नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से बात की है PM पद का लालीपाप मिला है
(सूत्रानुसार)
सियासी जानकारों की मानें तो जदयू-भाजपा नेताओं के बीच मतभेद की वजह से 11 अगस्त से पहले ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। एनडीए सरकार गिरते ही जदयू और आरजेडी साथ मिलकर बिहार के सत्ता की कमान संभालेगी। गौरतलब है कि मंगलवार को जदयू ने सभी विधायकों और सांसदों को बैठक के लिए पटना बुलाया है। मुख्यमंत्री आवास पर सभी दिग्गजों की बैठक होगी।
NDA गठबंधन को झटका दे सकते हैं नीतीश कुमार
सूत्रों की माने तो विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव से 12 तारीख के अंदर पटना में अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस बाबत सभी विधायकों को निर्देश जारी कर दिया गया है। बिहार के सियासी गलियारों में कयासबाज़ी शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार एनडीए को झटका देते हुए भाजपा से किनारा कर सकते हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही हैं कि बिहार में जदयू और राजद के साथ मिल कर नई सरकार बनाने की रणनीति तैयार कर ली गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। इसके साथ नई सरकार में किसी को भी उप मुख्यमंत्री नहीं बनया जाएगा। वहीं तेजस्वी यादव को गृह विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
जदयू विधायकों और सांसदों को बुलाया गया पटना
बिहार में सियासी हलचल शुरू होने के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाईटेड, कांग्रेस और हिदुस्तानी अवाम मोर्चा का अपने-अपने विधायकों के साथ बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। खबर आ रही है कि जदयू विधायकों को और सांसदों को आज शाम तक पटना पहुंचने का निर्देश मिल चुका है। सभी लोग आज शाम तक पटना पहुंचने वाले हैं। इसके साथ ही कल मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक होने वाली है। इस खबर के बाद से यह चर्चा तेज़ है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन तय है।
जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयानों से भी मिले संकेत
जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू-भाजपा के साथ वाले सवाल पर कहा था कि भविष्य की गारंटी कौन दे सकता है।
बिहार की राजनीति में इन दिनों कयासों का बाजार गर्म है. एक तरफ जेडीयू और बीजेपी की तरफ से तनातनी और नाराजगी की बातों को खारिज किया जा रहा है, दूसरी तरफ नए समीकरणों पर चर्चाओं का शोरगुल भी सुनाई दे रहा है. नीतीश कुमार और सोनिया गांधी के बीच मौजूदा राजनीतक हालातों पर चर्चा हुई है. दोनों नेताओं के बीच बातचीत की जानकारी कांग्रेस पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने दी है. प्राप्त जानकारी के एनुसार दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई है.
बिहार की राजनीति में आने वाले 48 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं. JDU के महगठबंधन में फिर से वापस आने के संकेत मिले हैं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा के छोड़कर सभी दलों ने बुलाई है विधायक दल की बैठकबुलाई है. विधायकों और सांसदों की बैठक में अहम फैसला हो सकता है. बताते चलें कि JDU 2017 में महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल हो गया था. यह महागठबंधन 2015 के विधानसभा चुनाव में बना था, उस वक्त जदयू इस गठबंधन का अहम हिस्सा था.
अगर वर्तमान के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो बीजेपी और जदयू के बीच की खाई बढ़ती जा रही है. सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार के 200 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के प्रवास कार्यक्रम से खुश नहीं हैं. सूत्रों का कहना है कि भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि वह आगामी चुनाव में सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके जवाब में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी कहा कि उनकी पार्टी भी 243 सीटों के लिए तैयारी कर रही है.
सूत्रों के अनुसार जेडीयू का मानना है कि बीजेपी द्वारा आरसीपी सिंह की मदद से जेडीयू को तोड़ने की साजिश की जा रही है. बताते चलें कि पिछले दिनों आरसीपी सिंह पर उन्हीं की पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिसके बाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू को डूबता जहाज करार दिया था.