छांगुर से भी खतरनाक निकला आगरा का ‘जिहादी सिंडिकेट’; धर्मांतरण गैंग के 6 गुर्गे पहले थे हिंदू, ‘सेवा’ की आड़ में चला रहे थे ब्रेनवॉश की फैक्ट्री
UP News: आगरा में ISIS स्टाइल धर्मांतरण; 6 राज्यों में फैला जाल, अमेरिका-कनाडा, पाकिस्तान-दुबई से मिल रही थी रकम

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सुनियोजित धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें 10 आरोपियों की गिरफ्तारी ने हिन्दू समाज को झकझोर कर रख दिया है। हैरानी की बात ये है कि इनमें से 6 आरोपी पहले खुद हिन्दू थे, जिन्होंने इस्लाम कबूल कर अब उसी एजेंडे को आगे बढ़ाने का ठेका ले लिया था। ये गिरोह न सिर्फ भोले-भाले गरीबों को बहला रहा था, बल्कि हिन्दू बेटियों को प्रेम-जाल में फंसाकर उनका ब्रेनवॉश भी कर रहा था।
इस खतरनाक रैकेट के खिलाफ यूपी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस की 11 टीमें दिल्ली, गोवा, राजस्थान, बंगाल, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में छापेमारी कर इन कट्टरपंथी एजेंटों को दबोच लाई।
गिरफ्तार आरोपियों में गोवा का आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, दिल्ली का मुस्तफा उर्फ मनोज, कोलकाता का शेखर रॉय उर्फ अली हसन, आगरा का रहमान कुरैशी, देहरादून का अब्दुर रहमान, मुजफ्फरनगर का अब्बू तालिब, जयपुर का मोहम्मद अली और कई नाम सामने आए हैं।
कौन हैं ये गद्दार? सेवा के नाम पर छुपा था धर्मांतरण का नापाक खेल
जांच में सामने आया है कि एसबी कृष्णा, शेखर रॉय, ऋतिक बनिक, रूपेंद्र सिंह और मनोज जैसे कई आरोपी पहले हिंदू थे, जिन्होंने मुस्लिम नाम रखकर सेवा कार्य की आड़ में इस्लामीकरण का एजेंडा फैलाया। कोई गरीबों का इलाज कराने के बहाने बहला रहा था, कोई चमत्कार दिखाकर ब्रेनवॉश कर रहा था। पुलिस के मुताबिक, इनका मकसद सिर्फ धर्मांतरण नहीं, बल्कि लड़कियों को फंसा कर उनका जीवन तबाह करना था।
विदेशी एजेंसियों से कनेक्शन की जांच जारी
यह गिरोह सिर्फ देश में नहीं, बल्कि विदेशों से फंडिंग के सहारे काम कर रहा था। पुलिस को अमेरिका, लंदन, दुबई और पाकिस्तान से जुड़े बैंक लेन-देन और संदिग्ध कॉल्स के सुराग मिले हैं। ATS की नजर में यह नेटवर्क ISIS की तर्ज पर ब्रेनवॉश कर लव जिहाद और संभावित आतंकी मॉड्यूल की नींव रख रहा था। यूपी, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और केरल तक इनके नेटवर्क की जांच हो रही है।
NGO और मदरसों की आड़ में फैल रहा था कट्टरपंथ, सियासत में मची खलबली
फर्जी एनजीओ और मदरसों के माध्यम से ये रैकेट दलितों, बेरोजगारों और जरूरतमंदों को इस्लाम अपनाने का लालच देकर फंसा रहा था। राशन, इलाज और स्कूली फीस जैसी सुविधाओं का झांसा देकर ये लोग पूरे परिवार को धर्म बदलने को मजबूर करते थे। व्हाट्सऐप ग्रुप, प्रचार वीडियो और फर्जी दस्तावेज बनवाकर ये गिरोह सरकार की नजरों से बचता रहा। अब इस पर कड़ी धाराओं में केस दर्ज हो चुका है और जांच एजेंसियां इस पूरे जाल को उजागर करने में जुटी हैं।






