गौतम अडानी समूह द्वारा मीडिया हाउस न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) के अधिग्रहण की रिपोर्ट्स पर उस वक्त नया ट्विस्ट आ गया जब मीडिया संस्थान की तरफ से कहा गया कि इस डील को लेकर फाउंडर और प्रमोटर्स-राधिका और प्रणय रॉय के साथ किसी भी तरह की चर्चा नहीं की गई। इस बयान में यह भी कहा गया कि अधिग्रहण की खबर चौंकाने वाली है। वहीं, एनडीटीवी के इस दावे पर भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि प्रणय रॉय इस बात का बहाना बना रहे हैं कि उन्हें इस डील के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अडानी समूह ने NDTV में 29 हिस्सेदारी खरीद ली है और 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाने की तैयारी में है। अडानी समूह ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण किया था।
दरअसल, मंगलवार को खबर आई थी कि प्रणय और राधिका रॉय की हिस्सेदारी वाले टीवी चैनल एनडीटीवी को अडानी ग्रुप खरीदने जा रहा है। अडानी समूह की मीडिया कंपनी ने एनडीटीवी की 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया। यह हिस्सेदारी अप्रत्यक्ष रूप से खरीदी गई है। इस कदम के बाद गौतम अडानी के नेतृत्व वाले एएमवीएल की एनडीटीवी में 55.18 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी।
दूसरी तरफ, एनडीटीवी ने दावा किया कि मुकेश अंबानी से जुड़ी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने पहले कोई चर्चा नहीं की और प्रणय एवं राधिका रॉय को इसके बारे में अब बताया है। स्वामी ने दावा किया कि एनडीटीवी के कई शेयरहोल्डर्स और इंडस्ट्री के लोगों का मानना है कि प्रणय ने अडानी के साथ डील फाइनल की है और अब झूठ बोल रहे हैं कि उनसे इस डील को लेकर चर्चा नहीं की गई। वहीं, इस डील से एनडीटीवी के निवेशकों को खूब फायदा हो रहा है और बुधवार को भी इसके शेयरों पर अपर सर्किट लगा रहा।
पूरी कहानी समझिए
एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडाणी न्यूज चैनल NDTV की 29.18% हिस्सेदारी खरीदने जा रहे हैं। अडाणी ग्रुप ने मंगलवार शाम इसका ऐलान किया। थोड़ी देर बाद NDTV ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी डील का पता ही नहीं है। उन्हें बिना बताए या पूछ ये सब हो गया है। तो ये हुआ कैसे… इसकी थोड़ी उलझी कहानी है। इसे बारी-बारी से समझते हैं।
दरअसल NDTV के फाउंडर प्रणय और राधिका रॉय ने 2009 में करीब 400 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसी लोन के कारण अडाणी ग्रुप को इस मीडिया हाउस की 29.18% हिस्सेदारी मिलने जा रही है। अडाणी ग्रुप ऐडिशनल 26% स्टेक के लिए 294 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 493 करोड़ का ओपन ऑफर भी लाएगा जिसके बाद उसकी कुल हिस्सेदारी 55% हो सकती है।
अडाणी ग्रुप ने पूरी डील की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है। हम यहां इसी फाइलिंग को समझ कर इस डील की कहानी बता रहे हैं।
इस डील में 5 कंपनियां शामिल है:
1. न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV)
2. RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड
3. विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL)
4. AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL)
5. अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL)
RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड NDTV की प्रमोटर कंपनी है। विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) की सहायक कंपनी यानी सब्सिडियरी है। 113.75 करोड़ रुपए में अडाणी ग्रुप ने VCPL का अधिग्रहण किया था।
AMG मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) की सब्सिडियरी है। अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है। इस हिसाब से विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) का कंट्रोल अडाणी एंटरप्राइजेज के पास है।
डील को समझने से पहले वॉरंट क्या होता है इसे समझना जरूरी है, क्योंकि इस डील को वॉरंट के जरिए ही अंजाम दिया गया है। वॉरंट एक तरह का फाइनेंशियल कॉन्ट्रेक्ट है। कंपनियां इसका इस्तेमाल फंड रेज करने के लिए करती है। ये निवेशकों को एक्सपायरेशन से पहले एक निश्चित कीमत पर उस कंपनी के निश्चित शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।
भारतीय और अमेरिकी वॉरंट किसी भी समय एक्सपायरी डेट पर या उससे पहले एग्जीक्यूट किए जा सकते हैं, जबकि यूरोपीय वॉरंट केवल एक्सपायरी डेट पर ही एग्जीक्यूट हो सकते हैं। शेयर खरीदने का अधिकार देने वाले वॉरंट को कॉल वारंट कहा जाता है; शेयर बेचने का अधिकार देने वालों को पुट वॉरंट के रूप में जाना जाता है।
5 पॉइंट्स में समझते हैं कि अडाणी ग्रुप ने कैसे NDTV में हिस्सा लिया
NDTV की प्रमोटर कंपनी RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPR का मतलब राधिका रॉय, प्रणय रॉय है) ने साल 2009 में दूसरे कर्ज चुकाने के लिए VCPL से 403.85 करोड़ रुपए (लिंक के पैरा 43 में लोन का जिक्र है) का कॉर्पोरेट लोन लिया था। इस लोन के बदले में VCPL को RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के वॉरंट मिल गए। नियमों के अनुसार वॉरेंट को एक्सपायरेशन से पहले कभी भी शेयर्स में बदला जा सकता है।
इसी अधिकार के तहत VCPL ने 1,990,000 वॉरेंट को 1,990,000 शेयर्स में बदलने के लिए मंगलवार को नोटिस जारी किया। अडाणी एंटरप्राइजेज ने स्टॉक एक्सचेंज को भी इसकी जानकारी दी है। वॉरंट एक्सरसाइज के टर्म्स के अनुसार RRPR को नोटिस के 2 दिनों के अंदर यानी 25 अगस्त तक VCPL को 1,990,000 शेयर अलॉट करने होंगे। इससे VCPL को RRPR की 99.5% हिस्सेदारी मिल जाएगी। VCPL के पास दो और अधिकार है।
पहला, RRPR की 99.99% तक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए और वॉरंट और दूसरा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास मौजूद RRPR के सभी इक्विटी शेयरों को खरीदने और RRPR की 100% हिस्सेदारी खरीदने का ऑप्शन। चूंकि NDTV की प्रमोटर RRPR है और उसके पास NDTV की 29.18% हिस्सेदारी (18,813,928 शेयर) है, इसलिए अडाणी ग्रुप को इनडायरेक्ट तरीके से NDTV में 29.18% की हिस्सेदारी मिल गई है।
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार जब भी किसी ट्रांजैक्शन में कंपनी के पास दूसरी कंपनी के 25% से ज्यादा शेयर आते हैं तो वो ओपन ऑफर के जरिए और शेयरों का अधिग्रहण कर सकती है। ताकि कंपनी के माइनॉरिटी शेयर होल्डर पहले से तय कीमत पर अपने शेयर अपनी मर्जी से नए निवेशक को बेच सकें।
NDTV के एडिशनल 16,762,530 शेयर्स (26%) के लिए AMNL और अडाणी एंटरप्राइजेज के साथ VCPL ओपन ऑफर लाएगी। शेयरों का ओपन ऑफर प्राइस 294 रुपए हैं। अभी NDTV के शेयर की कीमत करीब 376 रुपए है। यदि आप सोच रहे हैं कि शेयर 376 रुपए पर कारोबार कर रहा है तो 294 की कीमत क्यों ऑफर की गई है? ऐसा इसलिए क्योंकि एक महीने में शेयर में करीब 40% की तेजी आई है। ओपन ऑफर में पिछले 15 दिनों के ऐवरेज प्राइस को ऑफर किया जा सकता है।
प्रणय और राधिका की 32.26% हिस्सेदारी
NDTV में सबसे बड़ी हिस्सेदारी प्रणय रॉय और राधिका रॉय की है। ग्रुप में दोनों की कुल 32.26% स्टेक है। दूसरे बड़े निवेशकों में LTS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड है जिसके पास NDTV की 9.75% हिस्सेदारी है। ऐसे में अगर LTS इन्वेस्टमेंट फंड NDTV की अपनी हिस्सेदारी को ओपन ऑफर में टेंडर कर देता है तो अडाणी ग्रुप के पास NDTV की 38.93% हिस्सेदारी आ जाएगी और वो मेजोरिटी शेयर होल्डर बन जाएगा।
कई मीडिया रिपोर्टों में LTS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड की ओपन ऑफर में NDTV की हिस्सेदारी टेंडर करने की बात कही जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि LTS इन्वेस्टमेंट फंड का 13 भारतीय कंपनियों में कुल 19,328 करोड़ रुपए का निवेश है। इसका लगभग 98% या 18,916.7 करोड़ रुपए का निवेश अडाणी ग्रुप की 4 कंपनियों में है। ये चार कंपनियां अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड, अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी टोटल गैस और अडाणी पावर है।
ऐसे में इसका इनडायरेक्ट रूप से अडाणी ग्रुप को फायदा मिल सकता है। हो सकता है कि LTS इन्वेस्टमेंट से अडाणी ग्रुप की ओपन ऑफर में शेयर टेंडर करने को लेकर बात भी हो चुकी हो। इसी कारण से अडाणी ग्रुप ने इतनी कम कीमत में ओपन ऑफर लाने का फैसला लिया हो। एक ब्रोकिंग कंपनी के रिसर्च हेड ने भी कहा कि ओपन ऑफर में शेयर की कीमतें कम रखने का मतलब यह हो सकता है कि अडाणी ग्रुप ने पहले ही दूसरे इन्वेस्टर्स से इसके लिए डील कर ली हो