पाकिस्तान की मीडिया इकाई ISPR ने एक बयान में कहा था कि यह पाकिस्तान की सॉलिड-ईंधन से चलने वाले बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है जो परमाणु हथियार ले जा सकती है. इसका सबसे पहला टेस्ट 2015 में किया गया था. पाकिस्तान की सभी मिसाइल प्रणालियों में से इसकी रेंज सबसे ज्यादा है. इससे पहले टेस्ट की गईं शाहीन-1 की क्षमता 900 किलोमीटर दूर तक मार करने की है जबकि शाहीन-2 परमाणु हथियारों के साथ 1500 किलोमीटर दूर मार कर सकती है. लेकिन शाहीन-3 परमाणु हथियारों के साथ 2,750 किलोमीटर दूर तक मार सकती है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है. शाहीन-3 मिसाइल के सफल परीक्षण की खबर झूठी निकली है. बलूच नेता ने इस बात का खुलासा किया है. इसके बाद से ही पाकिस्तान सरकार की किरकिरी हो रही है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) ने बीते बुधवार को दावा किया था कि उसने परमाणु हथियार ले जाने वाली क्षमता से लैस बैलेस्टिक मिसाइल शाहीन-3 (Shaheen-III) का सफल परीक्षण किया है. जिसके बाद राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भी बधाई दी थी. हालांकि अब पाकिस्तान के ही एक नेता ने इसके खिलाफ आवाज उठा दी. उन्होंने दावा किया कि यह मिसाइल बलूचिस्तान में जाकर गिर गई, जिसमें पांच लोग घायल हो गए.
PAK ने बलूचिस्तान को लैबोरेट्री में बदला
बलूच रिपब्लिकन पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता शेर मोहम्मद बुगती (Sher Mohammad Bugti) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा, ‘पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान को लैबोरेट्री में तब्दील कर दिया है. डेरा गाजी खान से सेना द्वारा टेस्ट की गई शाहीन -3 मिसाइल बलूच के मट्ट, डेरा बुगती के रिहायशी इलाकों में आ गिरी. जिसमें कई लोगों के घर तबाह हुए और दो महिलाएं, दो बच्चों सहित पांच लोग घायल हो गए.’
एक्टिविस्ट फाजिला बलूच (Fazila Baloch) ने कहा कि बलूचिस्तान हमेशा पाकिस्तानी सेना के घातक हथियारों के प्रयोगों का केंद्र रहा है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने तीन शाहीन मिसाइलों का परीक्षण किया जो डेरा बुगती में गिरीं, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. 1998 में पाकिस्तान ने अपनी परमाणु मिसाइल का परीक्षण चघी में किया था. इस परीक्षण में बुरी तरह घायल लोगों की तस्वीरें उन्होंने ट्विटर पर साझा की.