चंदोला लेक इलाके में मंगलवार को ऐसा नज़ारा देखने को मिला जो पहले कभी नहीं देखा गया था. इस जगह को ‘मिनी बांग्लादेश’ कहा जाता है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी लोगों की मौजूदगी की बात सामने आई थी. पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में इस इलाके में बने करीब 3000 कच्चे-पक्के घरों पर बुलडोजर चलाया गया. यह एक्शन आतंकवाद और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए उठाए गए सख्त कदमों का हिस्सा बताया जा रहा है.
पुलिस ने चलाया तलाशी अभियान, सामने आई बड़ी सच्चाई
कुछ दिन पहले पुलिस ने यहां बड़ी तलाशी मुहिम चलाई थी जिसमें 800 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था. जांच में पता चला कि इनमें से करीब 150 लोग बांग्लादेशी थे जो बिना कानूनी दस्तावेजों के यहां रह रहे थे. सभी को पहचान कर वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस इलाके की पहचान अब एक संदिग्ध जगह के तौर पर होने लगी है, जहां कई तरह की गैरकानूनी गतिविधियां होती रही हैं.
2021 में पकड़ा गया था आतंकी, एनआईए कर रही जांच
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के जेसीपी शरद सिंघल ने बताया कि साल 2021 में इस इलाके से अलकायदा के एक आतंकी को पकड़ा गया था. इसके बाद से यहां की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी. एनआईए इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. इसके अलावा यहां ड्रग्स और देह व्यापार जैसे मामलों में भी पुलिस को कई सुराग मिले हैं, जो इस जगह को और भी संवेदनशील बना देते हैं.
अवैध कामों का अड्डा बन चुका था चंदोला लेक
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चंदोला लेक इलाका अब अवैध गतिविधियों का गढ़ बन चुका था. यहां लाला बिहारी नाम के व्यक्ति द्वारा फर्जी दस्तावेज बनवाकर बांग्लादेशियों को बसाया गया था. उसका बेटा फिलहाल पुलिस की हिरासत में है जबकि लाला बिहारी फरार है. इस पूरे नेटवर्क के जरिए लोगों को यहां बसाया जाता था और उनसे अवैध तरीके से पैसे वसूले जाते थे.
कुछ स्थानीय लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई पर रोक की मांग की. हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और बुलडोजर कार्रवाई को मंजूरी दी.
हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत, तोड़े गए घर
इलाके में रहने वाले कुछ लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई राहत नहीं दी. इसके बाद प्रशासन ने बिना किसी देरी के बुलडोजर चला दिए. प्रशासन का कहना है कि यह सभी मकान सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए थे.
रात से शुरू हुई थी तैयारी, 2000 पुलिसकर्मी तैनात
इस बड़े एक्शन के लिए सोमवार रात से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. इलाके में बड़ी संख्या में जेसीबी मशीनें, ट्रक और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. किसी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए. पूरे ऑपरेशन के दौरान अधिकारियों की मौजूदगी बनी रही और स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती रही.
मुख्यमंत्री और मंत्री ने की कार्रवाई की समीक्षा
इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने की. दोनों नेता अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे और अधिकारियों से पूरी जानकारी ली. मौके पर डीजीपी विकास सहाय, पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक, कलेक्टर और नगर निगम के अधिकारी भी मौजूद रहे. सरकार इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है.