Monday, December 30, 2024
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BREAKING NEWS: कैलाश विजयवर्गीय का जबरदस्त खुलासा,घटिया स्तर पर उतरी TMC

पश्चिम बंगाल में राजनीति अब गन्दगी की ओर बढ़ने लगी है,देश के ऐतिहासिक और काल महापुरुषों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और निर्देश से घबरा कर अब महापुरुषों की फोटो के साथ छेड़खानी करके बदनाम करने की कोशिश की जाएगी।

पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में बड़े नेताओं के बागी होने के बाद पार्टी की चिंता बढ़ने लगी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टीएमसी की इमर्जेंसी की मीटिंग बुलाई है। ममता ने यह मीटिंग पार्टी के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी के नाटकीय तरीके से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुलाई है। अधिकारी के शनिवार को बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है।

हालांकि, टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि यह कोई इमर्जेंसी मीटिंग नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नियमित बैठकों का ही एक हिस्सा है। उन्होंने बताया कि हर शुक्रवार पार्टी की अध्यक्ष टीएमसी नेताओं से बैचों में मिलती हैं।

टीएमसी में भगदड़
गौरतलब है कि अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के भीतर भगदड़ मची है। पार्टी में बड़े से लेकर छोटे स्तर तक के नेताओं के बागी तेवर ने टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। गुरुवार को ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाने वाले सुवेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया। बताया कि इस्तीफा देने के दो घंटे के भीतर ही वह एक अन्य पार्टी सांसद के घर गए।

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अधिकारी टीएमसी सांसद सुनील मंडल के घर यूं तो शोक सभा में शामिल होने गए थे लेकिन इसे पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं की मिनी-मीटिंग भी माना जा रहा है। अधिकारी से पहले टीएमसी के विधायक और आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने भी राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश सरकार ने राजनीतिक कारणों से उनके शहर को केंद्र से मिलने वाले फंड को अस्वीकृत कर दिया था, जो आसनसोल के साथ न्याय नहीं है।

 

तिवारी ने की तीखी टिप्पणी
अधिकारी के पार्टी छोड़ने पर भी तिवारी ने सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ममता के बाद टीएमसी में सुवेंदु अधिकारी ही लोकप्रिय नेता थे, इससे इनकार नहीं कर सकते। पार्टी को उनसे बात करनी चाहिए थी और समस्या को सुलझाना चाहिए था। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी उनके जैसे छोटे नेता की तरह बड़े नेताओं की समस्याओं को सुलझाने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

ममता बनर्जी ने किया पलटवार
वहीं पार्टी के बागी नेताओं पर ममता बनर्जी ने बीते दिनों सख्त टिप्पणी की थी। उन्होंने अधिकारी के इस्तीफे से ठीक पहले कूच विहार की अपनी रैली में कहा था कि कुछ लोग लहरों के साथ आते-जाते हैं लेकिन जो असल तृणमूल कांग्रेस है, वह बरकरार है। उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला। ममता ने कहा, ‘बीजेपी निर्लज्जता के साथ उनकी पार्टी के नेताओं की शॉपिंग कर रही है। यह किस तरह की राजनीति है?’

ममता के अलावा टीएमसी नेताओं का भी दावा है कि जो नेता बागी हो रहे हैं, उन्हें इस बात की भनक लग गई है कि उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। वहीं कुछ अन्य नेताओं का मानना है कि कोयला चोरी और गो तस्करी मामले में चल रही जांच को लेकर केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के कारण ऐसा किया जा रहा हो।

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