फर्ज़ी पहचान, झूठा प्यार और मौत का प्लान… सुहागरात पर पति की हत्या, ‘खुशी तिवारी’ के नकाब में छिपी थी ‘शाहिदा बानो’
कहानी शादी की, हकीकत जिहाद की… शाहिदा बानो ने ‘खुशी तिवारी’ बन हिंदू युवक को पहले फंसाया, फिर सुहागरात पर उतारा मौत कLLस
सुनकर रूह कांप जाए, लेकिन ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। जबलपुर के भोले-भाले इंद्र कुमार तिवारी, जिनके पास 18 बीघा ज़मीन थी और उम्र 45 साल पार कर चुकी थी, सिर्फ एक शादी की चाह में शिकार बन गए एक सुनियोजित जिहादी षड्यंत्र का।
कथा मंच पर अपनी पीड़ा बयां करने वाले इंद्र की बात गोरखपुर में बैठे जिहादी मानसिकता से ग्रसित प्रेमी युगल तक पहुंची। फिर रची गई हत्या की साजिश, जिसमें हिन्दू बन कर ‘शाहिदा बानो’ बन गई ‘खुशी तिवारी’ और उसका आशिक कौशल बन गया संदीप।
कैसे फंसे थे इंद्र?
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की कथा के दौरान वायरल हुए वीडियो में इंद्र ने अपनी शादी की चाह जताई थी। इस वीडियो को देखकर गोरखपुर की शाहिदा बानो ने अपने प्रेमी कौशल उर्फ संदीप के साथ मिलकर इंद्र को जाल में फंसाया। खुद को खुशी तिवारी बताकर और एक रिश्तेदार बनकर कौशल ने शादी की बात की पेशकश रख दी। इंद्र, जो परिवार और वंश बढ़ाने की चिंता में थे, इस जाल में फंस गए।
हलफनामा बना हत्या की पहली सीढ़ी
इंद्र को गोरखपुर बुलाकर प्लान के मुताबिक एक हलफनामा तैयार कराया गया, जिसमें उनकी संपत्ति का वारिस खुशी और संदीप को घोषित करवा दिया गया। 5 जून 2025 को इंद्र को कुशीनगर ले जाया गया। एक होटल में शादी की रस्में निभाईं और उसी रात पनीर राइस में नींद की गोलियां मिलाकर इंद्र को बेहोश किया गया।Lम
रात में होटल से निकलकर ड्राइवर शमसुद्दीन अंसारीउ से तीनों ने इंद्र को सुनसान जगह पर ले जाकर चाकू से गोदकर मार डाला और लाश झाड़ियों में फेंक दी। अगले दिन पुलिस को लाश मिली, लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई। जब इंद्र का कॉल डिटेल निकाला गया, तो सारी कहानी सामने आई।
तीनों आरोपी सलाखों के पीछे
जबलपुर पुलिस की जांच और कुशीनगर पुलिस की मुस्तैदी से शाहिदा उर्फ खुशी, कौशल उर्फ संदीप और ड्राइवर शमसुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से इंद्र का आधार कार्ड, फोटो और हलफनामा बरामद हुआ है। इनका मकसद था- शादी कर संपत्ति हड़पना, और हत्या कर गुमनाम हो जाना।