Tuesday, April 30, 2024
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किसान आंदोलन में बड़ा ब्रेकथ्रू: 50% सहमति बन गयी,किसानों ने ट्रैक्टर रैली रदद् की

कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की बैठक से दोनों पक्ष ‘खुश’ नजर आए। इतना ही नहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत के दौरान बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई। तोमर ने किसान संगठनों से वार्ता के बाद यह दावा किया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांग एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने का मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर चार जनवरी को फिर चर्चा होगी।
छठे दौर की इस वार्ता में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और तोमर के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए। तोमर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसान संगठनों के साथ वार्ता ”सौहार्द्रपूर्ण वातावरण” में संपन्न हुई। उन्होंने कहा, ”आज की बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो चार विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें दो विषयों पर आपसी रजामंदी सरकार और यूनियन के बीच में हो गई है। पहला पराली जलाने से संबंधित कानून है। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में रजामंदी हो गई है।”
उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक, जो अभी अस्तित्व में नहीं आया है, को लेकर किसानों को आशंका है कि इससे उन्हें नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ”इस मांग पर भी दोनों पक्षों के बीच सहमति हो गई है। यानी 50 प्रतिशत मुद्दों पर सहमति हो गई है।” उन्होंने कहा, ”वार्ता बहुत ही सुखद वातावरण में संपन्न हुई। इससे दोनों पक्ष में अच्छे प्रकार के माहौल का निर्माण हुआ।”

तोमर ने तीनों कानूनों को रद्द करने की किसान संगठनों की मांग पर कहा कि जहां-जहां किसानों को कठिनाई है वहां सरकार ”खुले मन” से चर्चा को तैयार है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिए जाने की किसान संगठनों की मांग पर कोई सहमति नहीं हो सकी। उन्होंने कहा, ”कानून और एमएसपी के विषय में चर्चा अभी पूर्ण नहीं हुई है। चर्चा जारी है। हम चार जनवरी को दो बजे फिर से मिलेंगे और इन विषयों पर चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।”
केंद्र ने सोमवार को आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों का ”तार्किक हल खोजने के लिए आज (बुधवार को) अगले दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। सरकार और किसान संगठनों में पिछले दौर की वार्ता पांच दिसंबर को हुई थी। छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होनी थी, लेकिन इससे पहले गृह मंत्री शाह और किसान संगठनों के कुछ नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक में कोई सफलता न मिलने पर इसे रद्द कर दिया गया था।

दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी सरकार के साथ बातचीत से ‘थोड़ा’ खुश नजर आए। उन्होंने कहा, “हम कुछ तो संतुष्ट है। दो मांगों को मान लिया गया है। अगली बैठक में हम MSP और 3 क़ानूनों को लेकर सरकार से बात करेंगे। कल की ट्रैक्टर रैली को हमने स्थगित कर दिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।”

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