‘शौर्य चक्र विजेता की माँ को पाकिस्तान डिपोर्ट होने का डर’: इंडियन एक्सप्रेस की खबर का J&K पुलिस ने किया फैक्ट चेक, कहा- ऐसी झूठी बातें मत फैलाओ

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी कराई जा रही है। इसी बीच पाकिस्तानियों की पीड़ा दिखाने के नाम पर कुछ मीडिया संस्थान प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। इसी कड़ी में अंग्रेजी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस ने एक झूठी खबर चलाई। इंडियन एक्सप्रेस ने यह प्रोपेगेंडा सच्चाई जानते हुए किया।
इंडियन एक्सप्रेस ने बुधवार (30 अप्रैल 2025) ने एक भ्रामक खबर प्रकाशित की। इस खबर में इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया कि आतंकियों से लड़ते हुए एक सैन्य ऑपरेशन में बलिदान हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के एक जवान की माँ को भी डिपोर्ट किया जाने वाला है।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपने श्रीनगर एडिशन में दावा किया कि शौर्य चक्र विजेता बलिदानी मुदस्सिर शेख की माँ शमीमा को पाकिस्तान वापस भेजे जाने वाली लिस्ट में रखा गया। इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि शमीमा के भारत छोड़े जाने की अफवाह भी फ़ैल गई।
उसने मुदस्सिर के परिजनों के भी कुछ बयान छापे। इनसे ऐसा सन्देश गया कि मुदस्सिर की माँ शमीमा को भारत छोड़ना ही पड़ा है। हालाँकि, इस पूरी खबर कि सच्चाई खुद शमीमा और बारामूला पुलिस ने पहले ही बयान कर दी थी। शमीमा अख्तर भारत में ही रहने वाली हैं।
29 अप्रैल, 2025 को एक्स (पहले ट्विटर) पर बारामूला पुलिस ने बताया था, “बलिदानी कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद उर्फ बिंदास की माँ के कथित डिपोर्टेशन के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें झूठी और निराधार हैं और उनका स्पष्ट रूप से खंडन किया जाता है।” पुलिस ने जनता और मीडिया से इस मामले को लेकर गलत सूचना फैलाने से बचने का आग्रह किया है।
वहीं शमीमा अख्तर का खुद का बयान इसी खबर में बताता है कि वह श्रीनगर इलाज के लिए गईं थी और इस बीच कुछ लोगों ने उनके पाकिस्तान जाने सम्बन्धी अफवाह फैलाई। शमीमा अख्तर ने पाकिस्तान जाने की बातों को नकार दिया है।
अब इंडियन एक्सप्रेस की यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। नेटिजन्स इसे पाकिस्तान के हित में उठाया गया कदम बता रहे हैं। अंकुर सिंह नाम के एक्स यूजर ने कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “क्या पाकिस्तानियों के लिए सहानुभूति बटोरने को ऐसी खबरें चलाई जा रही हैं?”
अन्य यूजर ने इंडियन एक्सप्रेस को फेक खबर फैलाने और भारत की छवि बिगाड़ने के चलते बैन करने की माँग की है। कमेंट में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग भी किया है।

कौन थे मुदस्सिर अहमद ?
कॉन्स्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख साल 2022 में आतंकियों से लड़ते हुए बलिदान हो गए थे। पुलिस को 25 मई 2022 को एक वाहन में सवार हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों की गतिविधि के बारे खुफिया जानकारी मिली थी। यह आतंकवादी अमरनाथ यात्रा पर हमला करने जा रहे थे।
इसके बाद बारामूला में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में कॉन्स्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख भी शामिल थे। उनको ऑपरेशन के बीच गोली लग गई। इलाज के लिए ले जाते समय मुदस्सिर अहमद की मौत हो गई।
इस ऑपरेशन में मुदस्सिर अहमद ने अप्रतिम शौर्य दिखाया था और एक आतंकी को गाड़ी से खींच लिया था। उनकी इस वीरता के चलते 2023 में उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उनकी माँ शमीमा अख्तर ने अपने पति के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया था।
उरी में उनके नाम पर एक चौक भी है और कई पुलिस स्टेशन में भी उनकी तस्वीरें लगी हुई है। हालाँकि, इंडियन एक्सप्रेस ने यह सब ध्यान ना रखते हुए भ्रामक खबर फैलाई जिसकी सच्चाई बाहर आ गई।