हर ड्रग डीलर बीजेपी से जुड़ा होता है… भोपाल हाई-प्रोफाइल ड्रग केस में सियासत तेज, अरुण यादव के बयान से बवाल
भोपाल. भोपाल का ड्रग रैकेट हर दिन नए-नए खुलासों से और गहराता जा रहा है. अब ये मामला सिर्फ पुलिस और क्राइम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सियासी गलियारों में भी हलचल मचा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इस पूरे मसले में बीजेपी पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तंज कसते हुए लिखा– हर भाजपा नेता ड्रग से जुड़ा नहीं होता, लेकिन हर ड्रग डीलर भाजपा नेताओं से जरूर जुड़ा होता है.
अरुण यादव ने दो फोटो भी शेयर की. उन्होंने लिखा– करोड़ों की एमडी ड्रग मामले में गिरफ्तार हरीश आंजना, जो जगदीश देवड़ा का करीबी था. यासीन अहमद जिसे ड्रग और ब्लैकमेलिंग में पकड़ा गया वो विश्वास सारंग सहित कई भाजपा नेताओं का करीबी है.

क्या बोले पुलिस कमिश्नर?
इस मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा कि नशे के खिलाफ तेजी से अभियान चल रहा है. जहां से भी नशे की सूचना मिल रही, वहां तुरंत कार्रवाई हो रही है. इस कांड में अंतिम छोर तक कार्रवाई की जाएगी. यासीन के साथियों की तलाश जारी है. पुलिस के हाथ में प्रारंभिक साक्ष्य लगे हैं. शारीरिक हिंसा और शोषण के सबूत भी हैं. राजस्थान से ड्रग्स सप्लाई नेटवर्क की कड़ियां सामने आ रही हैं. पूरे मामले में हर एंगल पर पुलिस जांच कर रही हैं.
दुबई में आलीशान जिंदगी जी रहा था आरोपी शावर
ड्रग्स मामले में आरोपी शावर के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है कि वह ड्रग्स की कमाई से दुबई में आलीशान जिंदगी जी रहा था. दो फ्लैट खरीद चुका है, और सोशल मीडिया पर लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाता है. वह कुछ दिन पहले ही भारत लौटा था.
2 अगस्त को होने वाली थी भोपाल में बड़ी पार्टी
इतना ही नहीं, 2 अगस्त को भोपाल में एक बड़ी पार्टी होने वाली थी, जिसे यासीन अहमद खुद ऑर्गनाइज़ कर रहा था. बताया गया है कि वह वीडियो जॉकी की आड़ में ड्रग्स सप्लाई करता था. क्लब और बार्स में VIP पार्टियों के जरिए कोकीन, एमडी और चरस जैसे नशे खुलेआम सप्लाई किए जा रहे थे. हाई-प्रोफाइल लड़कियों को पहले फ्री में ड्रग्स देकर फिर हनी ट्रैप में फंसाया जाता था.
क्या है मामला
दरअसल, भोपाल पुलिस ने 18 जुलाई को ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े दो पेडलर सैफुद्दीन और शाहरुख को गिरफ्तार किया था. ये दोनों शहर के नामी क्लबों, पार्टियों और जिम में एमडी पाउडर की सप्लाई करते थे. पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये आरोपी युवाओं को फिटनेस और पार्टी कल्चर के नाम पर धीरे-धीरे नशे का आदी बना देते थे. खास तौर पर लड़कियों को पहले फ्री में ड्रग दी जाती थी, फिर उनकी वीडियो बनाई जाती थीं.
चाचा-भतीजे की जोड़ी निकली असली मास्टरमाइंड
जांच में सामने आया कि इन पेडलरों के पीछे असली खेल किसी और का है. पूछताछ के बाद पुलिस को चाचा-भतीजे यानी यासीन और शावर के नाम मिले. इसके बाद फिल्मी स्टाइल में जाल बिछाकर पुलिस ने दोनों को धर दबोचा. पुलिस को उनके पास से जो गाड़ी मिली, उस पर विधानसभा का पास और ‘प्रेस’ लिखा हुआ था.






