नेक्स्ट जेनरेशन ऐंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1, चीन-पाकिस्तान का रेडार सिस्टम होगा मटियामेट
चीन और पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही नापाक कोशिशों का सामना कर रही भारतीय सेना को एक और दमदार हथियार मिला है। बेंगलुरु में हो रहे एयरो इंडिया शो के दौरान भारत की पहली नेक्स्ट जेनरेशन ऐंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 की झलक देखने को मिली। इस मिसाइल की खासियत है कि यह 200 किलोमीटर तक की दूरी तक दुश्मन के रेडार सहित अपने किसी भी लक्ष्य को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के सबसे घातक लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से छोड़ी जा सकती है। खास बात यह है कि इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ने तैयार किया है।
इस मिसाइल का लॉन्च स्पीड आवाज की गति से भी दोगुनी (सुपरसोनिक) है। यह मिसाइल हवा में भारतीय लड़ाकू विमान की मारक क्षमता को बढ़ाएगी और टैक्टिकल कैपेबिलिटी को भी बढ़ाएगी। किसी भी तरह के रेडिएशन और सिग्
इससे भारतीय वायुसेना को दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को काफी अंदर जाकर उसे नष्ट करने की क्षमता हो गई है। भारत में बनाई गई ये ऐसी पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। ये मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है। साथ ही अपनी रेडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है।
रेडिएशन मिसाइलें वे मिसाइलें होती हैं जिन्हें दुश्मन के कम्युनिकेशन सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए बनाया जाता है। ये दुश्मन के रेडार, जैमर्स और यहां तक कि बातचीत के लिए इस्तेमाल होने वाले रेडियो के खिलाफ भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। इन मिसाइलों में सेंसर लगे होते हैं जो रेडिएशन का सोर्स ढूंढते हैं। उसके करीब जाते ही मिसाइल फट जाती है।
रूद्रम मिसाइल को अभी सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के साथ इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। बीते साल अक्टूबर में इसका सफल परीक्षण भी किया गया था लेकिन भविष्य में इसे मिराज 2000, जैगुआर, एचएएल तेजस और एचएएल तेजस मार्क 2 के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।