पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद की हत्या हो चुकी है. माफिया का अंत तो गया लेकिन उसके किस्से-कहानी अब सुर्खियां बन रहे हैं. एक ऐसा ही मामला राजू पाल हत्याकांड में अतीक की गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है. एक लाख के इनामी अतीक अहमद को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था. जैसे ही पुलिस के अधिकारी ने अतीक के कनपटी पर पिस्टल लगाई उसने घबराहट में पेशाब कर दिया था.
दरअसल, 2005 में इलाहाबाद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. इस सनसनीखेज हत्याकांड के 3 साल बाद अतीक अहमद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के पीतमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अतीक अहमद को 30 जनवरी 2008 को गिरफ्तार किया था.
अतीक पर घोषित था एक लाख का इनाम
अतीक अहमद, उस वक्त फूलपुर से सांसद था और राजू पाल हत्याकांड के बाद फरार चल रहा था. अतीक अहमद पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पीतमपुरा के ग़ालिब अपार्टमेंट्स से गिरफ्तार किया था. पुलिस को खबर मिली थी कि अतीक अहमद पीतमपुरा के गालिब अपार्टमेंट में गया है.
सरकारी बंगले पर थी नजर, तभी पहुंचा गालिब अपार्टमेंट
जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गालिब अपार्टमेंट के पास ट्रैप लगा दिया था. पुलिस के मुताबिक, शाम चार बजे जैसे ही अतीक अपनी होंडा सिटी कार में बैठा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस तुरंत यूपी पुलिस को जानकारी दी थी. इस दौरान दिल्ली पुलिस अतीक के नॉर्थ एवेन्यू के सरकारी बंगले पर भी नजर बना कर रखी हुई थी.
अपार्टमेंट से निकलते ही अतीक को पुलिस ने घेरा
अतीक जामा मस्जिद इलाके में है तो पुलिस की टीम ने वहां पर घेराबंदी की. इसके बाद पुलिस को पता लगा कि अतीक पीतमपुरा के गालिब अपार्टमेंट में एक प्रोफेसर के घर गया हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने वहां पर ट्रैप लगाया और फिर जैसे ही अतीक शाम 4 बजे घर से बाहर निकला और अपनी कार में बैठा पुलिस की टीम ने उसे घेर लिया.
‘घबराहट में पेशाब कर दिया’
जानकारी के मुताबिक, उस वक्त दिल्ली पुलिस की टीम में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर गोविंद शर्मा, इंस्पेक्टर सुभाष वत्स के अलावा सब इंस्पेक्टर विनय त्यागी शामिल थे. जैसे ही पुलिस के अधिकारी ने अतीक के कनपटी पर पिस्टल लगाई उसने घबराहट में पेशाब कर दिया था. अतीक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस की टीम उसे लेकर लोधी रोड स्थित स्पेशल सेल के दफ्तर ले गई थी.
क्या है राजू पाल हत्याकांड?
यह वारदात 18 साल पहले हुई थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद फूलपुर से सांसद बन गया था. इस वजह से उसने इलाहाबाद पश्चिम की सीट खाली की थी. इस सीट पर अतीक अहमद ने अपने भाई अशरफ को सपा का प्रत्याशी बनवाया था, जबकि बसपा के टिकट पर राजू पाल लड़ रहे थे. इस चुनाव में राजू पाल ने जीत हासिल की.
नतीजों के 3 महीने के अंदर ही 25 जनवरी 2005 को अतीक गैंग ने राजू पाल पर हमला कर दिया था. 25 जनवरी को विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे. उनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी. क्वालिस कार खुद राजू पाल चला रहे थे और उनके साथ की सीट पर रुखसाना बैठी थी.
जैसे ही राजू पाल जीटी रोड पर पहुंचे एक स्कॉर्पियो कार ने उन्हें ओवरटेक किया और तब तक राजू पाल के सीने में एक गोली लग चुकी थी. स्कॉर्पियो से 5 हमलावर उतरे और राजू पाल पर धुआंधार गोलियां बरसा दीं. हमले में रुखसाना जख्मी हो गई, संदीप यादव और देवीलाल की मौत हो गई. राजू पाल को 19 गोलियां मारी गई थीं. इस मामले में मुख्य आरोपी अतीक अहमद था.