चर्च में हिंदू बहू को ससुराल वालों ने किया मतांतरण; जबलपुर में ईसाई परिवार की करतूत उजागर… स्कूल संचालक परिवार गिरफ्तार
‘ईसा मसीह की इबादत करो वरना शादी नहीं’ सेना की पूर्व कैप्टन ने खोले सबूतों के पिटारे; जॉय स्कूल के संचालक परिवार ने रचा धर्मांतरण, दहेज उत्पीड़न और नौकरी छुड़वाने की साजिश
मध्य प्रदेश में ईसाई मिशनरी तंत्र का एक और चेहरा उजागर हो गया है। जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन, उनकी पत्नी नीनू और बेटा तनय अब कानून के शिकंजे में हैं। इन तीनों पर भारतीय सेना की पूर्व अधिकारी आकांक्षा अरोरा ने न केवल जबरन धर्मांतरण का, बल्कि दहेज उत्पीड़न और शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने शनिवार को महिला थाना में दर्ज FIR के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
सेना में इन्फेंट्री में कैप्टन रह चुकीं आकांक्षा अरोरा ने बताया कि शादी से पहले ही उसे मिशनरी मानसिकता के चलते धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया। आकांक्षा का कहना है कि 10 दिसंबर 2017 को उसे जबरन हिंदी मेथोडिस्ट चर्च में ले जाकर धर्मांतरण कराया गया, तभी जाकर तनय से उसका विवाह संभव हुआ। लेकिन ये रिश्ता जल्द ही अत्याचार और अपमान का प्रतीक बन गया।
घर से निकाला, नौकरी छुड़वाई, समझौते का दबाव
आकांक्षा ने यह भी बताया कि शादी के बाद परिवार ने उस पर लगातार मानसिक और शारीरिक दबाव बनाया। 11 सितंबर 2019 को उसके ससुराल पक्ष ने दबाव बनाकर उसे सेना की नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया। फिर दिसंबर 2020 में उसे घर से निकाल दिया गया। आकांक्षा के मुताबिक, पति तनय ने एक रेस्टोरेंट में बुलाकर जबरन समझौता करने का दबाव भी डाला।
पहले भी दर्ज हो चुका है मामला, अब फिर गिरफ्तारी
मई 2021 में भी आकांक्षा ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मारपीट और मानसिक प्रताड़ना की बात सामने आई थी। अब दोबारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद पुलिस ने तेज़ कार्रवाई करते हुए अखिलेश मेबन, नीनू मेबन और तनय को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और चर्च से जुड़े संभावित लिंक की भी पड़ताल की जा रही है।