ये श्री शंकरनारायणन जी है, वह व्यक्ति जिसने अपनी बेटी की क्रूर हत्या का बदला लिया ।
केरल के मलप्पुरम के चारणकावु निवासी, जिनके दो बेटों के बाद पैदा हुई एकमात्र बेटी कृष्णा प्रिया, एक अनमोल बच्चा, अपने माता-पिता की आँखों का तारा लेकिन भाग्य क्रूर था।
कृष्णा प्रिया सिर्फ़ 13 साल की थी और सातवीं कक्षा की छात्रा थी, एक दिन वो लापता हो गई। उसके पिता ने जंगल में घर से सिर्फ़ 200 मीटर दूर उसकी बेजान लाश को बेरहमी से क्षत-विक्षत हालत में पाया… पेट्रोल लैंप की मंद रोशनी में वह अपनी प्यारी बेटी को मुश्किल से पहचान पा रहा था। उसकी दुनिया ढह गई !!
पुलिस ने जल्द ही इस जघन्य अपराध के पीछे के राक्षस मुहम्मद कोया को गिरफ्तार कर लिया, जो एक करीबी पड़ोसी और परिवार का परिचित था। लेकिन न्याय क्षणभंगुर था। एक साल के भीतर ही हत्यारा जमानत पर रिहा होकर सड़कों पर बेशर्मी से घूमता रहा।
उस दिन शंकरनारायणन ने अपना फैसला सुनाया !! अगर कानून विफल हो गया तो एक पिता का न्याय जीतेगा..!!
जंगली सूअरों का शिकार करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उसी एक बैरल वाली बंदूक से उसने उस जानवर मोहम्मद कोया का वध किया,जिसने उसकी बेटी को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। उसके हाथ नहीं काँप रहे थे…
उनकी अंतरात्मा नहीं डगमगायी…
उसने अपनी बेटी का बदला लिया और फिर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
कानून ने उसे अपराधी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन बाद में उच्च न्यायालयों ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया। अंतरात्मा और न्याय की अदालत में वह कभी दोषी नहीं था… वह विजयी था।!!
एक ऐसा व्यक्ति, जिसने साबित किया कि पिता अपने बच्चों के लिए सिर्फ छत नहीं, बल्कि पूरा आसमान होता है ।
कल ये बहादुर पिता इस दुनिया को छोड़कर चल गए है, इस पुण्य पवित्र आत्मा को ईश्वर अपने श्री चरणों मे स्थान प्रदान करे, शत शत नमन 💐🙏