Thursday, May 16, 2024
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अमित शाह का फर्जी वीडियो बनाना भारी पड़ा,मुख्यमंत्री की लगेगी पेशी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके आधार पर कॉन्ग्रेस ने दावा किया था कि वो आरक्षण को खत्म करने की बातें कर रहे हैं। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज करने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन भेजा है। रेवंत रेड्डी, दिसंबर 2023 से न सिर्फ CM हैं, बल्कि पिछले 3 वर्षों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 54 वर्षीय रेवंत रेड्डी TDP 2017 में कॉन्ग्रेस में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें नेतृत्व देकर भरोसा जताया।

अब सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को दिल्ली पुलिस ने उन्हें समन भेजा है। कहा गया है कि वो 1 मई को पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएँ। साथ ही ये भी कहा गया है कि जाँच के लिए वो अपने फोन-लैपटॉप इत्यादि जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी साथ लेकर आएँ। ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ये FIR दर्ज की है। तेलंगाना कॉन्ग्रेस ने सबसे पहले अमित शाह के वीडियो से छेड़छाड़ कर उनका झूठा बयान प्रकाशित किया था।

इस मामले में सिर्फ रेवंत रेड्डी ही नहीं, बल्कि 5 अन्य लोगों को भी समन भेजा गया है जिनमें कुछ कॉन्ग्रेस के नेता हैं। इन सभी ने अमित शाह के डॉक्टर्ड वीडियो को शेयर किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया है कि समाज में विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से ये वीडियो प्रसारित किया गया, जिससे कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक शांति के भंग होने की आशंका है।

रेवंत रेड्डी को दिल्ली पुलिस के IFSO (साइबर सेल) के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। असल में अमित शाह ने आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस सत्ता में आएगी तो SC, ST और OBC का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को दे देगी, जबकि कॉन्ग्रेस ने वीडियो को एडिट कर कुछ और ही झूठ दुष्प्रचारित करवा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि वो पिछड़ों के आरक्षण की रक्षा करेंगे। वो कह चुके हैं कि आरक्षण कोई नहीं हटा सकता। इस मामले में पुलिस ने असम से रीतम सिंह नामक एक शख्स को गिरफ्तार भी किया है, जो असम में कॉन्ग्रेस का सोशल मीडिया देखता है।

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