एकनाथ शिंदे ने MNS प्रमुख राज ठाकरे के आवास जाकर उनसे मुलाकात की.
राज ठाकरे ने हाल ही में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की आलोचना की थी.
नई दिल्ली: MNS प्रमुख राज ठाकरे से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. ANI के अनुसार उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी, इसमें कुछ राजनीतिक मुद्दा नहीं था. हमारी किसी गंभीर विषय पर चर्चा नहीं हुई है. मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाये जाने पर हमारी चर्चा हुई है. मैंने उनसे कहा है कि जो भी नियम हैं उसका पालन सभी को करना चाहिए और इसकी समीक्षा की जाएगी. इस मीटिंग से कुछ दिनों पहले राज ठाकरे ने मुंबई के सौंदर्यीकरण के लिए 1,700 करोड़ रुपये खर्च को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. शिंदे सरकार की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद उनके आवास पर हुई इस शिष्टाचार मुलाकात से लोग हैरान हैं.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने गुरुवार को मुंबई के माहिम तटीय क्षेत्र में एक दरगाह को ध्वस्त कर दिया था, राज ठाकरे के दावा करने के एक दिन बाद कि यह एक अतिक्रमित भूमि पर बनाया जा रहा था. एकनाथ शिंदे के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार बालासाहेब ठाकरे के रास्ते पर चल रही है, हमारी सरकार बालासाहेब ठाकरे के विजन पर चलती है. बालासाहेब ठाकरे इन मुद्दों को उठाते थे और अब राज ठाकरे ने उन्हें उठाया. राज ठाकरे के कारण, यह हमारे ध्यान में आया कि तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है. इसलिए हमने कार्रवाई की ताकि भविष्य में कोई भी इन कार्यों को न दोहराए.’
राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थन वाले 39 विधायकों सहित शिवसेना के कई नेताओं के पार्टी से बाहर होने का दोष उद्धव ठाकरे पर मढ़ दिया है. राज ठाकरे भी शिवसेना में फूट के लिए अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. अपनी ‘हिंदुत्व’ पिच को तेज करते हुए, राज ठाकरे ने हाल ही में कहा कि अगर राज्य सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के अपने अभियान को फिर से शुरू करेंगे.
उन्होंने पिछले साल उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगाए गए लगभग 17,000 मामलों को वापस लेने की भी मांग की, जब उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. MNS प्रमुख ने हाल की एक रैली में शिंदे समूह को ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न और शिवसेना का नाम मिलने पर उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया और कहा कि पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के अलावा कोई और चुनाव चिह्न नहीं संभाल सकता.