सबसे ज्यादा मुसलमान आबादी वाले देश इंडोनेशिया में सोमवार को पुलिस के साथ झड़प में एक कट्टरपंथी मौलवी के छह समर्थकों की मौत हो गई है। जकार्ता पुलिस प्रमुख फादिल इमरान ने बताया कि इस मुठभेड़ में मारे गए छह संदिग्ध कट्टरपंथी इंडोनेशियाई इस्लामिक धर्मगुरू RIZIK SHABABके समर्थक थे। रिजीक शिहाब के ऊपर पोर्नोग्राफी में लिप्त रहने और देशद्रोह का आरोप है। लंबे समय तक सऊदी अरब में निर्वासन की जिंदगी बिताने के बाद उनकी हाल में ही इंडोनेशिया वापसी हुई है।
पुलिस ने बताया कैसे हुई मुठभेड़
पुलिस ने बताया कि यह घटना रविवार देर रात हाईवे पर घटित हुई, जब पुलिस एक कार का पीछा कर रही थी। पुलिस को शक था कि इस कार में कट्टरपंथी मौलवी के समर्थक सवार थे। जैसे की पुलिस की गाड़ी कार के नजदीक पहुंची, वैसे ही कार सवारों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में कार सवार सभी छह हमलावर मारे गए।
कट्टरपंथी मौलवी हैं रिजीक शिहाब
रिजीक शिहाब को इंडोनेशिया के कट्टरवादी मौलवी के रूप में जाना जाता है। वे रूढ़िवादी इस्लामी समूह इस्लामिक डिफेंडर फ्रंट (FPI) के प्रमुख भी हैं। इस संगठन का इंडोनेशिया में काफी प्रभाव भी है। पोर्नोग्राफी और देशद्रोह का आरोप लगने के बाद उन्होंने 2017 में इंडोनेशिया को छोड़कर सऊदी अरब में शरण ले ली थी। मौलवी के समर्थकों का कहना है कि उनके ऊपर गलत और झूठे आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन्होंने कानून का सामना करने के बजाए देश छोड़कर भागना उचित समझा था।
स्वदेश लौटते ही विवादों मे घिरे मुस्लिम धर्मगुरु
कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मगुरु इंडोनेशिया लौटते ही फिर से विवादों में भी घिर गए। जकार्ता हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने के लिए सफेद रंग के इस्लामी कपड़े पहने हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई। इन दिनों इंडोनेशिया में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण किसी भी तरह की भीड़ पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इतना ही नहीं, उनके समर्थकों के बीच रिजीक शिहाब के हाथ को चूमने के लिए होड़ भी देखी गई।