हिंडेनबर्ग को औकात दिखा दी शेयर बाजार ने,
हिंडेनबर्ग के दलाल नेता भी फेल
बाजार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शुरुआती दौर में झटका खाने के बाद उसे ठेंगा दिखा दिया है। शुरुआती दौर में लग रहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण बाजार में एक बार फिर बड़ा नुकसान हो सकता है, अडानी ग्रुप सहित कुछ बड़ी कंपनियों को भी रिपोर्ट के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन शुरुआती दौर में कुछ नुकसान होने के बाद बाजार तेजी से संभला और अब यह बेहतर करने की दिशा में आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस समय बीएसई 80 हजार के अंक के आसपास ट्रेड कर रहा है। इस बीच यह प्रश्न बहुत महत्त्वपूर्ण हो गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का बाजार पर कोई असर क्यों नहीं हुआ जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही थी?
शेयर बाजार ने हिंडनबर्ग पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मामला भले ही ठंडा कर दिया हो, लेकिन राजनीतिक हलके में रिपोर्ट के कारण भारी तूफान आता दिखाई दे रहा है। भाजपा ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को देश की अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक सुनियोजित षडयंत्र बताया है। वहीं, विपक्ष आज भी इस मामले पर जेपीसी गठित कर इस मामले की जांच कराने की मांग कर रहा है।
काम आई सेबी की रणनीति
दरअसल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को ही सामने आ गई थी। रविवार को इसकी चर्चा के बाद सोमवार को बाजार खुलने के बाद बाजार में बड़ी हलचल होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही थी। सोमवार को भी शुरुआती संकेत इसी तरफ आगे बढ़ते दिखाई भी दे रहे थे, लेकिन जल्द ही बाजार संभल गया और एक बार फिर हरे निशान में पहुंच गया। माना जा रहा है कि इसके पीछे सेबी सहित कई एजेंसियों की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण रही जिसके कारण निवेशकों की गाढ़ी कमाई लुटने से बच गई।
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग का हौआ फुस्स साबित हुआ है। फिलहाल शेयर बाजार की चाल तो यही बता रही है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद हंगामा तो मचा, लेकिन निवेशकों ने इसे बहुत तवज्जो नहीं दी। शनिवार को रिपोर्ट आने के बाद सभी को सोमवार को इस पर बाजार के रिएक्शन का इंतजार था। बेशक, शुरू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर देखने को मिला। हालांकि, बाजार ने बाद में इसे भाव नहीं दिया। अलबत्ता, उसने वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख से संकेत लिया। अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति को लपेटा है।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को मामूली गिरावट देखने को मिली। हिंडनबर्ग की सेबी प्रमुख और उनके पति के खिलाफ विदेशी फंड में अघोषित निवेश को लेकर रिपोर्ट से बाजार में उठापटक की आशंका से निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। तीस शेयरों वाले सेंसेक्स में शुरुआत में तेज गिरावट आई थी। हालांकि, बाद में यह 56.99 अंक यानी 0.07 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 79,648.92 अंक पर बंद हुआ। सुबह के कारोबार में यह 479.78 अंक तक लुढ़क गया था। बाद में इसमें तेजी आई और यह 400.27 अंक चढ़ गया। लेकिन कारोबार समाप्ति से पहले यह नीचे आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 20.50 अंक यानी 0.08 फीसदी की गिरावट के साथ 24,347 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह नीचे में 24,212.10 अंक तक आया। ऊंचे में यह 24,472.80 अंक तक गया।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अडानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक, नेस्ले, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, जेएसब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल थे।
क्या है एक्सपर्ट्स का कहना?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘भारतीय बाजार स्थिर बंद हुआ। शुरुआत में बाजार पर अडानी-हिंडनबर्ग-सेबी रिपोर्ट का असर हुआ। हालांकि, बाजार ने इसको नकार दिया। वैश्विक स्तर पर उसने सकारात्मक रुख से संकेत लिया।’
हिंडनबर्ग के ताजा आरोप क्या?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी से जुड़े विदेशी फंड में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी फंड में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने समूह में धन की हेराफेरी को लेकर इस्तेमाल किया।
बुच कपल ने आरोपों को बताया निराधार
बुच और उनके पति धवल ने आरोपों को निराधार बताया था। दंपति ने कहा था कि हिंडनबर्ग पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है। यह चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास है। वहीं, अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताया। समूह ने रविवार को कहा था कि उसका बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई व्यावसायिक रिश्ता नहीं है।
अडानी समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में शुरुआती कारोबार में तेज गिरावट दर्ज की गई। कारोबार समाप्ति पर समूह की आठ कंपनियों के शेयर नुकसान में जबकि दो लाभ में थे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहा। जापान में टोक्यो बाजार अवकाश के कारण बंद था।
यूरोपीय बाजारों में कारोबार के दौरान तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को लाभ में रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 406.72 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। ग्लोबल तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.83 फीसदी चढ़कर 80.32 डॉलर प्रति बैरल रहा। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 819.69 अंक और एनएसई निफ्टी 250.50 अंक चढ़ा था।