भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत के रोने की तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल किए गए थे, जिसके बाद कई नेताओं ने मामले को जातिवादी बना दिया, तो कइयों ने सहानुभूति लहर पर सवार होकर ‘किसान आंदोलन’ को फिर से ज़िंदा कर दिया। उनके रोने से 2 दिन पहले गणतंत्र दिवस (जनवरी 26, 2021) के दिन दिल्ली की ‘ट्रैक्टर रैली’ में जम कर हिंसा हुई थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या खालिस्तानियों ने उनकी पिटाई की थी?
मीडिया पोर्टल ‘Kreatey’ पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, राकेश टिकैत के रोने से पहले खालिस्तानियों ने टेंट के भीतर ही उनकी पिटाई की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कुछ कट्टर सिखों ने उन्हें थप्पड़ और लातों से तो मारा ही था, साथ ही उनसे पैसे वापस लेने की भी धमकी दी थी। जबकि राकेश टिकैत ने रोते हुए दावा किया था कि प्रशासन किसानों का दमन कर रहा है और उनका आत्महत्या करने का मन कर रहा है।
‘kreately’ की खबर के अनुसार, जनता में जिस तरह से 26 जनवरी की हिंसा के बाद आंदोलनकारियों के प्रति गुस्सा व्याप्त हो गया था, उसके बाद खालिस्तानियों ने जाटों के खिलाफ भड़काऊ बयान देते हुए आपत्तिजनक वीडियो भी जारी किए थे। ऐसे में 1 दिन पहले दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्र सरकार तक को मीडिया के सामने धमकी देने वाले राकेश टिकैत का इस तरह रोना अजीब था।
इस खबर में आगे दावा किया गया है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ ही देर पहले आंदोलन की फंडिंग कर रही खालिस्तानियों की टीम राकेश टिकैत से मिलने पहुँची थी। उक्त टीम टिकैत से काफी नाराज़ थी। वहाँ उपस्थित लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि वहाँ उन खालिस्तानियों ने BKU के वरिष्ठ नेता को माँ-बहन की गालियाँ दी। फिर उन्हें टेंट में ले जाकर एक जोरदार लात मारी, जिससे वो जमीन पर गिर गए।
उन पर थप्पड़ बरसाए जाने की बात भी कही जा रही है। खबर में आगे लिखा है कि इस तरह हुई पिटाई और पैसे वापस लेने की धमकियों के कारण ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में राकेश टिकैत की आँखों से आँसू निकल आए और वो रो पड़े। बताया गया है कि उसी रात को उनका ब्लड प्रेशर भी हाई हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उनके इलाज के लिए डॉक्टर भेजा। अभी तक BKU ने इस पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है।
राकेश टिकैत के रोने का असर ही था कि मुजफ्फरनगर के सिसौली में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने महापंचायत बुला ली। यह महापंचायत राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) में हुई। स्थल पर कई पड़ोसी राज्यों के किसान जुटने लगे थे और सब मिल कर सिसौली के राजकीय इंटर कॉलेज ग्राउंड में पहुँच गए थे। गौरतलब है कि गाजीपुर प्रशासन से अल्टीमेटम मिलने के बाद नरेश टिकैत ने धरना वापस लेने का फैसला किया था, लेकिन इस वीडियो के सामने आने के बाद फैसला बदल दिया गया।