Sunday, October 6, 2024
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राहुल गांधी के मंदिर प्रोग्राम का पूरा सच,,समिति ने खोल दी पोल…

मंदिर समिति ने बताया….
कांग्रेस के प्रतिनिधियों को स्पष्ट रूप से बताया था की प्राण प्रतिष्ठा के समय प्रवेश नही दिया जाएगा क्योंकि समिति सदस्य कार्यक्रम देखेंगे इसलिए दोपहर 3 बजे का समय दिया था और स्वागत के लिए तैयारी भी की थी लेकिन सुबह से ही नाटक शुरू कर दिया।

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा (ram mandir pran pratishtha) का कार्यक्रम चल रहा है. इस दौरान राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (bharat jodo nyay yatra) असम में है. उन्होंने आज दावा किया है कि उन्हें असम में एक मंदिर में नहीं घुसने दिया गया. समाचार एजेंसी PTI द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में राहुल गांधी कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘शायद आज सिर्फ एक व्यक्ति मंदिर जा सकता है.’ इस मंदिर की प्रबंधन समिति का कहना है, ‘अयोध्या में राम-मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के चलते हजारों श्रद्धालु आएंगे, इसलिए राहुल को 3 बजे के बाद मंदिर जाने की अनुमति दी गई है.’

Rahul Gandhi कौन से मंदिर जा रहे थे?

असम के नगांव में समाज सुधारक संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली है, नाम है बताद्रवा थान (Srimanta Sankardeva Batadrava). इसे बार्दोवा थान भी कहते हैं. नामघर या थान का शाब्दिक अर्थ होता है- प्रार्थना घर. असमिया समुदाय और हिंदू धर्म के एकसारन संप्रदाय से जुड़े लोग सामूहिक पूजा के लिए इस स्थान पर जाते हैं.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान आज राहुल का नगांव दौरा होना था. राहुल का कहना है कि उन्हें इस प्रसिद्ध मंदिर में घुसने की अनुमति नहीं दी गई. शेयर किए गए वीडियो में राहुल गांधी एक सुरक्षा अधिकारी से उन्हें रोके जाने का कारण पूछते नजर आ रहे हैं.

Congress का धरना

शंकरदेव के थान में जाने से रोके जाने की घटना के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ नगांव में धरना दिया है. आजतक की एक खबर के मुताबिक, अधिकारियों की ओर से राहुल गांधी को यह भी बताया गया कि उनके पास ऑर्डर्स हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा, ‘मैंने क्या गलती की है जो मैं मंदिर नहीं जा सकता? मेरे पास जाने की परमीशन है. मुझे मत रोको.’

अधिकारियों के रोकने पर राहुल ने बार-बार यह सवाल दोहराया कि ‘मेरी गलती तो बताओ.’ इसके बाद राहुल गांधी विरोध में उसी जगह बैठ गए, जहां प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोका था. हालांकि इस बीच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने एक स्थानीय सांसद और एक विधायक को मंदिर में जाने की अनुमति दी है.

“राहुल गांधी वहां जाना चाहते थे. हम 11 जनवरी से कोशिश कर रहे थे और हमारे दो विधायकों ने इसके लिए स्थानीय प्रबंधन से मुलाकात भी की थी.”

जयराम रमेश ने आगे कहा,

“हमने कहा था कि हम 22 जनवरी को सुबह 7 बजे वहां आएंगे. हमें बताया गया था कि हमारा स्वागत किया जाएगा. लेकिन कल हमें अचानक बताया गया कि हम दोपहर 3 बजे से पहले वहां नहीं आ सकते.”

 

असम में राहुल गांधी के काफिले पर हमला व मंदिर में जाने से रोका गया,क्यों?

भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी को असम में मंदिर में जाने से रोक दिया गया. कथित तौर पर उनके काफिले पर हमला भी हुआ.

कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान रविवार को असम में राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की हुई। राहुल को बचाते हुए उनके सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बस के अंदर वापस ले गए। घटना के दौरान राहुल का काफिला सोनितपुर में था। राहुल ने घटना को लेकर कहा- आज BJP के कुछ कार्यकर्ता झंडा लेकर हमारी बस के सामने आ गए। मैं बस से निकला, वो भाग गए। हमारे जितने पोस्टर फाड़ने हैं, फाड़ दो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी विचारधारा की लड़ाई है, हम किसी से नहीं डरते हैं। न ही नरेंद्र मोदी से, न असम के मुख्यमंत्री से।

कांग्रेस पार्टी ने न्याय यात्रा के काफिले पर 48 घंटे में दूसरी बार हमले का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज जब हमारा काफिला असम में रैली स्थल की ओर जा रहा था। तब जुमगुरीहाट में हिमंता बिस्वा सरमा के गुंडों ने महासचिव जयराम रमेश की गाड़ी पर पानी फेंका और स्टीकर फाड़ा।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- भाजपा के लोगों ने हमारी सोशल मीडिया टीम के कैमरामैन और अन्य सदस्यों पर हमला किया, जिनमें 2 महिलाएं भी थीं। हिमंता, यह गीदड़ हरकतें करनी और करवानी छोड़ दो। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को तुम और तुम्हारे गुंडे नहीं रोक सकते। इससे पहले 19 जनवरी की रात को भी कांग्रेस ने न्याय यात्रा के काफिले पर भाजपा के हमले का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें कुछ गाड़ियों के शीशे टूटे हुए दिख रहे थे। साथ ही कुछ लोग पार्टी के होर्डिंग-बैनर उखाड़ते दिख रहे थे।

राहुल अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ना जाएं-असम के CM 
उधर, असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी से 22 जनवरी (अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन) को नागांव जिले में श्री शंकरदेव के जन्मस्थल बोरदोवा सत्रा न जाने की अपील की। उन्होंने कहा- इससे देश में असम की गलत छवि बनेगी।

उन्होंने कहा- श्रीमंत शंकरदेव एक असमिया सामाजिक-धार्मिक सुधारक हैं। वे कवि, नाटककार और 15-16वीं शताब्दी से असम के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक विशाल व्यक्तित्व हैं। लेकिन उनकी भगवान राम से तुलना गलत है।

19 जनवरी की रात यात्रा पर हुए हमले पर बोलते हुए असम CM ने कहा- मेरी राहुल से अपील है कि वह 22 जनवरी को अल्पसंख्य बहुल इलाकों मोरीगांव, जागीरोड और नीली भी ना जाएं, क्योंकि यहां कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा बना हुआ है। हालांकि राज्य सरकार ने इन इलाकों में कमांडो तैनात कर रखे हैं।

राहुल बोले- हमारे कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं
राहुल ने बिस्वनाथ जिले में कहा- आपके मुद्दे सुनना और उनके लिए लड़ाई लड़ना ही इस यात्रा का लक्ष्य है। मैं जानता हूं कि हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाया जाता है, लेकिन आप हमारी विचारधारा के लिए लड़ते हैं। आप हमारे बब्बर शेर हैं। आप सबने इतना प्यार दिया, हमारी मदद की, इसके लिए मैं आपका दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं।

असम के युवाओं के साथ अन्याय हो रहा
राहुल बोले- असम के युवाओं और किसानों पर अन्याय हो रहा है। यहां के युवा लाखों रुपए लगाकर स्कूल-कॉलेज जाते हैं, लेकिन फिर पता चलता है कि असम में उन्हें रोजगार नहीं मिल सकता। किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिलता, छोटे दुकानदारों को नोटबंदी और GST से बर्बाद कर दिया गया। देश की पूरी सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए चलाई जाती है। इसी के खिलाफ हमने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली है।

भाजपा और RSS उद्योगपतियों की हितैषी
राहुल बोले- भाजपा और RSS देश में नफरत और हिंसा फैला रही हैं। इनका लक्ष्य जनता का धन छीनकर देश के दो-तीन बड़े उद्योगपतियों को देने का है। इसलिए हमने पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हम लाखों लोगों से मिले। युवाओं ने हमसे बेरोजगारी और किसानों ने फसल के सही दाम न मिलने के मुद्दे उठाए। अब एक बार फिर से आपकी आवाज सुनने के लिए हमने यात्रा शुरू की है।

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