कर्नाटक कांग्रेस सरकार का बजट है,।
🕌 सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए आरक्षण
🕌 मुस्लिम साधारण विवाहों के लिए ₹50,000 की सहायता
🕌 वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹150 करोड़
🕌 मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ₹50 लाख 🕌 मुस्लिम बहुल इलाकों में नए आईटीआई कॉलेज स्थापित किए जाएंगे
🕌 KEA के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए 50% फीस में छूट
🕌 उल्लाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए आवासीय पीयू कॉलेज
🕌 मुस्लिम छात्रों के लिए राष्ट्रीय और विदेशी छात्रवृत्ति में वृद्धि
🕌 अतिरिक्त इमारतों के साथ बेंगलुरु के हज भवन का विस्तार
🕌 मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार (7 मार्च) को विधानसभा में अपना 16वाँ बजट पेश किया। जुमे के दिन पेश इस बजट में कॉन्ग्रेस सरकार ने मुस्लिमों का विशेष ध्यान रखा। उनके लिए मदरसे, कब्रिस्तान, हज भवन, मौलवियों को तनख्वाह से लेकर स्टार्टअप और ITI बनाने तक कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। भाजपा ने इस बजट की तीखी आलोचना की है और इसे मुस्लिम लीग बजट कहा है।
कॉन्ग्रेस सरकार के बजट में वक्फ संपत्तियों की मरम्मत तथा मुस्लिम कब्रिस्तानों के लिए 150 करोड़ रुपए आवंटित की गई है। इसके अलावा, अल्पसंख्यक परिवारों को निकाह के लिए 50,000 रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है। सबसे गंभीर बात है कि तुष्टिकरण की हद पार करते हुए कॉन्ग्रेस सरकार ने राज्य के सरकारी टेंडरों में मुस्लिमों को 4% आरक्षण देने की घोषणा की है।
कॉन्ग्रेस सरकार ने मस्जिदों के पेश-इमामों का मानदेय बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति माह कर दिया है। यह बढ़ोतरी जैन पुजारियों और सिख ग्रंथियों पर भी लागू होगी। इस बजट में 250 करोड़ रुपए ईसाई समुदाय के विकास के लिए प्रावधान किया गया है। हज यात्रियों और उनके रिश्तेदारों के लिए बेंगलुरु में हज भवन का एक अतिरिक्त भवन का निर्माण किया जाएगा।
राज्य सरकार ने विदेश पढ़ने जाने वाले अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की सहायता राशि बढ़ाकर 20 लाख रुपए से 30 लाख रुपए कर दिया। माइनॉरिटी बहुल इलाकों में सरकार ने ITI खोलने की घोषणा की है। बजट में यह भी कहा गया है कि कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) के माध्यम से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 50% फीस वापस लौटाया जाएगा।
कर्नाटक सरकार के बजट में उर्दू माध्यम के स्कूलों की सहायता के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से सीनियर सेकेंड्री परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए मदरसों में औपचारिक शिक्षा और सुविधाओं का प्रावधान करने की घोषणा की है।
वहीं, 169 माइनॉरिटी हॉस्टल में रहने वाले 25,000 विद्यार्थियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की भी बात कही गई है। बजट में अल्पसंख्यक छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने का भी प्रावधान है।सीएम सिद्धारमैया ने घोषणा की है कि कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से स्टार्टअप शुरू करने के लिए अल्पसंख्यक युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
कॉन्ग्रेस सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास कार्यक्रम’ के लिए 1,000 करोड़ रुपए का आवंटित किए हैं। वहीं, राज्य के हर तालुक में अल्पसंख्यकों के लिए बहुउद्देशीय हॉल बनाया जाएगा। हर हॉल की अनुमानित लागत लगभग 50 लाख रुपए होगी। इस तरह भाजपा ने राज्य सरकार के बजट की तीखी आलोचना करते हुए इसे ‘मुस्लिम लीग बजट’ कहा है।