Friday, October 4, 2024
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20 किसान संगठन बिल के पक्ष में,सरकार के साथ आये,कोई जरूरत नही कानून हटाने की

किसान संगठनों ने कृषिमंत्री को सौंपा ज्ञापन, कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने की मांग

नई दिल्ली।
हरियाणा के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर समर्थन जताया है। प्रतिनिधिमंडल ने तीनों कानूनों को निरस्त करने के बजाय उनमें कुछ संशोधन की मांग की है। खबरों के मुताबिक 20 किसान संगठनों ने कृषिमंत्री से मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने यह समर्थन ऐसे समय जताया है, जब हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने इसे प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधिमंडल बताया।

उन्होंने कहा कि पद्मश्री से सम्मानित कमल सिंह चव्हान की अगुवाई में समूह के सदस्यों ने तोमर से मुलाकात की और सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया। हालांकि प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार को इन कानूनों के कुछ प्रावधानों को संशोधन करना चाहिए, इसे निरस्त करने की जरूरत नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु शामिल हैं।

बैठक भारत बंद से एक दिन पहले हुई। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बैठक 9 दिसंबर को प्रस्तावित है।
सरकार और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के बीच 5 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। विरोध कर रहे किसान इन कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग पर अड़े हैं। सरकार का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इनसे किसानों को उपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। (भाषा)

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