Friday, September 22, 2023
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Breaking news: अतीक बड़ा कांड करवाकर,असद को अपनी सत्ता सौंपना चाहता था,हर नेता बनता असद के दरवाजे का कुत्ता

माफिया अतीक अहमद का बेटा डर के मारे इधर-उधर छिपकर रह रहा था लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस को उसके बारे में सटीक जानकारी मिली, जिसके बाद उसे मार गिराया गया। इसके साथ ही असद का शागिर्द और खास सहयोगी गुलाम भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। दोनों राजू पाल हत्याकांड में वांटेड थे और गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे थे। पुलिस सूत्रों का दावा है कि  एनकाउंटर एसटीएफ ने किया और दोनों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया।

अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम के बारे में सटीक सूचना यूपी एसटीएफ उत्तर प्रदेश को मिली और इसके बाद झांसी में मूवमेंट की जानकारी  मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को मार गिराया। दोनों को पुलिस ने पहले सरेंडर करने के लिए बोला लेकिन उन दोनों ने अचानक पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों ने उन्हें  मार गिराया। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार दोनों पर पांच ₹5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था ,जिसके बाद दोनों फरार चल रहे थे।

फरारी के दौरान दोनों उत्तर प्रदेश से भागकर दिल्ली में भी कुछ दिन छिपे थे और उसके बाद वापस उत्तर प्रदेश चले गए थे। एसटीएफ के दावा है कि इनके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं।इस एनकाउंटर के संबंध में यूपी पुलिस ने जानकारी दी कि असद पुत्र अतीक अहमद और गुलाम पुत्र मकसूदन, दोनों प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वॉन्टेड थे। इन दोनों ने आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए गए।

दोनों के पास से विदेशी कई हथियार बरामद किए गए हैं।  गौरतलब है कि अतीक अहमद कल ही साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया है। जिसके बाद उसका तबीयत बिगड़ गया था और उसका इलाज चल रहा है। अतीक अहमद ने पूरे परिवार को मिट्टी में मिला देने और बेटे असद का  एनकाउंटर की आशंका प्रकट की थी और बच्चों तथा पत्नी को परेशान नहीं किए जाने की अपील उत्तर प्रदेश सरकार से की थी। जबकि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया राज को खत्म करके माफिया गिरी करने वाले को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी। बताया जाता है कि अतीक अहमद को जब असद के एनकाउंटर के बारे में जानकारी मिला तो वह फूट-फूट कर रोने लगा, उसे उस समय कोर्ट में पेश किया जा रहा था।

अतीक अहमद का असद सबसे छोटा बेटा था और लखनऊ के एक नामी स्कूल से पढ़ाई की थी। बताया जाता है कि अतीक अहमद के दो बड़े बेटे के जेल चले जाने के बाद असद इन दिनों गिरोह का संचालन कर रहा था। अब उत्तर प्रदेश एसटीएफ अतीक अहमद की फरार पत्नी को तलाश रही है । पत्नी शाइस्ता परवीन पर 50 हजार इनाम घोषित किया गया था ।
48 दिन तक यूपी एसटीएफ की 18 टीमें दिन रात सिर्फ एक शख्स को तलाश रही थी. वो शख्स था उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और बाहुबली अतीक अहमद का बेटा असद अहमद. असद झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान मारा गया है.

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के 48 दिन बाद यूपी पुलिस की एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया है. उमेश की हत्या के बाद से ही असद फरार था और उस पर यूपी पुलिस ने 5 लाख रुपए का इनाम रखा था. असद के साथ शूटर गुलाम मोहम्मद भी मारा गया है.

उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने असद, गुड्डू मुस्लिम समेत 5 लोगों को आरोपी बनाया था, जिस पर बाद में इनाम भी रखा गया. डेढ़ महीने बाद एसटीएफ के इस एक्शन पर उमेश पाल की पत्नी ने खुशी जताई है. वहीं बेटे की हत्या की खबर सुन अतीक अहमद कोर्ट रूम में ही रोने लगा.

12वीं पास असद ने हाल ही में अतीक का कारोबार संभाला था. उमेश पाल की हत्या के बाद से ही असद पुलिस की रडार पर था. आइए इस स्टोरी में असद अहमद एनकाउंटर की पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं…

प्रयागराज से झांसी वाया बहराइच और भूटान सीमा
24 फरवरी को शूटर के साथ उमेश पाल की हत्या करने के बाद असद और उसके दोस्त लखनऊ के रास्ते बहराइच भाग गया. बहराइच यूपी के तराई इलाके में आता है और नेपाल बॉर्डर के समीप है. असद और गुड्डू मुस्लिम यहां पर एक होटल में भी ठहरा और अगले दिन फिर नेपाल की ओर भाग गया.

उमेश पाल हत्या के बाद जब सियासत गर्माई तो यूपी पुलिस ने एसटीएफ को कमान सौंप दी, जिसके बाद 18 टीमों का गठन किया गया. एसटीएफ ने असद और उससे जुड़े शूटरों का लोकेशन ट्रैस करना शुरू कर दिया. इसकी भनक लगते ही असद रोज सिम बदलने लगा.

असद और गुड्डू मुस्लिम भूटान की सीमा तक गया. यूपी एसटीएफ को असद और गुड्डू मुस्लिम के एक साथ होने का लास्ट लोकेशन भूटान सीमा पर ही मिला था. दोनों इसके बाद अलग हो गए.

असद इसके बाद गाजियाबाद और नोएडा आया, जहां उसने 4 अलग-अलग लोकेशन पर रुका. असद इस दौरान दिल्ली में भी 2 अलग-अलग लोकेशन पर रात में रुका. एसटीएफ को इसकी भनक लगी तो नोएडा-गाजियाबाद में घेराबंदी कर दी.

इसी बीच एसटीएफ को उसके झांसी से 30 किलोमीटर दूर बड़ागांव के पास होने की सूचना मिली, जिसके बाद डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व में 10 लोगों की टीम ने उसका पीछा किया.

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने पत्रकारों को बताया कि हम असद को जिंदा पकड़ना चाहते थे, लेकिन वहां मुठभेड़ शुरू हो गई. एनकाउंटर शुरू होने के कुछ देर बाद ही असद और गुलाम मारा गया.

4400 सिम कार्ड ट्रेस पर लगा था, 9 राज्यों में छापा पड़ा
उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस को यह बात पता चल चुकी थी कि असद ने फोन और सिम दोनों बदल लिया है. उसने टीम के सभी सदस्यों को नया फोन और कई सिम कार्ड दिया था. सभी को व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के लिए कहा था.

रिपोर्ट के मुताबिक असद को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ ने करीब 4400 सिम कार्ड को ट्रेस पर रखा था. साथ ही उसकी लोकेशन जानने के लिए 9 राज्यों में छापेमारी की गई थी. यूपी एसटीएफ ने असद को पकड़ने के लिए करीब 600 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की थी.

 

विधायक राजू पाल की हत्या के  गवाह उमेश पाल हत्याकांड में अतीक पर आरोप है कि उसने जेल से फोन पर शूटरों को हत्या करने के लिए कहा था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आईफोन से अतीक अपने बेटे असद, भाई अशरफ और अन्य शूटर से जुड़ा था।  जिसके बाद उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी.

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