Saturday, December 7, 2024
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क्या मक्का या मदीना में है हिन्दू की दुकान,फिर क्यों कूद रहे ये…..

प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ 2025 को लेकर अब बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अखाड़ा परिषद के सुर से सुर मिलाया है. उन्होंने सवाल पूछ लिया कि क्या मक्का-मदीना में हिन्दुओं की दुकानें हैं? उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम कुंभ में भगवा वस्त्र पहन कर भी नहीं जा सकता. छत्तीसगढ़ के कवर्धा पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह तो वही है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद ने तय किया है कि कुंभ में मुस्लिमों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस फैसले में वह अखाड़ा परिषद के साथ हैं.

उन्होंने कहा कि इन्हें इतना ही भाइचारा रखना है तो थूक कांड करने वालों पर अबतक फतवा जारी क्यों नहीं हुआ. यह दोहरी मानसिकता है और वह इसका समर्थन नहीं कर सकते. कवर्धा और कांकेर में बागेश्वर महाराज ने हनुमान जी और अगर मोती माता के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि बस्तर में धर्मांतरण को रोकने और हिन्दुओं को जगाने के लिए वह जल्द ही पदयात्रा करने वाले हैं. इस दौरान जितने भी लोगों ने धर्मांतरण किया है, उनकी घर वापसी होगी.

अखाड़ा परिषद ने की थी मांग
उन्होंने समुदाय विशेष पर आरोप लगाते हुए कहा कि बहुत प्लांटेड तरीके से आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की कोशिश हो रही है. बता दें कि पिछले दिनों अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों को चाय, जूस और खानपान की दुकानें नहीं देने का प्रस्ताव पास किया था. इसके बाद अखाड़ा परिषद को इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए सरकार से अनुरोध किया था. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने इस आयोजन को लेकर सरकार से मांग की थी. महत्ता को देखते हुए कहा था कि किसी भी गैर समुदाय के व्यक्ति को मेले में वेंडर का लाइसेंस ना दिया जाए.

समुदाय पर कम हुआ है भरोसा
उन्होंने तर्क दिया था कि पिछले दिनों समुदाय विशेष के लोगों ने चाय में थूकने या पेशाब करने की हरकत की है. इसकी वजह से इनके प्रति हिंदुओं का विश्वास कम हुआ है. ऐसे में यदि कुंभ मेले में इन्हें दुकानें आवंटित होती है तो इस तरह की घटना होने की संभावना प्रबल है. उन्होंने सरकार को भेजे अनुरोध पत्र में साफ तौर पर कहा है कि कुंभ में नागा संन्यासी भी बड़ी संख्या में होंगे. ऐसे में सनातन धर्म और हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.उन्होंने कहा कि कई मुसलमान अखाड़े में भी काम करते हैं. उनके साथ साधु संत कभी भेदभाव नहीं करते, लेकिन कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने पूरे समाज को बदनाम किया है.

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