Tuesday, April 22, 2025
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हिंदू के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग सबूत नहीं, मुसलमान के मामले में सबूत,…40 हत्या का कबूलनामा,अदालत से सवाल?

फारूक अहमद डार उर्फ़ बिट्टा कराटे
जेकेएलएफ का आतंकवादी
कश्मीरी हिंदुओं के कसाई फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पूरी कहानी

फारूक अहमद डार को घर में लोग बिट्टा कहकर बुलाते थे और वह कराटे का चैंपियन था इसलिए उसका नाम बिट्टा कराटे पड़ गया

बिट्टा कराटे उन शुरुआती दरिंदों में है जिन्होंने कश्मीर से हिंदुओं के कत्लेआम के लिए हथियार उठाकर कश्मीरी हिंदुओं का कत्लेआम किया ……..उसे आज भी कश्मीर घाटी में हिंदुओं का कसाई कहा जाता है

फारुख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जाकर आतंकवाद का ट्रेनिंग लिया और उसे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट में एरिया कमांडर बनाया गया और उससे कहा गया कि यदि वह ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं का कत्ल करेगा तब उसे प्रमोशन दे दिया जाएगा

बिट्टा ने सबसे पहले अपने बचपन के दोस्त और नौजवान कारोबारी सतीश कुमार टिकू को मौत के घाट उतारा ..

सतीश कुमार टिक्कू और बिट्टा कराटे पड़ोसी थे दोनों बचपन में एक साथ खेलते थे दोनों दसवीं तक एक साथ पढ़ाई भी किए थे
…सतीश कुमार टिक्कू को बिट्टा ने उनके घर के सामने ही गोलियों से भून दिया था और जब घर वाले बाहर निकले तब बिट्टा कराटे ने हंसते हुए कहा आंटी अब आप लोग कश्मीर छोड़ दो वरना आप लोगों का भी यही हाल होगा

सतीश कुमार टिक्कू की बड़ी बहन और मां यह देखकर सन्न रह गई कि जिस बच्चे को वह बचपन में अपने घर में आने देती थी अपने बेटे के साथ खेलने देती थी जिसे वह कितनी बार नाश्ता और खाना देती थी वह बच्चा जितना बड़ा दरिंदा बन गया

बिट्टा कराटे श्रीनगर की सड़कों पर रिवाल्वर लेकर घूमा करता था और जैसे ही उसे कोई कश्मीरी हिंदू नजर आता था वह तुरंत उसे गोली मार देता था

1991 में मनोज रघुवंशी नामक एक पत्रकार के टीवी इंटरव्यू में उसने खुलकर बताया है कि किस तरह से उसने कश्मीर घाटी में हिंदुओं का कत्लेआम किया और उसने खुद 30 से 40 कश्मीरी हिंदुओं के कत्ल की बात कबूली और विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें मारा

बिट्टा कराटे के ऊपर फारुख अब्दुल्ला मेहरबान थे सिर्फ फारूक अब्दुल्ला ही नहीं कश्मीर के सभी मुस्लिम नेता चाहे वह किसी भी पार्टी के हो मुफ्ती मोहम्मद सईद फारूक अब्दुल्ला गुलाम नबी आजाद सब बिट्टा कराटे का साथ देते थे

22 जनवरी 1990 को बीएसएफ ने फारूक अहमद डार को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था जी हां बीएसएफ ने गिरफ्तार किया था कश्मीर पुलिस ने नहीं

उसके बाद जब मनोज रघुवंशी और एक दूसरी पत्रकार मधु त्रेहन के द्वारा जब बीएसएफ के कैंप बंद बिट्टा कराटे के इंटरव्यू ने तूल पकड़ा फारुख अब्दुल्ला भागकर दिल्ली आए राजीव गांधी से मांग किया कि इन दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार किया जाए

अगले 16 साल बिट्टा कराटे जेल में रहा 2006 में उसे टाडा कोर्ट से जमानत मिल गई

बिट्टा को रिहा करते समय जज ने टिप्पणी किया था की मुझे मालूम है कि यह गुनाहगार है लेकिन गवाहों के पलट जाने से और अभियोजन पक्ष द्वारा पर्याप्त सुबूत नहीं देने की वजह से मैं इसे रिहा कर रहा हूं

कश्मीरी हिंदुओं के कातिल दरिंदे बिट्टा कराटे जब रिहा होकर अपने घर पहुंचा तो उसका जोरदार स्वागत हुआ श्रीनगर में जुलूस निकाला गया उसके ऊपर फूलों की बारिश की गई

2006 में जेल से रिहा होने के बाद बिट्टा कराटे राजनीति में आ गया और कुछ ही सालों में वह JKLF का चीफ़ बन गया ..
उसकी दरिंदगी की कहानी सुनकर जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की एक अधिकारी अस्बाह अर्जुमन्द खान उससे मिली और उससे शादी का प्रस्ताव रखा और वह बिट्टा कराटे की पत्नी है

कुछ एजेंट बिट्टा कराटे के पीछे पड़ गए और उसका स्टिंग ऑपरेशन किया गया

बिट्टा कराटे ने कैमरे के सामने कुबूल किया कि उसे ISI से बहुत बड़ी रकम मिली है ताकि वह घाटी में आतंकवाद फैला सकें बिट्टा कराटे ने पुलवामा हमले की साजिश का भी खुलासा किया

बिट्टा कराटे समेत दूसरे अन्य आतंकी जैसे यासीन मलिक गिरफ्तार कर लिए गए तब से वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है

लेकिन उसके कुबूल नामे को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया जबकि उसने कैमरे में कबूला था कि उसने 30 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों का कत्ल किया है
जबकि गुजरात दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी का नेता आशीष खेतान ने जब बाबू बजरंगी का स्टिंग ऑपरेशन किया था तब उसी स्टिंग ऑपरेशन को कोर्ट ने सुबूत माना आधार माना और उसी के आधार पर बाबू बजरंगी को फांसी की सजा सुना दिया था

मैं आज तक यह समझ में नहीं पाया कि भारत की न्यायपालिका हिंदू और मुसलमान में इतना बड़ा फर्क क्यों करती है ?
अगर एक मुस्लिम कैमरे के सामने स्वीकार करें कि उसने 30 से ज्यादा लोगों को मारा है तब उसे कोर्ट सुबूत ना माने लेकिन यदि कोई हिंदू बाबू बजरंगी एक स्टिंग ऑपरेशन में बोले उसे कोर्ट ने उनके खिलाफ सबसे बड़ा सबूत मान लिया।
महेश जर्मन/सत्य सनातन धर्म

बिट्टा कराटे जैसे लोगों को तो मात्र पाकिस्तान से फंड मिलता है…..मी लाटों को चीन, अमेरिका, पाकिस्तान और रोम जैसे कई देशों से मिलता है :- चक्रधर झा
संगीता वर्मा जी की भित्ति से साभार।

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