पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को झटका लगा है. यहां उनका पार्टी के बंगाल प्रमुख ने पार्टी का साथ छोड़ टीएमसी का दामन थाम लिया है. उन्होंने ओवैसी पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
पश्चिम बंगाल के AIMIM प्रमुख शेख अनवर हुसैन पाशा ने कहा कि मैं ओवैसी को सलाह देना चाहूंगा कि वह बंगाल ना आएं. अगर वो यहां आते हैं तो उन्हें वापस लौटने के रास्ते दिखा दिए जाएंगे. ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ही सेक्युलर नेता हैं और बीजेपी को रोकने के लिए टीएमसी ही विकल्प है.
पश्चिम बंगाल में भाजपा और वाम-कांग्रेस के मोर्चे से लड़ाई की रणनीति तैयार कर रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सांप-छछूंदर की स्थिति पैदा कर दी है। ओवैसी ने साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे दिया है जिसे स्वीकार करना और न करना दोनों की ममता की मुश्किलें बढ़ाएगा। यही कारण है कि ओवैसी के प्रस्ताव पर तृणमूल में चुप्पी है।
अभी अभी पश्चिम बंगाल से सटी बिहार विधानसभा की पांच सीटों पर जीत से उत्साहित ओवैसी ने तृणमूल के सामने पासा फेंका था। उन्होंने कहा था कि भाजपा को हराने के लिए वह ममता के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह इसलिए एक पासा कहा जा सकता है क्योंकि वहां किसी घोषणा से पहले ओवैसी अपने लिए आधार तैयार करना चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल में चार दर्जन सीटों पर अल्पंसख्यक प्रभाव
ध्यान रहे कि 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा मे चार दर्जन से कुछ ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक मुस्लिम वोटर प्रभावी है। वैसे तो ममता पर अल्पसंख्यक राजनीति करने का आरोप ही चस्पा रहा है, लेकिन भाजपा के बढ़ते राजनीतिक दबाव के कारण पिछले कुछ वर्षों में वह साफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ी हैं।जबकि ओवैसी हार्ड लाइन रखने वाले अल्पसंख्यक नेता हैं। बिहार में उनकी जीत का एक बड़ा कारण यही रहा। यही कारण है कि बिहार में राजग के मुकाबले सिर्फ महागठबंधन के होने के बावजूद कुछ सीटों पर बड़ी संख्या में ओवैसी की पार्टी को वोट पड़े थे।
उधर, टीएमसी प्रमुख व सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्राइबल कार्ड खेला है. आदिवासी वोट बैंक को लुभाने के लिए ममता बनर्जी ने बंगाल में बिरसा मुंडा की जयंती पर अवकाश का एलान किया है. ममता ने एक जनसभा के दौरान अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए केंद्र की सरकार को ‘आलू सरकार’ भी कहा.
हाल ही में अमित शाह के बंगाल दौरे और आदिवासी के घर खाना खाने को लेकर भी ममता ने निशाना साधा, उन्होंने कहा कि अमित शाह ने अदिवासी के घर बाहर से मंगाया गया खाना खाया था. उन्होंने कहा कि अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान झूठे वादे किए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार आलू की सरकार है. ये लोग आपका खाना भी छीन लेंगे.
बांकुड़ा में आयोजित सभा में ममता ने कहा कि टीएमसी सरकार राज्य में सभी का ख्याल रख रही है. हमने जून के महीने तक राशन मुफ्त कर दिया है. बाकुड़ा में 32 हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है. हम अपने लोगों का अच्छे से ख्याल रख रहे हैं. अमित शाह के झूठे वादों से जनता वाकिफ है. उनके झूठे वादे ज्यादा दिन नहीं टिकेंगे.
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अमित शाह का बाकुड़ा दौरा केवल दिखावा था. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार महंगाई बढ़ा रही है. आलू और प्याज के दाम बढ़ रहे हैं. इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले वोट देने के लिए पैसे देंगे तो उन्हें अपने पास रख लें लेकिन वोट बीजेपी को नहीं दें. उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी की सरकार फिर से बनेगी और हम मुफ्त राशन की अवधि और बढ़ाएंगे.