Sunday, September 8, 2024
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राहुल गांधी ने मगरमच्छों से छुड़ाई कांग्रेस: दिग्विजय, कमलनाथ, भूपेश बघेल सब किनारे 30 साल लगे

विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से किनारा करने का मन बना लिया है। कमलनाथ को हटाकर उनके विरोधी माने जाने वाले जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है।

साथ ही गोविंद सिंह की जगह उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष की भूमिका सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष की तरह उमंग और हेमंत भी कमलनाथ और दिग्विजय के विरोधी खेमे के हैं।

वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरोधी खेमे के माने जाने वाले दीपक बैज पर फिर से भरोसा जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है, तो बघेल विरोधी खेमे के चरण दास महंत को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है। चुनाव हारने के बाद बघेल नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कोशिश कर रहे थे।

आदिवासी नेता उमंग सिंघार चार बार के विधायक है। 2018 से 2020 तक वन मंत्री रहे। जीतू पटवारी दो बार के विधायक रहे हैं। वे पहली बार 2013 में राऊ विधानसभा सीट से चौंदहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वे वर्तमान में कांग्रेस सचिव और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी है।

विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के 12 दिन बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में बड़ा फेरबदल किया है। कमल नाथ और दिग्विजय युग की समाप्ति करते हुए 30 वर्ष बाद कांग्रेस ने पीड़ी परिवर्तन को अंजाम दिया है। 77 वर्ष के कमल नाथ को हटाकर कांग्रेस ने 49 साल के जितू पटवारी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।आदिवासी कार्ड खेलते हुए कांग्रेस ने उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष के पद पर बिठाया है।

ग्वालियर-चंबल को साधने के लिए ब्राह्मण चेहरा हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस के इस बदलाव को लोकसभा चुनाव 2024 की तैसारी के हिसाब से देखा जा रहा है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद से ही कयास रहे थे कि कांग्रेस पराजय की जिम्मेदारी तय करके कमल नाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाएगी। इस बारे में कमल नाथ ने टवीट कर नवनियुक्त नेताओं को शुभकामनाएं तो दी लेकिन स्वयं को हटाए जाने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।

विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल किया है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है और कांग्रेेस 66 सीटों पर सिमट कर रह गई है। चुनाव में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार की समीक्षा हुई थी। समीक्षा बैठक में कमल नाथ, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह सहित सारे वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बैठक में हार के कारणों को लेकर बातचीत हुई थी।

नेतृत्व परिवर्तन के लगाए जा रहे थे कयास

इसके बाद लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन होगा। जीतू पटवारी दो बार के विधायक रहे हैं। वे पहली बार 2013 में राऊ विधानसभा सीट से चौंदहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वे वर्तमान में कांग्रेस सचिव और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी है। इस विधानसभा चुनाव में राऊ सीट पर चुनाव लड़े जीतू पटवारी को भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा ने हराया है। जीतू पटवारी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं।

कमल नाथ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे 49 वर्षीय जीतू पटवारी 2018 के चुनाव में मीडिया विभाग के अध्यक्ष और इस विधानसभा चुनाव में कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे। युवा नेता जीतू पटवारी तेजतर्रार नेता माने जाते हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और पूरा प्रदेश घूमा हुआ है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और नेता प्रतिपक्ष रही स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे आदिवासी नेता उमंग सिंघार चार बार के विधायक है। 2018 से 2020 तक वन मंत्री रहे।

कांग्रेस द्वारा विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से साफ हो गया कि दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मुखरता रख उनके काले कारनामों की समय-समय पर पोल खोलने का इनाम उमंग सिंघार को दिया है।- आशीष अग्रवाल, मीडिया प्रभारी, मप्र भाजपा

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