Tuesday, November 11, 2025
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कट्टर कटमुल्ले जमालुद्दीन उर्फ मुल्ला छांगुर पर सनसनीखेज खुलासा: सऊदी प्रिंस से ज्यादा अमीर बनाना चाहता था अपने बेटे को

अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर जांच शुरू होने के बाद एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच मामले की छानबीन कर रही एटीएस की जांच में दो बड़े खुलासे हुए हैं. जिससे छांगुर के सपनों पर पानी फिर गया है. यूपी एटीएस ने छांगुर के बेटे महबूब और उसके भतीजे सबरोज को लेकर दो खुलासे किए हैं.

बता दें छांगुर का सपना था कि उसका बेटा महबूब दुनिया का सबसे अमीर शख्स बने.जिसके लिए उसने धर्मांतरण के नेटवर्क को माफियाई अंदाज में फैलाया और हिंदू युवतियों को टारगेट करने की खतरनाक साजिश रची थी, जिसको उसका बेटे अंजाम दे रहा था. वहीं दूसरे खुलासे में सामने आया है कि छांगुर ने अपने भतीजे सबरोज को हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाने की जिम्मेदारी सौंपी थी.

एटीएस ने किए ये दो बड़े खुलासे
छांगुर के अवैध धर्मांतरण के सिक्रेट धंधे से पर्दा उठने के बाद अब कई तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं. वहीं एटीएस टीम ने खुलासा करते हुए बताया कि छांगुर का सपना था कि उसका बेटे सबसे अमीर इंसान बने. वहीं दूसरी ओर उसका भतीजे इस नेटवर्क को माफियाई अंदाज में फैला रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक छांगुर ने आजमगढ़ में अपने भतीजे सबरोज को जिम्मेदारी सौंपी थी जो चार लोगों की टीम के साथ युवतियों को प्रेमजाल में फंसाता था. वहीं औरैया में मेराज नामक युवक को रुद्र बनाकर एक हिंदू युवती से नजदीकी बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी. मेराज ने युवती का न केवल शोषण किया बल्कि उसका वीडियो भी बना लिया. जिसके बाद युवती के ऊपर दवाब बनाना शुरू कर दिया गया था.

देश-विदेश तक जुड़े हुए हैं तार
छांगुर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि उसका पूरा नेटवर्क विदेश में भी फैला हुआ है. एटीएस की नजर जब इन प्रेमजाल रैकेट पर पड़ी तो पूरे नेटवर्क की परतें खुलने लगीं. अब जांच एजेंसी इन मामलों को गंभीरता से खंगाल रही है. छांगुर के खिलाफ अब एटीएस हर तह को खंगालने और कई अहम जानकारियों को जुटाने में लगी हुई है.

बता दें छांगुर का मकसद केवल धर्मांतरण नहीं था बल्कि उसे एक कारोबार और वर्चस्व की साजिश के रूप में फैलाना था. जिसका पर्दाफाश होने के बाद अब छांगुर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है. वहीं जांच एजेंसी अब हर तरह से मामले की छानबीन कर रही है.

(छांगुर का आईएसआई कनेक्शन आया सामने)

छांगुर के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब एटीएस और ईडी की जांच में कई जानकारी खुलकर सामने आ रही है। धर्मांतरण के एक संगठित रैकेट से शुरू हुआ खुलासा अब आईएसआई कनेक्शन और देशविरोधी साजिश तक पहुँच गया है। छांगुर बाबा न सिर्फ लोगों का धर्मांतरण कराने का खेल खेल रहा था, बल्कि सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर भारत को तोड़ने की भी साजिश रच रहा था।

सिर्फ यूपी तक ही सीमित नहीं था छांगुर का नेटवर्क
जानकारी के अनुसार, छांगुर धर्मांतरण के नाम पर अपने द्वारा स्थापित नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सीधा संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। सूत्रों से पता चला है कि नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में आईएसआई एजेंटों की एक गुप्त बैठक हुई थी। इसमें छांगुर के नेपाल कनेक्शन के जरिए संपर्क साधने की कोशिश की गई थी। छांगुर बाबा की योजना आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को जाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण कराने की थी।

फिर उनका निकाह नेपाल में आईएसआई एजेंटों और स्लीपर सेल के साथ कराया जाए। एक बाकायदा कोडवर्ड सिस्टम भी तैयार किया गया था ताकि ये महिलाएं बाद में जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बन सकें। छांगुर का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं था।

कहां तक फैला हुआ था छांगुर का नेटवर्क?
छांगुर बाबा का नेटवर्क महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल में फैला हुआ था। वह विदेशी फंडिंग के जरिए इस पूरे नेटवर्क को मजबूत करता रहा। एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि उसने लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों की एक फौज तैयार कर रखी थी। पिछले तीन सालों में इस काम के लिए 1000 से ज्यादा मुसलमानों को नकद पैसे दिए गए। नेपाल सीमा से लगे सात जिलों को निशाना बनाया गया।

क्या करता था नेटवर्क?
नेटवर्क लड़कियों को फंसाता, उनका ब्रेनवॉश करता और फिर उनका धर्मांतरण कराकर उनकी शादी करा देता। इसके लिए विदेशों से भारी मात्रा में फंड आता था। एटीएस की जांच में छांगुर बाबा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कोडवर्ड का भी खुलासा हुआ है। जैसे, लड़कियों को ‘प्रोजेक्ट’ कहा जाता था। ब्रेनवॉश करने की प्रक्रिया को ‘काजल करना’ कहा जाता था। किसी लड़की को बाबा से मिलवाना ‘दीदार करना’ कहलाता था।

कोडवर्ड में करता था बात
इसी तरह, धर्मांतरण को ‘मिट्टी पलटना’ कहा जाता था। बाबा और उसका गिरोह इन कोड के जरिए एक-दूसरे से बात करते थे ताकि किसी को भनक न लगे। ईडी और एटीएस की जांच में यह भी पता चला है कि बाबा को विदेशों से करोड़ों की फंडिंग मिलती थी। अब तक की जांच में 18 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें कुल 68 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इनमें से 3 करोड़ रुपये सिर्फ तीन महीने में ट्रांसफर किए गए।

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