हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इस वीडियो पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और कहा है कि जब राहुल गांधी को सैन्य मामलों पर कुछ पता ही नहीं है तो उन्हें ऐसे मुद्दों पर बोलने से बचना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी वैसे तो तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार को रोजाना घेरते हैं लेकिन जब भी वह रक्षा-सुरक्षा या विदेश मामलों पर बोलते हैं तो देश का बहुत बड़ा नुकसान करते हैं। कभी राहुल गांधी बिना किसी सबूत के दावा करते हैं कि चीन लद्दाख में घुस आया है जबकि एलएसी पर हमारे जवान चुनौतीपूर्ण मौसमी परिस्थितियों के बावजूद सीना तान कर खड़े हैं। कभी वह दुनिया भर में अपने शौर्य और पराक्रम के लिए मशहूर भारतीय सेना के लिए कहते हैं कि तवांग में चीन हमारी सेना की पिटाई कर रहा है। कभी राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी सेना के शौर्य का सबूत मांगती है तो कभी राहुल गांधी अग्निवीर योजना के बारे में भ्रम फैलाते हैं जबकि यह योजना तीनों सेनाओं के बीच वर्षों तक हुए मंथन के बाद लाई गयी थी। राहुल गांधी कह रहे हैं कि अग्निवीर हिंदुस्तान को कमजोर कर रहा है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अग्निवीर योजना के तहत तीनों सेनाओं में भर्ती होने के लिए इस बार रिकॉर्ड संख्या में आवेदन आये।
यही नहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्व की सरकारों ने रक्षा बलों की वन रैंक वन पेंशन योजना को मंजूरी नहीं दी थी लेकिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मांग पूरी की और ओआरओपी के तहत दी जा रही पेंशन की समय-समय पर समीक्षा भी की जाती है ताकि देश की सेवा करने वालों को उनका जायज हक मिलता रहे। लेकिन राहुल गांधी अब ओआरओपी को लेकर सेना के बीच ही मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह लद्दाख दौरे के दौरान सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के साथ संवाद करते समय विवादित बयान दे रहे हैं।
विरोधाभास देखिये कि एक ओर भारत जोड़ो के नाम पर अभियान चलाया जा रहा है, मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा किया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ कभी सनातन धर्म पर हमला तो कभी मीडियाकर्मियों का बहिष्कार और कभी सैन्यकर्मियों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश करके कुछ और ही किया जा रहा है। हम आपको बता दें कि राहुल गांधी का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें वह कह रहे हैं कि जवान सीधा दुश्मन से लड़ता है लेकिन उसे ओआरओपी कम मिलता है जबकि अफसरों को ओआरओपी का ज्यादा लाभ मिल रहा है।
हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इस वीडियो पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और कहा है कि जब राहुल गांधी को सैन्य मामलों पर कुछ पता ही नहीं है तो उन्हें ऐसे मुद्दों पर बोलने से बचना चाहिए। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि राहुल गांधी जब भी बोलते हैं तब उनकी नासमझी ही झलकती है। पूर्व सेना अधिकारी मेजर सुरेंद्र पूनिया ने एक्स पर लिखा है कि राहुल गांधी शर्मनाक तरीके से सेना के अधिकारियों और जवानों के बीच खाई पैदा कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि पहले इन लोगों ने देश को धर्म के आधार पर बांटा, फिर मीडिया को बांटा और अब ये सेना के जवानों और अधिकारियों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि यह व्यक्ति भारत के लिए बहुत खतरनाक है। वहीं पूर्व सेनाधिकारी और अब भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लिखा कि शॉकिंग, वीडियो में एक फ़िरंगी एजेंट देश की सेना को बाँटने और भड़काने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने आगे लिखा जो राजनीतिक दल सेना का मनोबल गिराने की बार-बार कोशिश करता है, सुनते हैं यह उनका गोद लिया हुआ है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आगे लिखा कि जो इस एजेंट को देखे तुरंत सवाल करे कि कितने में बेचा देश को।
जहां तक लद्दाख मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए दावा किया, ‘‘जब प्रधानमंत्री ने हमारी भूमि पर चीन के कब्जे के बारे में झूठ बोला तो उन्होंने ठगा हुआ महसूस किया। हम आपको यह भी बता दें कि राहुल गांधी के आरोपों की हवा निकालते हुए हाल ही में लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने कहा था कि भारतीय सैनिक चीन से लगी सीमा के एक-एक इंच की रक्षा कर रहे हैं और हाल के वर्षों में पड़ोसी देश ने एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है। उन्होंने कहा था कि पूरे लद्दाख में सड़कों, हेलीपैड, सुरंगों और पुलों के निर्माण के साथ बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से हो रहा है और भारत अगले चार-पांच वर्ष के भीतर इस संबंध में चीन के बराबर पहुंच जाएगा। ब्रिगेडियर मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा था कि भारत ने लगभग छह-सात साल पहले इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास शुरू किया था। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘लेकिन जिस तरह से हम सड़कों, हेलीपैड, एयरफील्ड, सुरंगों और पुलों जैसे बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं, अगले चार या पांच वर्ष में हम चीन के बराबर हो जाएंगे और हम अपनी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के मामले में, यदि बेहतर नहीं भी तो, चीन के समान होंगे।’’
ब्रिगेडियर मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा था कि भारतीय सैनिक सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और वे इसके एक-एक इंच की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिसे जो कहना है कहे लेकिन तथ्य यह है कि भारत की एक इंच भी जमीन चीन के कब्जे में नहीं है। 1962 में (भारत-चीन युद्ध के दौरान) जो कुछ भी हुआ, वह एक अतीत की कहानी है…वह एक अलग मुद्दा है लेकिन जब मैं वर्तमान की बात कर रहा हूं और वास्तविक नियंत्रण रेखा की हमारी अपनी परिभाषा के अनुसार, हम वहां मौजूद हैं।’’
बहरहाल, राहुल गांधी ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर जो खतरनाक खेल खेला है उसके गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन किया है। आज भी उस पार्टी में तमाम ऐसे नेता हैं जो देशहित से जुड़े मुद्दों की गहरी समझ रखते हैं। ऐसे नेताओं को चाहिए कि वह राहुल गांधी को समझाएं कि सेना, अदालत, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर बेकार की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।