क्या पश्चिम बंगाल अलकायदा का गढ़ बन गया है?
क्यों सारे आतंकवादी संगठनों के ज्यादातर पकड़े जा रहे पश्चिम बंगाल में?
राजधानी से लेकर अन्य जगहों तक बड़ी तादाद में बरामद हो रहे क्रूड बम क्यों?
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है। गृह मंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा है कि बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। राज्यपाल ने कहा है कि राज्य में अलकायदा पैर पसार रहा है और अवैध बम बनाना का काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि वे (राज्य में प्रशासन) क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि डीजीपी की स्थिति एक खुला रहस्य है। इसलिए मैं कहता हूं कि हमारे पास राजनीतिक पुलिस है। राज्यपाल ने कहा है कि मेरा संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी करने पर मेरा दिल दुखता है। मां भारती के एक बच्चे को पश्चिम बंगाल में एक बाहरी व्यक्ति कहा जाता है क्योंकि वह राज्य से संबंधित नहीं है। हम सभी मां भारती के बच्चे हैं और हम अपनी एकता में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि इस भूमि में रहने वाला कोई भी व्यक्ति बाहरी व्यक्ति नहीं हो सकता है।
बंगाल चुनाव के मुद्दे पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारे लिए यह समय एक उदाहरण स्थापित करने का है ताकि हम मतदाता स्वतंत्र रूप से एक शांतिपूर्ण माहौल में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, जहां हिंसा की कोई भूमिका नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि 2021 एक चुनौतीपूर्ण साल है क्योंकि विधानसभा चुनाव भी है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के लिए बहुत बड़ा अवसर है कि क्योंकि अभी तक पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव में हिंसा हुई है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात से पहले शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दावा किया कि पूरे देश को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में खून-खराबा और हिंसा होने की आशंका है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से निष्पक्षता बनाए रखने को कहा। धनखड़ ने कहा कि यदि लोक सेवक राजनीतिक काम में शामिल हो जाएं, तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को बड़ा झटका होगा और कानून के शासन के लिए इससे बड़ी कोई चुनौती हो नहीं सकती है।
धनखड़ ने पुरुलिया की यात्रा के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा, “देश में सिर्फ एक चर्चा हो रही है, जिसमें आंशका जताई जा रही है कि पश्चिम बंगाल में चुनावों में खून-खराबा होगा और हिंसा होगी।” राज्यपाल ने प्रशासन, पुलिस और मीडिया से भी हिंसा मुक्त विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने को कहा। यह चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने हैं।