कॉन्ग्रेस MP की अंग्रेज बीवी का ISI से है कनेक्शन? असम CM की पोस्ट से छिड़ी बहस, दावा- जो लेते हैं जॉर्ज सोरोस से पैसा उनसे भी जुड़ा है कॉन्ग्रेस सांसद का NGO

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कॉन्ग्रेस नेता गौरव गोगोई पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस सांसद का नाम लिए बिना उनकी पत्नी की नागरिकता और उनके ISI से सम्बन्धों के आरोप लेकर भी बात की है। उन्होंने इससे उठे प्रश्नों का जवाब माँगा है।
एक्स (पहले ट्विटर) पर असम मुख्यमंत्री ने लिखा, “ISI से संबंधों के आरोप, युवाओं के ब्रेनवॉश और उनको पाकिस्तानी दूतावास में कट्टरपंथी बनाने समेत पिछले 12 साल से भारतीय नागरिकता ना लेने पर उठे सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, धर्मांतरण कार्टेल से जुड़ा होना और देश की सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस समेत पैसा लेना ऐसी चिंताएँ हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।”
जहाँ हिमंत बिस्वा सरमा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ है कि वह कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के बारे में बात कर रहे थे। दोनों की शादी 20 13 में हुई थी। 12 साल बाद भी कोलबर्न ने अपना ब्रिटिश पासपोर्ट बरकरार रखा है। उन्होंने भारत की नागरिकता नहीं ली है।
हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी सवाल उठाया कि एक सांसद की पत्नी को इतने लंबे समय तक विदेशी नागरिकता बनाए रखने की अनुमति क्यों दी गई है, जबकि राजनयिकों के लिए एक अलग नियम है। उन्होंने IFS अधिकारियों की विदेशी नागरिक से शादी को लेकर नियम पर बात की। इसके तहत उन्हें अनुमति लेनी होती है और उनके साथी को 6 महीने में नागरिकता लेनी होती है।
गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ वर्तमान में ऑक्सफोर्ड पॉलिसी मैनेजमेंट के लिए काम कर रही हैं, जो जलवायु मुद्दों पर काम करता है। वह दिल्ली में क्लाइमेट एंड डेवलपमेंट नॉलेज नेटवर्क (CDKN) में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर भी काम करती हैं।
असम के सीएम उन पर सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों का जिक्र कर रहे थे। इन आरोपों के अनुसार, एलिजाबेथ अली तौकीर शेख के जरिए ISI से जुड़ी हैं, जो CDKN के एशिया का डायरेक्टर है। उसने पाकिस्तान योजना आयोग में भी काम किया है। एलिजाबेथ ने पाकिस्तान में तौकीर शेख के साथ मिलकर काम किया।
गौरव गोगोई के NGO पर FCRA उल्लंघन का आरोप
इससे पहले गौरव गोगोई ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि मणिपुर में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भाजपा जॉर्ज सोरोस और उनके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का मुद्दा उठा रही है। दिलचस्प बात यह है कि गौरव गोगोई के सोरोस से पैसे लेने वाले संगठनों से संबंध हैं।
गौरव गोगोई फार्म 2 फूड के नाम के NGO के संस्थापक हैं। जोरहाट में स्थित इस NGO का सहयोगी नेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (NFI) है। यह संगठन जॉर्ज सोरोस और अन्य डीप स्टेट से पैसा लेता है। NFI ने जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और रॉकफेलर फाउंडेशन को फंड देने वालों के रूप में बताया है।
ये सभी संगठन भारत सहित दुनिया भर में राष्ट्रवादी सरकारों के खिलाफ काम करने वाले डीप स्टेट के एसेट के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कई भारत विरोधी अभियानों को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, फार्म 2 फूड को FCRA लाइसेंस नहीं मिला हुआ है। ऐसे में यह विदेशी चन्दा नहीं ले सकता।
इसके बावजूद, यह NGO विदेशी संगठनों के साथ काम कर रहा है, जिससे सवाल उठता है कि क्या समूह FCRA कानूनों का प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है। फार्म 2 फूड ने स्विस रे फाउंडेशन को भी अपने सहयोगी के तौर पर दिखाया है। स्विस रे द्वारा संचालित फाउंडेशन जलवायु और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर काम करता है।
इसकी वेबसाइट बताती है कि यह अन्य सहायता के अलावा अपने भागीदारों को फंड भी देता है। फार्म 2 फूड की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसे उस वर्ष ₹1 लाख 80 हजार का डोनेशन और ₹14 लाख 74 हजार का चन्दा मिला। हालाँकि, इसमें पैसा देने वालों का नाम नहीं है। इसलिए, यह पता नहीं लगाया जा सकता कि इसे सीधे तौर पर कोई विदेशी फंडिंग मिली है या नहीं।