Saturday, December 7, 2024
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कांग्रेस गठबंधन सरकार ने पूरी ताकत लगाई,राम मंदिर प्रसारण रोकने को

‘निजी जगहों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के लाइव टेलीकास्ट के लिए पुलिस की अनुमति की ज़रूरत नहीं’: तमिलनाडु में राम का नाम लेने के लिए जाना पड़ा High Court

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है निजी जगहों पर कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण के लिए सरकार या पुलिस की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है। तमिलनाडु में DMK की सरकार है, जिसके मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को खत्म करने की बात कर चुके हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि वहाँ के मंदिरों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन विशेष पूजा का आयोजन करने या फिर विशेष प्रसाद वितरित करने से रोका जा रहा है। मंदिरों को धमकाया जा रहा है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने एमएम कहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव टेलीकास्ट या फिर भजन के आयोजन के लिए सरकार या पुलिस की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे धर्म की विजय बताते हुए पेश किया। तमिलनाडु का HRCE विभाग वहाँ के मंदिरों की निगरानी करता है। प्राइवेट मंदिरों और मैरिज हॉल्स में भी ऐसे आयोजन हो सकते हैं। इसके लिए सिर्फ मंदिर के एग्जीक्यूटिव अधिकारी को सूचित करना होगा।

इसके बाद एग्जीक्यूटिव अधिकारी इसकी अनुमति देगा, साथ ही अगर कुछ पाबंदियाँ हैं तो इस बारे में भी बता दिया जाएगा। ‘विवेकानंद हिन्दू मूवमेंट’ ने इस संबंध में याचिका दायर की थी, जिस पर जजों ने अपने चैंबर में ही त्वरित सुनवाई की। पट्टाभिराम स्थित KKR कल्याण मंडपन में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव टेलीकास्ट चल रहा है, पहले इसी संबंध में अनुमति वाला संशय था। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाना पड़ा।

तमिलनाडु सरकार ने इस दौरान मद्रास उच्च न्यायालय में अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर भीड़भाड़ ज़्यादा हो तो इसके लिए पुलिस को पूर्व में सूचित करना आवश्यक है। हालाँकि, सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों में इसके लिए अधिकारी को सूचित कर अनुमति लेनी होगी, जिसकी कुछ शर्तें भी होंगी। हाईकोर्ट ने कहा कि राम नाम के पाठ का आयोजन प्रतिबंधित नहीं है। साथ ही कहा कि ईश्वर भक्ति से शांति और एकता का सन्देश मिलना चाहिए, समाजिक सौहार्द बिगाड़े बिना।

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