भारत के इतिहास में इमरजेंसी एक काला अध्याय है। आज ही के दिन यानी 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी को घोषणा की थी 25 और 26 जून 1975 की रात इंदिरा गांधी के आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के दस्तखत के साथ देश में आपातकाल लागू हो गया था। यह इमरजेंसी 21 मार्च 1977 को खत्म हुई। 19 महीने तक देश में इमरजेंसी लगी रही। 19 महीनों में लाखों को जेल हुई और बेवजह यातनाएं दी गईं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी के बारे में जिनका कसूर कुछ नहीं था। लेकिन उन्हें महंगा पड़ा एक राजनेता से दोस्ती करना। एक्ट्रेस पर बेहिसाब अत्याचार केवल इसलिए किए गए क्योंकि वह बड़े समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की मित्र थीं जिन्हें इमरजेंसी के समय पुलिस पकड़ने की कोशिश में थी।
आज नेहा सिंह राठौड़, स्वरा भास्कर, रवीश कुमार मोदी सरकार के खिलाफ भारत के खिलाफ हिन्दुओं के खिलाफ दिन रात जहर उगलते हैं, वह बड़े खुशनसीब हैं कि आज भारत में एक स्वस्थ लोकतंत्र है ।
वरना इंदिरा गांधी के समय में दक्षिण भारत की प्रसिद्ध अभिनेत्री स्नेहलता रेड्डी का क्या हाल किया गया ? आप लोग गूगल पर सर्च कर सकते हैं ।
इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया
स्नेहलता रेड्डी ने एक नाटक के द्वारा इसका विरोध किया । तुरंत बिना किसी आरोप के बिना किसी चार्जशीट के इन्हें बेंगलुरु सेंट्रल जेल में कैद कर दिया गया और पूरे 8.5 महीने तक बिना किसी आरोप के जेल में रखा गया ।
मीडिया को यह बताया गया कि उनके घर से डायनामाइट मिला है और यह देश में आतंकी साजिश रच रही थी, जबकि कभी यह नहीं बताया गया कि वह डायनामाइट कब मिला कैसे मिला वह कहां रखा है ?
स्नेहलता रेड्डी क्रॉनिक अस्थमा की मरीज थी । उन्हें जेल में दवा लेने की इजाजत नहीं थी । तीन बार उन्हें क्रॉनिक अस्थमा की वजह से ऐसा अटैक हुआ की कोमा में चली गई ।
उनके फेफड़े बुरी तरह से संक्रमित हो गए
उनके ऊपर जो अत्याचार होते थे वह अपनी डायरी में लिखती थी । उन्होंने लिखा है कि जैसे ही कोई महिला कैदी जेल में आती है तो उसे सबसे पहले नंगा करके मारा जाता है उसका बलात्कार किया जाता है ।
फिर जब एक बार और उनको क्रॉनिक अस्थमा का अटैक आया और इंदिरा गांधी को लगा कि अब यह जिंदा नहीं बचेगी तब उसे जेल से उनके घर कोमा की हालत में भेज दिया गया, जहां वह तीन दिन कोमा में रहने के बाद उनका निधन हुआ ।
परिवार वालों ने पोस्टमार्टम की मांग की जिसे ठुकरा दिया गया और जबरदस्ती प्रशासन ने उनके शव का अंतिम संस्कार कर दिया ।
तो आज यह जो बाजा पेटी वाले बार बालाएं नचनिया नर्तक दिन-रात ट्विटर पर सोशल मीडिया पर मोदी के खिलाफ जहर उगल रहे हैं वह कितने खुश नसीब हैं ।
वरना कांग्रेस के दौर में अगर आपने सत्ता का विरोध किया तब आपकी मौत निश्चित थी और वह मौत आसान मौत नहीं होती थी बल्कि आपको तड़पा तड़पा कर मारा जाता था ।
और एक और बाद जेल में ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण को लेड और कैडमियम मिला पानी पिलाया गया, जिससे उनके दोनों किडनी खराब हो गए और उनका भी दुखद निधन हो गया ।