27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव अक्टूबर में कराए जा सकते हैं। इसके लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने प्रारंभिक तैयारियां पूरी कर ली हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मतदान केंद्रों की अधिकतम मतदाता संख्या 1000 तक सीमित की जा रही है। उपचुनाव के लिए 2500 से ज्यादा मतदान केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की पहले दौर की जांच पूरी कराई जा चुकी है। चुनाव कार्य के लिए अधिकारी और कर्मचारी भी चिन्हित कर लिए गए हैं। चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश मिलते ही आगे की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि उपचुनाव कराने के लिए जो भी प्रारंभिक तैयारियां करनी होती हैं, वह की जा चुकी हैं। अभी उपचुनाव वाले 27 विधानसभा क्षेत्रों में 6700 के आसपास मतदान केंद्र हैं। इनकी संख्या 2500 से ज्यादा बढ़ेगी। अधिकांश कलेक्टरों ने इसके प्रस्ताव भी दे दिए हैं, जिनका परीक्षण कर अंतिम निर्णय के लिए चुनाव आयोग को भेजा गया ।
चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों ने कर्मचारी चुन लिए हैं। वहीं, उपचुनाव में लगने वाली ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पहले दौर की जांच करा ली गई है। मतदान केंद्र में अन्य जो व्यवस्थाएं लगती हैं, उसके संबंध में चुनाव आयोग से मार्गदर्शन अभी प्राप्त नहीं हुआ है। इसके आधार ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग जल्द जारी करेगा दिशा-निर्देश
सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग मतदान कराने को लेकर जल्द ही दिशा-निर्देश भेजने वाला है। इसको लेकर सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से सुझाव लिए जा चुके हैं। इसके आधार पर आयोग प्रक्रिया तय करेगा, जिसके तहत चुनाव संचालन होगा।
इस बार राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के तौर-तरीके भी बदलने होंगे और इन पर नजर रखने की व्यवस्था भी आयोग को बनानी होगी। संभावना जताई गई है कि आयोग अक्टूबर में त्योहारों की स्थिति को देखते हुए चुनाव की तारीखें तय कर सकता है।
कोरोना की स्थिति पर रखी जा रही नजर
उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी उपचुनाव वाले सभी जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। कलेक्टरों से प्रतिदिन रिपोर्ट बुलवाई जा रही है और इसे चुनाव आयोग को भी भेजा जा रहा है।