Saturday, July 27, 2024
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नबालिग का गैंगरेप: रिश्वतखोर पुलिस वालों ने पिता भाई को फंसाया,मुजरिमों को बचाया,अब आत्महत्या करेगा परिवार

गैंगरेप और पुलिस

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली थाना क्षेत्र में एक 15 साल की लड़की के साथ गांव के ही 4 लड़कों ने गैंग रेप किया। इतना ही नहीं यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। कई बार उसे लड़कों ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। आरोपियों की दरिंदगी से अब नाबालिग पीड़िता 4 महीने की गर्भवती हो गई है। लेकिन अब नाबालिग को न्याय के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। मामले की शिकायत थाने में की गई है लेकिन शिकायत के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है और आरोपी खुले घूम रहे हैं। जिसको लेकर अब पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, पीड़िता और उसके पिता न्याय की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक कोरबा कार्यालय में पिछले डेढ़ माह से भटक रहे हैं, लेकिन अभी तक पुलिस अधीक्षक से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है। वहीं पीड़िता को अब तक ना ही चाइल्ड हेल्प लाइन से कोई मदद मिली और ना ही अस्पताल में इलाज मिल पा रहा है। थक-हारकर नाबालिग बेटी और पिता ने कलेक्टर जनदर्शन में आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।

पुलिस ने फर्जी केस बना भाई और पिता को भेजा जेल

मिडिया से बातचीत के दौरान नाबालिग पीड़िता ने बताया कि, वह लोगों के घरों में झाड़ू-पोंछा लगाने का काम करती है। वो झाड़ू पोछा लगाकर जब घर लौटती थी तो गांव के ही सुनील यादव, सुनील यादव का बड़ा भाई, सचिन और राजबीर नामक चारों युवक अक्सर उसके छेड़छाड़ किया करते थे। इसकी शिकायत दर्ज करवाने उसके पिता थाने गया तो पुलिस ने आरोपियों से मिलकर उसके पिता और भाई के खिलाफ फर्जी 307 का मुकदमा कायम कर उसे जेल भेज दिया। करीब एक साल तक उसके पिता और भाई जेल में रहे। इसी दौरान एक दिन जब वो झाड़ू-पोंछा का काम कर घर लौट रही थी तभी इलाका सुनसान होने का फायदा उठाते हुए सुनील और उसका बड़ा भाई, सचिन और राजबीर ने मिलकर नाबालिग के गले में चाकू सटाकर बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया। इस घटना के बाद नाबालिग बेहोश हो गई और जब उसको होश आया और जैसे-तैसे वह लचर हालत में अपने घर पहुंची।

पीड़ित पक्ष को पुलिस डरा-धमका रही

पिता और भाई के जेल में होने से चारों युवकों में से राजबीर अक्सर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा, लगातार रेप होने से नाबालिग के पेट में गर्भ ठहर गया। मई महीने में जब पीड़िता के पिता और भाई जेल से छूट कर आये तो नाबालिग ने पूरी घटना अपने पिता को बताई। जिसके बाद पिता ने तत्काल पाली थाना जाकर उक्त घटना की लिखित शिकायत की। लेकिन पाली पुलिस ने चारों युवकों पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का कोई मामला दर्ज नहीं किया, जबकि पाक्सो एक्ट के तहत पुलिस को मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करनी चाहिए थी। लेकिन पीड़िता ने बताया कि अभी तक उन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उनके हौसले बुलंद हैं और शिकायत के बाद 20 मई को शिकायत वापस लेने की धमकी देने चारों युवक लड़की के घर रात 12 बजे पहुंचे, उनकी गलत नीयत देख परिवार के लोगों ने घर से जंगल की ओर भागकर अपनी जान बचाई और अभी भी वे डर से सहमे हुए हैं। नतीजतन पीड़िता का परिवार हरदीबाजार में आकर रह रहा है। पीड़िता ने बताया कि इस घटना की वजह से उसकी मां बेहोश हो कर गिर गई थी और दोनों आंखों से दिखना बन्द हो गया है।

दुबारा जेल भेजने की दे रहे धमकी

पीड़िता और उसके पिता ने बताया कि, पाली पुलिस ने उक्त चारों पर अभी तक शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया है। पाली थाने में पदस्थ डायल 112 के आरक्षक राजा और रामू द्वारा पीड़िता के घर जाकर धमकी दी जा रही है कि शिकायत वापस ले ले, नहीं तो थाना ले जाकर पट्टा मार मारकर जेल भेज देंगे। अभी अभी जेल से आया है फिर जेल जाएगा। पीड़िता ने बताया कि पुलिस युवकों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें घर आकर धमकी दे रही है और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

डेढ़ महीने से एसपी ऑफिस के चक्कर काट रहा परिवार

पीड़िता और उसके पिता ने बताया कि, पाली थाना में को कार्रवाई ना होता देख वे जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में न्याय की गुहार लगाने पिछले डेढ़ माह से भटक रहे हैं। लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाई है, वे जब भी कार्यालय जाते है तो वो नहीं मिलते हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिए हैं, उसका पावती भी दिया गया है। लेकिन पूछने पर कार्यालय द्वारा यही जवाब दिया जाता है कि कटघोरा SDOP कार्यालय लेटर भेजा गया है, जब जवाब आएगा तो देखा जाएगा। वहीं कटघोरा SDOP कार्यालय आने पर भी कुछ जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी का गर्भ 4 माह का हो गया है, अब उनके लिए परेशानी और भी बढ़ती जा रही है।

आत्महत्या की चेतावनी दे रहा परिवार

पीड़ित परिवार ने कहा कि, पुलिस की न्याय व्यवस्था से परेशान होकर अब बेटी और पिता आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नाबालिग होने के साथ 4 माह के गर्भ से भी है। ऐसे में दर-दर की ठोकर खाते-खाते बेटी की स्थिति और खराब होते जा रही है। ऐसे में वे और उनकी बेटी कलेक्टर जनदर्शन में या फिर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर आत्महत्या करने का फैसल किया है। क्योंकि पिता को अब उनकी बेटी को न्याय मिलने की आस नहीं दिख रही है।

पुलिस दे रही अपराधियों को संरक्षण-वकील

कटघोरा अधिवक्ता संघ के सचिव अमित सिन्हा का कहनास है कि, पीड़िता के पिता के 307 के मामले में जब उनके द्वारा पैरवी की गई और जब वे जेल से बाहर आये तो उन्होंने इस घटना की जानकारी दी। बेटी के साथ हुई घटना के बाद कहीं भी न्याय नहीं मिल रही है। अधिवक्ता संघ के सचिव अमित सिन्हा ने पाली पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस ने प्रार्थिया के कथन पर उक्त आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की, जो पूरी तरह गलत है। पुलिस ने बिना जांच के ही अपराधियों को खुला छोड़ रखा है। ऐसे में पाली थाना अब न्यायालय की प्रक्रिया को चुनौती दे रहा है।

 

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