राहुल चुप,सोनिया चुप,प्रियंका चुप
धीरज प्रसाद साहू के परिसरों में छापेमारी से करीब 300 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं.
नई दिल्ली. “धीरज प्रसाद साहू का नजरिया एक ऐसा समृद्ध और समावेशी समाज बनाने का है, जहां सभी नागरिकों को सफल होने के समान अवसर मिले” या यूं कहें कि साहू की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल में एक तंज कसने वाली बात कही गई है क्योंकि पिछले चार दिनों में, आयकर अधिकारियों को पिछले 14 वर्षों से राज्यसभा में कांग्रेस सांसद साहू के अलग-अलग परिसर से लगभग 300 करोड़ रुपए नकद मिले हैं.
धीरज प्रसाद साहू कांग्रेस के सबसे खास राजनेता हैं, जो 1978 में रांची विश्वविद्यालय में एनएसयूआई से जुड़े रहने और जिला कांग्रेस समितियों का हिस्सा बनने के बाद से लगातार आगे बढ़ रहे हैं. पार्टी उन्हें कितना महत्व देती है, यह इस तथ्य से पता चलता है कि जब वह मई 2009 में झारखंड की चतरा सीट से अपना पहला लोकसभा चुनाव हार गए, तब भी पार्टी ने उन्हें संसद में लाने में जल्दबाजी दिखाई. एक महीने बाद जून 2009 में, उन्हें कांग्रेस द्वारा राज्यसभा सांसद के रूप में चुन लिया गया.
वह दो बार उच्च सदन के लिए चुने गए और वर्तमान में 2018 से अपने तीसरे कार्यकाल में हैं. जब वह राज्यसभा में थे, तो कांग्रेस ने 2014 में साहू को फिर से चतरा से लोकसभा टिकट दिया, लेकिन 16% से थोड़ा अधिक वोट हासिल करके बुरी तरह हार गए और बमुश्किल अपनी जमानत बचाई. इसलिए भले ही झारखंड के लोहरदगा से साहू ने कांग्रेस के लिए कभी लोकसभा या विधानसभा चुनाव नहीं जीता हो, लेकिन वह राज्यसभा में पार्टी का भरोसेमंद चेहरा रहे हैं.
बीजेपी अटैक मोड में
एक अखबार की रिपोर्ट को पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार के ट्वीट ने धीरज साहू से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की गई बरामदगी को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया है. भाजपा ने राहुल गांधी के साथ साहू की निकटता की तस्वीरें डालकर इस मुद्दे को तुरंत भुना लिया. इस मुद्दे को उजागर करने और कांग्रेस को एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पेश करने के लिए विभिन्न भाजपा प्रदेश अध्यक्षों ने देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं. बीजेपी ने दिल्ली में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.
भाजपा ने राहुल गांधी के साथ धीरज प्रसाद साहू की नजदीकी की तस्वीरें डालकर इस मुद्दे को तुरंत भुना लिया है. (फाइल फोटो)
‘जब्त की गई नकदी कांग्रेस के टॉप लीडरशिप की’
बीजेपी झारखंड प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि जब्त की गई नकदी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इसकी जांच करनी चाहिए. साहू ने पिछले चार दिनों से चुप्पी साध रखी है, खासकर तब जब उन्होंने संसद में अपने हलफनामे में अपने परिवार के पास केवल 27 लाख रुपये की नकदी और लगभग 8.59 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस की घोषणा की थी. झारखंड कांग्रेस में कुछ लोगों का कहना है कि साहू समूह कई व्यवसाय चलाता है और वह कानून के अनुसार अधिकारियों को नकद वसूली के बारे में समझाएंगे.
साहू ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वह एक ऐसे परिवार से हैं जो आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है. उनकी वेबसाइट कहती है, “साहू एक ऐसा माहौल बनाने की कोशि करते हैं जहां राज्य के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सभी नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा सके.” ऐसे दावे अब साहू पर तंज कसने के लिए वापस आ रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनकी नजदीकी का भी पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.