हालांकि अनिल देशमुख गृहमंत्री ने कहा मानहानि का केस करूँगा जांच करवाऊंगा,पहले क्यों नही कहा पर इस्तीफे की बात नही कहि ।
नीचे पढ़िए वह चैट जिसने 100 करोड़ महीने की पोल खोल दी
महाराष्ट्र (Maharashtra) में एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ें मिलने और मनसुख हिरेन की मौत (Mansukh Hiren Death Case) के मामले ने सूबे का सियासी पारा बढ़ा दिया है. शनिवार को मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया है कि अनिल देशमुख हर महीने 100 करोड़ रुपये मांगते थे. पत्र में उन्होंने और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोपों के बाद अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग उठने लगी है. BJP ने मांग की है कि अनिल देशमुख को तुरंत पद से हटाया जाए, वहीं MNS अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी अनिल देशमुख से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह ने जो पत्र लिखा है वो शॉकिंग है. ये महाराष्ट्र की छवि को खराब करने वाला है. इस बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख के बंगले पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने और ACP संजय पाटिल के बीच 16 से 19 मार्च को हुई बातचीत का जिक्र भी किया है.
ये रही पूरी बातचीत
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 4.59 pm
पाटिल, होम मिनिस्टर और पलांडे ने तुम्हें कितने बार, रेस्टोरेंट और ऐसे ही इस्टैब्लिशमेंट बताए थे. तुम उनसे फरवरी में कब मिले थे और कितना एक्सपेक्टेड कलेक्शन तुम्हें बताया गया था.
जब परमबीर सिंह के मैसेज का ACP पाटिल ने रिप्लाई नहीं किया तो उन्होंने एक और मैसेज किया-
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 05.00 pm
अर्जेंट प्लीज
ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.18 pm
1750 बार और इस्टैब्लिशमेंट, हर इस्टैब्लिशमेंट से 3 लाख रुपये. इसके हिसाब से हर महीने में 50 करोड़ रुपये का कुल कलेक्शन.
ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.23 pm
पलांडे ने डीसीपी इंफोर्समेंट (राजू भुजबल) के सामने 4 मार्च को बताया था.
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 5.25 pm
और तुम इससे पहले HM से कब मिले थे.
ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.26 pm
हुक्का ब्रीफिंग से चार दिन पहले.
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 5.27 pm
और वझे HM से कौन सी तारीख को मिला था?
ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.33 pm
Sir, वो तारीख मुझे नहीं पता है.
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 7.40 pm
तुमने बताया था कि वो तुम्हारी मीटिंग से कुछ दिन पहले मिला था.
ACP पाटिल: 16 मार्च, 8.33 pm
Yes Sir, लेकिन वो फरवरी महीने के आखिर में हुआ था.
परमबीर सिंह: 19 मार्च, 8.02 pm
पाटिल, मुझे कुछ और इन्फॉर्मेशन चाहिए. क्या वझे, HM से मिलने के बाद तुमसे मिला था?
ACP पाटिल: 19 मार्च, 8.53 pm
Yes Sir, वझे HM से मीटिंग के बाद मुझसे मिला था.
परमबीर सिंह: 19 मार्च, 9.01 pm
क्या वझे ने तुम्हें कुछ बताया था कि वो HM से क्यों मिला था?
ACP पाटिल: 19 मार्च, 9.12 pm
Sir, वझे ने मुझे मीटिंग की वजह बताई थी कि 1750 इस्टैब्लिशमेंट हैं जिनसे उसे हर महीने 3 लाख रुपये उनके लिए (HM) कलेक्शन करने थे. जो करीब 40 करोड़ से 50 करोड़ होता है.
परमबीर सिंह: 19 मार्च, 9.13 pm
Oh ये तो वही बात है जो तुम्हें HM ने बोली थी.
ACP पाटिल: 19 मार्च, 9.15 pm
4 मार्च को पलांडे ने वही बात कही.
परमबिर सिंह: 19 मार्च, 9.19 pm
Oh yes, तुम पलांडे को 4 मार्च को मिले थे?
ACP पाटिल: 19 मार्च 9.17 pm
यस सर मुझे बुलाया गया था.
100 करोड़ महीना वसूली का टारगेट: परमबीर सिंह
परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा, ‘सचिन वझे को अनिल देशमुख ने वसूली करने को कहा था. सचिन वझे ने खुद मुझे इस बारे में बताया था.’ परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे को कई बार उनके सरकारी निवास पर बुलाया था और हर महीने 100 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया था. आरोप के मुताबिक, ‘देशमुख ने वझे से ये कहा था कि मुंबई में 1750 बार और रेस्टारेंट हैं. हर एक से दो-तीन लाख रुपये महीना वसूला जाए तो 50 करोड़ बन जाते हैं बाकी रकम अन्य जगह यानी सोर्स से वसूली जा सकती है.’
सांसद सुसाइड केस में भी बनाया दबाव
परमबीर सिंह ने पत्र में दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के सुसाइड केस में भी दबाव डालने का आरोप लगाया. परमबीर सिंह के आरोपों के मुताबिक गृहमंत्री अनिल देशमुख पहले दिन से ही चाह रहे थे कि खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज हो. परमबीर सिंह ने इस मामले में लिखा, ‘मेरी राय थी कि अगर किसी तरह का खुदकुशी के लिए उकसाने का काम हुआ भी है तो ये मामला मुंबई की बजाय दादरा नगर हवेली में दर्ज होना चाहिए.’
गृह मंत्री की सफाई
इस बीच राज्य के गृह मंत्री देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने ट्वीट करके इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. देशमुख ने लिखा कि संबंधित मामलों में खुद को बचाने के लिए ये भ्रामक आरोप लगाए गए हैं.