आप चाहे लाख गालियां दे नफरत करें नेरैटिव बनाएं मगर यह सच है..
आइसक्रीम खाता हुआ यह शख्स 55 साल का भोंपू है, और
दूसरा 37 साल का मगर जिम्मेदारी संभालते ही इसने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा एक नया आयाम तो दिया है चाहे वह पुरुष टीम हो या महिला टीम हो…
आप लोग जय शाह की आलोचना करते हो कि बिना क्रिकेट खेले वह बीसीसीआई के अध्यक्ष कैसे हैं
लेकिन साथ ही साथ आप लोगों को
शरद पवार
लालू प्रसाद यादव
वैभव गहलोत और
शरद पवार राजीव शुक्ला की भी आलोचना करनी चाहिए कि वह लोग बीसीसीआई या तमाम राज्यों के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष क्यों बने थे???? मगर दोगले हो न इसलिए चुप हो..??
लेकिन तुम लोग कभी यह कल्पना भी नहीं कर सकते की जय शाह ने क्रिकेट के लिए क्या शानदार कदम उठाया और महिला क्रिकेट टीम को आगे बढ़ाने के लिए क्या किया
2005 में जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम रनर अप रही तो 1000 रुपये प्रति मैच दिए गए थे, ₹8000 ही महिला खिलाड़ियों को दिए गए थे मैच फीस या annual कॉम्ट्रैक्ट हो होते ही नहीं थे।
जय शाह की खूब आलोचना होती है पर कल जय शाह वाली ICC और बीसीसीआई ने
टीम को क्रमशः 40 करोड़ और 125 करोड़ दिए है, जिसकी वो हकदार भी है।
महिला क्रिकेट का पूरा भाग्य बदल दिया जय शाह ने…वरना पहले की स्थिति पता करिए गूगल है न..
और परिणाम भी दिख गया..
ध्यान रहे BCCI का अध्यक्ष सीधे नहीं चुनाव के बाद चुना जाता
मगर क्या है अपने छेद छुपाने के लिए चमचे दूसरों के अंदर भी छेद ढूंढते है
निष्पक्ष आँकलन वही कर सकता है जिसका ब्रेनवाश न हो बुद्धि और समझ काम करती हो।
वेलडन जय शाह..!!!
#jaishah #indiacricketteam






