Tuesday, November 11, 2025
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हिंदुओं की बहन,बेटी,पत्नी,भाभी, मां और अन्य को फसाने की किताब: शिजर ए तैय्यब लेखक छांगुर मौलाना

शिजर-ए-तैय्यबा… यह नाम सुनने में एक साधारण किताब का लगता है, लेकिन इसके पन्नों में छिपा था एक खतरनाक मकसद. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने इसे धर्म प्रचार के नाम पर छपवाया था, लेकिन इसका असली उद्देश्य था लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देना. इस किताब के जरिए मुस्लिम युवकों और हिंदू युवतियों को ब्रेनवॉश किया जाता था, जिसके निशाने पर थीं समाज की भोली-भाली लड़कियां. लखनऊ के विकास नगर में स्टार रूम्स होटल के कमरा नंबर 104 में 70 दिन तक चली इस साजिश ने समाज को हिलाकर रख दिया. यह कहानी है छांगुर , उसकी साथी नसरीन और उनके काले कारनामों की, जिसका पर्दाफाश ATS की सतर्कता ने किया.

16 अप्रैल 2025 को छांगुर  और नसरीन ने स्टार रूम्स होटल में कदम रखा. पहले चार दिन के लिए कमरा नंबर 102 बुक किया. अपने आधार कार्ड दिखाए. छांगुर ने अपने नाम का और नसरीन ने नीतू नवीन रोहरा के नाम का. ATS की जांच में सामने आया कि यह चार दिन का ठहराव कोई संयोग नहीं था. दोनों ने होटल और आसपास के माहौल को भांपने के लिए यह समय लिया. जब उन्हें यकीन हो गया कि यह जगह उनके गैंग के लिए सुरक्षित है तो 5वें दिन कमरा नंबर 104 में शिफ्ट हो गए.

अगले 70 दिन तक यही उनका ठिकाना बना, जहां वे पति-पत्नी की तरह रहते थे. होटल कर्मचारियों के मुताबिक, दोनों की दिनचर्या सामान्य थी. छांगुर  कमरे से बहुत कम बाहर निकलता था. नसरीन दिन में एक-दो बार बाहर जाती थी, कभी खाना लाने, कभी छोटे-मोटे काम के लिए. ज्यादातर खाना होटल में ही मंगवाया जाता था. कोई रिश्तेदार या दोस्त उनसे मिलने नहीं आता था. सिवाय एक वकील के, जो समय-समय पर मुलाकात करता था. कर्मचारियों को कोई शक नहीं हुआ, लेकिन ATS की नजर में यह कमरा एक संगठित अपराध का केंद्र था.

शिजर-ए-तैय्यबा: ब्रेनवॉश का हथियार
शिजर-ए-तैय्यबा किताब छांगुर  का सबसे खतरनाक हथियार थी. उसने इसे खुद छपवाया था. धर्म प्रचार के नाम पर इस किताब के जरिए वह मुस्लिम युवकों और हिंदू युवतियों को लव जिहाद के लिए उकसाता था. ATS की जांच में पता चला कि इस किताब ने कई युवक-युवतियों का ब्रेनवॉश किया. छांगुर ने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रेट तय किए थे. ब्राह्मण, क्षत्रिय या सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जाति के लिए 10-12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपए. मना करने वालों को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी. यह किताब न सिर्फ एक किताब थी, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी, जो समाज में नफरत और विभाजन फैलाने का काम करती थी.

100 करोड़ का लेनदेन
फर्जी ट्रस्ट और विदेशी फंडिंग छांगुर का नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था. ATS को उसके और नसरीन के 14 बैंक खातों का पता चला, जिनमें 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन हुआ, जिसमें 14 करोड़ रुपए विदेशी फंडिंग के थे. फर्जी ट्रस्ट और फर्म बनाकर छांगुर ने यह नेटवर्क खड़ा किया था. वोस्ट्रो अकाउंट्स (विदेशी बैंकिंग सिस्टम) के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही थी. STF और ATS को इन विदेशी खातों की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन यह साफ है कि यह एक संगठित अपराध था, जिसके तार विदेशों तक जुड़े थे.

सिंधी से मुस्लिम बनी नसरीन, जिसका असली नाम नीतू नवीन रोहरा है, एक सिंधी परिवार से थी. उसके पति नवीन रोहरा और बेटी का भी छांगुर ने धर्मांतरण करवाया था. वह बलरामपुर में छांगुर के साथ रहती थी. नसरीन और छांगुर के बीच अवैध संबंध थे और वह गैंग की महत्वपूर्ण जोड़ी थी. होटल में दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे, लेकिन उनका असली मकसद था हिंदुओं का धर्मांतरण और लव जिहाद को बढ़ावा देना.

विदेश यात्राएं और लग्जरी जिंदगी
ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा और उसके गैंग के सदस्य 40 से ज्यादा बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके थे. बलरामपुर के मधपुर गांव में उन्होंने विदेशी फंडिंग से करोड़ों का बंगला, शोरूम और लग्जरी गाड़ियां खरीदीं. गैंग में महबूब, पिंकी हरिजन, कथित पत्रकार एमेन रिजवी और हाजिरा शंकर जैसे लोग शामिल थे.

ATS ने छांगुर बाबा और नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया. अब तक गैंग के चार सदस्य पकड़े जा चुके हैं, लेकिन कई संदिग्ध अभी भी फरार हैं. ATS ने उनकी तलाश में छापेमारी तेज कर दी है.

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