Friday, November 8, 2024
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मध्यप्रदेश में लव जिहाद कानून लागू,10 साल की सज़ा,गुजरात मे मुसलमान विधायक ने प्रति फाड़ी,बाद में पलटा

मध्य प्रदेश में लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण रोकने का नया कानून लागू हो गया है। राज्य सरकार ने शनिवार (27 मार्च 2021) को ‘मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2020’ का नोटिफिकेशन जारी किया। इस धर्मांतरण विरोधी कानून में शादी के बाद बलपूर्वक धर्म-परिवर्तन को गंभीर अपराध माना गया है और इसके लिए 10 वर्षों की सजा का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को बिल पर अपनी सहमति दी और अगले ही दिन आधिकारिक गैजेट में अधिनियम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
अधिनियम की प्रस्तावना में लिखा हुआ है कि यह अधिनियम धर्मांतरण के विरुद्ध धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही विवाह, धमकी अथवा बलपूर्वक, लालच जैसे अवैध माध्यमों से धर्मांतरण को रोकता है।
अधिनियम की ‘धारा 3’ के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति बहलाकर, धमकी के माध्यम से, बलपूर्वक, विवाह के द्वारा एवं ऐसे ही अन्य माध्यमों से किसी अन्य व्यक्ति का धर्मांतरण नहीं करेगा। ‘धारा 5’ में धर्मांतरण के अपराध के लिए सजा का प्रावधान है जो कि कम से कम एक वर्ष और अधिक से अधिक 5 वर्ष है। नाबालिग, महिला तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के संबंध में धर्मांतरण के लिए सजा की अवधि 10 वर्ष तक की हो सकती है। सामूहिक धर्मांतरण के लिए भी इस कानून में 10 साल तक की सजा तथा कम से कम एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
मध्य प्रदेश के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश भी धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2020 में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लाया गया था। उत्तर प्रदेश में भी व्यक्तिगत एवं सामूहिक धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

जरात विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन कॉन्ग्रेस विधायक इमरान खेडावाला ने जबरन धर्मांतरण विरोधी विधेयक ( Anti forced religious conversion bill) की प्रति फाड़ डाली। कॉन्ग्रेस MLA ने कहा कि यह बीजेपी का नया हथकंडा है, जिसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
इमरान खेडावाला ने यह भी दावा किया कि उन्होंने विधेयक को इसलिए फाड़ा, क्योंकि इसमें जिहाद शब्द का इस्तेमाल है और ये एक समुदाय को निशाना बनाने वाला है। उन्होंने कहा, “राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने केवल इसमें ये बताया है कि हिंदू समुदाय की बेटियों को एक विशेष समुदाय के पुरुषों द्वारा लक्षित किया जाता है। बेटियाँ, किसी भी धार्मिक समुदाय से हों, हमेशा हमारी बेटियाँ रहेंगी।”
खेडावाला ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह शादी से पहले या धोखे से करवाए गए जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा नहीं देते। उनके अनुसार इस कृत्य के लिए विधेयक में जितनी सजा लिखी है उससे ज्यादा मिलनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध के लिए सऊदी अरब के शरिया कानून जैसी सजाएँ होनी चाहिए।
इस घटना के बाद गुजरात के भाजपा विधायक प्रदीप सिंह जडेजा ने विधानसभा में इतना आक्रमक होने के लिए इमरान के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की माँग की है।

बता दें कि गुजरात विधानसभा में इमरान खेडावाला द्वारा फाड़ा गया विधेयक, जबरन धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों के खतरे को रोकने का प्रयास करता है। विशेषकर जहाँ मुस्लिम पुरुष हिंदू होने का दिखावा करते हैं या शादी के बहाने हिंदू महिलाओं के साथ संबंध बनाने के लिए अपनी धार्मिक पहचान छिपाते हैं।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में लागू लव जिहाद विरोधी कानून की तर्ज पर गुजरात विधानसभा में यह विधेयक राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह ने पेश किया था। इसके मुताबिक युवा महिला का धर्मांतरण करवाने पर 5 साल की सजा और 2 लाख जुर्माना हो सकता है। वहीं नाबालिग के साथ ऐसा करने पर 7 साल की सजा और 3 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

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