, 200 से ज्यादा मिसाइल दागी,एक की
मौत वो भी फिलिस्तीनी 7
इजरायल पर मंगलवार (1 अक्टूबर, 2024) को हुए ईरान के हमले में एक फिलिस्तीन के व्यक्ति की मौत हो गई। इजरायल के जेरिको के पास वेस्ट बैंक के नुइमा शहर में उस पर इंटरसेप्टेड मिसाइल का हिस्सा गिर गया। मृतक की पहचान हो गई है और स्पष्ट हो गया है कि उसकी मौत ईरानी हमले में हुई।
मृतक फिलिस्तीनी गाजा के जबालिया इलाके का रहने वाला था। मृतक का नाम समेह असाली है और वह 37 वर्ष का था। फिलिस्तीनी प्रशासन ने बताया है कि उनके इलाके में रॉकेट और मिसाइल के हिस्से गिरने के कारण नुकसान हुआ है और एक जान भी गई है। बताया गया है कि समेह असाली एक कामगार था।
इसके अलावा, उसी रॉकेट के टुकड़े लगने के कारण 4 फिलिस्तीनी घायल भी हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन बच्चों के पिता समेह अल-असाली उन सैकड़ों गाजा मजदूरों में से एक है, जिनके पास इजरायली वर्क परमिट है। बताया गया कि समेह 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल के खिलाफ हमास के हमले के दौरान इजरायल में फंस गया था और उसने वेस्ट बैंक में शरण ली थी।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखता है कि अल-असाली के शव के पास 1 मीटर लंबा मिसाइल का टुकड़ा जमीन पर पड़ा हुआ है और उसे चादर से ढका हुआ है। इस घटना का एक वीडियो भी CCTV पर रिकॉर्ड हो गया जो कि अब लोग साझा कर रहे हैं।
वीडियो में दिखता है कि समेह असाली नुइमा गाँव की सड़क पर टहल रहा है, इसी दौरान आसमान से ईरानी मिसाइल का एक बड़ा टुकड़ा गिरता हुआ दिखाई देता है। मिसाइल का टुकड़ा सीधे समेह अल-असाली के ऊपर गिरा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इजरायली एजेसियों ने बताया है कि ईरानी हमले के कारण तेल अवीव के भीतर केवल 2 लोग ही घायल हुए हैं जबकि बाकी कुछ लोगों को हलकी फुलकी चोटें आई हैं। इजरायल और ईरान के बीच गहराते संकट के बीच 1 अक्टूबर को युद्ध के बादल छा गए। ईरान ने इस दौरान इजरायल पर लगभग 200 मिसाइल दागीं।
ईरानी हमले से बचने के लिए इजरायल के लोगों ने बंकरों में शरण ली थी। बताया गया कि ईरान द्वारा दागी गईं 181 मिसाइलों में से ज्यादातर को इजरायल के आयरन डोम ने हवा में ही मार गिराया। यह भी सामने आया कि मिसाइलों को मार गिराने में अमेरिकी सेनाओं ने भी सहायता की।
इससे पहले सोमवार को इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के भीतर कई गाँवों में हमले किए। लेबनान के इन इलाकों के भीतर इजरायल की थल सेना घुसी थी। यह हमला हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के बंकर पर हमले में मारे जाने के कुछ ही दिनों बाद हुआ।