Tuesday, October 8, 2024
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सीरियल किलर जावेद इकबाल,100 से ज्यादा बच्चों और महिलाओं का कातिल

आपने कई सीरियल किलर्स के बारे में सुना होगा, जिन्होंने कई हत्याएं की, लेकिन पाकिस्तान का एक ये सीरियल किलर सबसे अलग और सबसे खूंखार था। खूंखार इसलिए क्योंकि उसने एक दो नहीं बल्कि 100 बच्चों का बेरहमी से कत्ल किया था। इन बच्चों की उम्र छह साल से लेकर 16 साल के बीच थी। इसमें सबसे हैरानी की बात ये थी कि उस सीरियल किलर ने 100 बच्चों को मारने की कसम खाई थी और उसने पूरे के पूरे 100 बच्चों के ही कत्ल किए, न एक भी ज्यादा और न एक भी कम और उसके बाद उसने सरेंडर भी कर दिया था। इस सीरियल किलर का नाम था जावेद इकबाल। दिसंबर 1999 की बात है। लाहौर के एक उर्दू अखबार के संपादक को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें लिखा था, ‘मेरा नाम जावेद इकबाल है और मैंने 100 बच्चों का कत्ल किया है और उनकी लाश को तेजाब डालकर गला दिया।’ उसने चिट्ठी में ये भी बताया था कि उसने जितने भी बच्चों का कत्ल किया था, उसमें से अधिकतर घर से भागे हुए या अनाथ थे।

पाकिस्तान का सबसे खूंखार सीरियल किलर जावेद इकबाल
दरअसल, यह घटना दिसंबर 1999 की है और सीरियल किलर का नाम जावेद इकबाल था। लाहौर के एक उर्दू अखबार के संपादक को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें लिखा था, ‘मेरा नाम जावेद इकबाल है और मैंने 100 बच्चों का कत्ल किया है और उनकी लाश को तेजाब डालकर गला दिया।’ जावेद ने अपनी चिट्ठी में ये भी बताया कि उसने जितने भी बच्चों का कत्ल किया था, उसमें से अधिकतर घर से भागे हुए या अनाथ थे।

सीरियल किलर जावेद इकबाल के घर से बरामद कंटेनर –
बता दें कि जावेद इकबाल ने अपनी चिट्ठी में उस जगह का भी जिक्र किया था, जहां उसने सारे बच्चों का कत्ल किया था। जावेद ने अपने जुर्म को कबुल करते हुए एक चिट्ठी लाहौर पुलिस को भी भेजी थी। हालांकि, पुलिस ने जावेद की चिट्ठी को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अखबार के संपादक ने इस बात को गंभीरता से लिया और चिट्ठी में बताए गए जगह पर अपना एक पत्रकार भेजा। उस जगह पर पहुंचने के बाद पत्रकार ने एक घर के अंदर खून का निशान देखा। इतना ही नहीं वहां पर दो बड़े बैग में बच्चों के जूते और कपड़े पड़े थे।

साथ ही वहां एक डायरी भी थी, जिसमें बच्चों के नाम और उनके बारे में जानकारी लिखी हुई थी। वहीं घर के बाहर हाइड्रोक्लोरिक एसिड से भरे दो कंटेनर भी थे, जिसमें बच्चों की हड्डियों के ढांचे थे। ये सब देखने के बाद पत्रकार तुरंत अपने दफ्तर पहुंचा और

और संपादक को सारी बातें बताई। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई।

 

सीरियल किलर
रावी नदी, पाकिस्तान (प्रतीकात्मक तस्वीर) – फोटो : सोशल मीडिया
सूचना मिलने पर पुलिस की टीम जावेद इकबाल के उस ठिकाने पर पहुंची और कत्ल के सारे सबूत बरामद किए। इसके साथ ही पुलिस को वहां एक नोटबुक मिला, जिसमें चिट्ठी में लिखी बातों के साथ ये भी लिखा गया था कि कत्ल के सबूत के तौर पर मैंने कुछ लाशों को छोड़ रखा है, जिन्हें मैं ठिकाने नहीं लगा पाया। मैं रावी नदी में कूदकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। पुलिस ने इसपर तुरंत एक्शन लेते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया और रावी नदी का कोना-कोना छान मारा। यह पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन था, लेकिन जावेद की लाश कहीं बरामद नहीं हुई।

सीरियल किलर
पाकिस्तान का सबसे खूंखार सीरियल किलर जावेद इकबाल – फोटो : सोशल मीडिया
मामले की छानबीन करते हुए पुलिस ने जावेद के दो साथियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान ही इसमें से एक ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इन सब के बीच ही जावेद इकबाल उसी उर्दू अखबार के दफ्तर में, जहां उसने पहले चिट्ठी भेजी थी। वह संपादक से मिला और इंटरव्यू देने की बात कही और कहा कि वह सरेंडर करने आया है। जब उसका इंटरव्यू खत्म हुआ, तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

सीरियल किलर
पुलिस ने जब जावेद से बच्चों का कत्ल करने की वजह के बारे में पूछा, तो उसने बेहद ही हैरान करने वाली बात बताई। जावेद ने बताया कि जब मेरी उम्र 20 साल थी, तब मुझे साजिश के तहत फंसाकर दुष्कर्म के इल्जाम में जेल भेज दिया गया। जबकि मैंने ऐसा कुछ किया ही नहीं था। इस दौरान उसकी मां हमेशा जेल में उससे मिलने आती थी, लेकिन बेटे की रिहाई के इंतजार में एक दिन उसकी मां की मौत हो गई, जिसके बाद उसने कसम खाई कि जैसे उसकी मां ने रोते-रोते अपनी जान गंवाई है, वैसे ही वो कम से 100 बच्चों की माताओं को रुलाएगा। इसके बाद उसकी हत्या करने का सिलसिला शुरू हुआ।

सीरियल किलर
पाकिस्तान का सबसे खूंखार सीरियल किलर जावेद इकबाल – फोटो : सोशल मीडिया
जावेद के मुताबिक, वो बच्चों को बहला-फुसलाकर या जबरदस्ती उन्हें लाहौर के शादबाग वाले अपने घर में लाता था, जो एक सूनसान इलाके में था। फिर वहां बच्चों से दुष्कर्म करता था और उन्हें लोहे की एक जंजीर के सहारे गला घोंट कर मार देता था। इसके बाद वो लाश को छोटे छोटे टुकड़ों में काटता और उन टुकड़ों को एसिड में डुबो कर पूरी तरह गला देता। उसके बाद भी अगर कोई टुकड़ा बच जाता, तो उसे ले जाकर नदी में फेंक देता था। जावेद ने जब पुलिस को सारे बयान दे दिए और अपना जुर्म कबूल कर लिया तो उसे 16 मार्च, 2000 को अदालत में पेश किया गया।

सीरियल किलर
प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो : Pixabay
अदालत ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस तरह जावेद इकबाल ने बेरहमी से 100 बच्चों का कत्ल किया, ठीक उसी तरह पहले उसका 100 बार गला घोंटा जाए। फिर उसकी लाश को 100 टुकड़ों में काटा जाए और उन टुकड़ों को एसिड से गला दिया जाए। हालांकि, दुनियाभर के देशों को जब इस कठोर फैसले के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसका विरोध किया, जिसके बाद फैसले को पलट दिया गया और फैसला किया गया कि जावेद इकबाल को फांसी पर लटकाया जाएगा।

सीरियल किलर
प्रतीकात्मक तस्वीर –
हालांकि, फांसी होने से पहले ही 8 अक्तूबर 2001 की सुबह कोट लखपत जेल में जावेद और उसके एक साथी की लाश मिली। उनकी लाशें छत में लगी सरिया के सहारे लटक रही थीं। उनके हाथ-पैर नीले पड़ गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जेल में ही उन दोनों का खून किया गया था। पहले उन्हें जहर दिया गया था और फिर उन्हें बेडशीट के सहारे सरिया से लटका दिया गया था। लेकिन जेल अधिकारियों ने इसको खुदकुशी माना था। बता दें कि इस मामले में कई जेल कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया था।

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