सांसद निशिकांत दुबे ने आज सुबह अपने X हैंडल से कांग्रेस पार्टी और देश के कुछ न्यायाधीशों के बीच जो सेटिंग दशकों से चली आ रही थी, उसके एक एक धागे का खुलासा किया है.
निशिकांत दुबे ने आज प्रमाणों सहित कहा…कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक मजेदार कहानी।
असम में बहरुल इस्लाम साहिब ने कांग्रेस की सदस्यता 1951 में ली, तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बना दिया।
छह साल बाद दुबारा 1968 में राज्य सभा का सदस्य सेवाभाव के लिए बनाया।
इनसे बड़ा चमचा कॉग्रेस को नज़र नहीं आया राज्यसभा से बिना इस्तीफ़ा दिलाए हाईकोर्ट का जज 1972 में बना दिया, फिर 1979 में असम हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बना दिया।
बेचारे 1980 में रिटायर हो गए, लेकिन यह तो कांग्रेस है जनवरी 1980 में रिटायर हुए जज को दिसंबर 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया।
1977 में इंदिरा गांधी जी के उपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस इन्होंने तन्मयता से ख़त्म कर दिए, फिर ख़ुश होकर कांग्रेस ने इन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर कर कॉग्रेस से राज्यसभा का तीबारा सदस्य 1983 में ही बना दिया ।
यह सब कुछ निशिकांत दुबे ने प्रमाणों सहित लिखा है दम है तो कांग्रेस और जज इसका खंडन करें या फिर कांग्रेस और वह मिले हुए जज देश से माफी मांगे।
वाकई निशिकांत दुबे जी ने कांग्रेस वामपंथी और जजों के गठजोड़ को बेनकाब कर देश को सजग और सतर्क किया है।
मैं अभिनंदन करता हूं निशिकांत दुबे जी का।
जयराम जी की।