और राष्ट्रीय राजनीति में कुशल संगठक रेगिस्तान में भी फूल खिलाने वाले मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी की घोषणा होने वाली है,पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट का सूपड़ा साफ करके भाजपा को 3 सीट से 77 सीट पर पहुंचाने का कार्य सबसे मुख्य योगदान में से एक रहा है चूंकि पश्चिम बंगाल की राजनीति में शासक दल हर सक्रिय विपक्षी पर इतनी पुलिस रिपोर्ट दर्ज करा देता है कि राजनीति फिर सिर्फ कल्पना का विषय और अदालती कार्यवाही नित्य का विषय बन जाता है।
प्रधानमंत्री, अमित शाह जी,जे पी नड्डा जी की सामुहिक बैठक में जिम्मेदारी तय कर ली गयी है जिसकी घोषणा भर होना शेष है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी आने वाले 10 राज्यों के चुनाव में महत्वपूर्ण जवाबदारी देने वाली है. इसके संकेत तब मिले जब पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल के प्रभारी की जवाबदारी से मुक्त किया. विजयवर्गीय पिछले 7 वर्षों से पश्चिम बंगाल के प्रभारी थे जहां उन्होंने भाजपा का मत प्रतिशत 10.3 से बढ़ाकर 40.8 प्रतिशत तक किया. पार्टी को वहां 10 विधायक भी नहीं मिलते थे. अब पश्चिम बंगाल में भाजपा के पास 72 विधायक हैं. जबकि पार्टी के सांसदों की संख्या 2 से बढ़कर पिछले चुनाव में 18 हो गई है. भाजपा तृणमूल कांग्रेस का मजबूत विकल्प बनकर उभरी है. कैलाश विजयवर्गीय जैसे संगठन क्षमता के धनी, कुशल रणनीतिकार तथा राजनीतिक प्रबंधन कौशल के विशेषज्ञ को भाजपा बिना जिम्मेदारी के नहीं रख सकती.
सूत्रों के अनुसार जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भरोसा उन पर बना हुआ है उससे स्पष्ट है कि पार्टी उन्हें गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जिम्मेदारी देगी. इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी उनकी भूमिका बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में भी मध्यप्रदेश में नए सिरे से सक्रिय हो सकते हैं. हाल ही में संपन्न नगर निगम चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर नगर निगम में भाजपा को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण जवाबदारी निभाई थी. उनकी इस भूमिका की प्रशंसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है. कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा के लिए हमेशा ट्रबल शूटर की भूमिका निभाई है. इसका कारण है कि उनमें जबरदस्त संगठन क्षमता है. चुनावी राजनीति के वे कुशल रणनीतिकार हैं. उनके राजनीतिक प्रबंधन कौशल की प्रदेश में धाक है. विजयवर्गीय ने प्रत्येक जवाबदारी को कुशलतापूर्वक निभाया है. इंदौर के मेयर के रूप में उन्होंने जन भागीदारी के साथ पूरे शहर में सीमेंट और कंक्रीट की सड़क के बनाई तथा चौराहों का सौंदर्यीकरण किया.
कैलाश विजयवर्गीय के समय अनेक फ़्लाईओवर बनाए गए. प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री के रूप में उन्होंने ग्रामीण भाग में सड़कों का जाल बिछाया. औद्योगिक मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश में विदेशी और स्वदेशी उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया और पूंजी निवेश बढ़ाया. विजयवर्गीय ने 2004 के उज्जैन सिंहस्थ, नर्मदा बांध के कारण डूब में आने वाले हरसूद का पुनर्वास, मध्यप्रदेश विधानसभा में सफल फ्लोर मैनेजमेंट सहित अनेक कारनामे किए हैं. उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान तीनों मुख्यमंत्रियों ने कैलाश विजयवर्गीय को हमेशा ट्रबल शूटर की भूमिका में पाया है., पश्चिम बंगाल में प्रभारी के रूप में प्रभावी काम करने के अलावा उन्होंने इसके पहले हरियाणा में भाजपा के बलबूते पर सरकार बनाने का करिश्मा भी कर दिखाया है. 1996 तक हरियाणा में भाजपा को दहाई अंकों में भी विधायक नहीं मिलते थे. 2014 में उसी हरियाणा में भाजपा ने 33 फ़ीसदी मतों के साथ 47 विधायक निर्वाचित करवाएं और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई. उन्होंने मध्यप्रदेश में अनेक उपचुनाव में भाजपा को ऐसे क्षेत्रों से जीत दिलवाई जहां पार्टी कभी नहीं जीती थी. इसलिए पार्टी उनके जैसे नेता का उपयोग नहीं करेगी ऐसा संभव नहीं है.