मोसाद को दुनिया की एक सबसे तेज खुफिया एजेंसी माना जाता है। ऐसी खुफिया एजेंसी जो अपना निशाना नहीं चूकती है। मोसाद ने कई ऐसे मिशन को अंजाम दिया है जिसको सोचकर इंसान सिहर जाए। मोसाद का सफलता का ट्रैक रेकॉर्ड काफी प्रेरक रहा है। यही कारण है कि अमेरिका और भारत समेत दुनिया की कई खुफिया एजेंसिया मोसाद के साथ मिलकर ट्रेनिंग और कई सीक्रेट मिशन्स को अंजाम देती हैं। भारत तो अपनी खुफिया एजेंसी में काम करने वाले अधिकारियों की ट्रेनिंग तक इजरायली खुफिया एजेंसी के साथ करवाता है।
मोसाद का जन्म १३ दिसंबर १९४९ में एक केन्द्रीय संस्थान के रूप में हुआ। उस समए के प्र्धान मंत्री डेवीड बेन गुरियन एक केंद्रीय समन्वय और मौजूदा सुरक्षा सेवाओं सेना के खुफिया विभाग के बीच सहयोग कर सके। मारच १९५१ में इसे पुनर्गठित किया गया और प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हिस्सा बनाया गया।
आतंकवाद विरोधी इकाइयाँ
जैसा की हम सभी जानते है कि मोसाद का जन्म आतंकवाद से लड़ने के लिए किया गया था। “कीदोन”के रूप मे यह एक विशेषज्ञ हत्यारों के एक विशिष्ट समूह है जो की कैसरिया शाखा के तहत काम याकोव कात्स् त्द्वारा वर्णित है। इस संगठन के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं है। इसके अधिक्तर जानकारिया गुप्त कर दी गई है। इस मे उन्ही का चुनाव होता हे जो की पहले आइ दी एफ मे काम कर चुके हे।
धमाके की जांच करने के लिए इजरायल से भारत आ सकती है किलिंग मशीन MOSSAD! दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी
इजरायल के विदेश मंत्री गाबी अश्केनाजी ने ट्वीट कर बतायाथा कि मैंने भारतीय विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया और इजरायल से भी किसी तरह की मदद और सहयोग का भरोसा दिलाया
नई दिल्ली में शुक्रवार को इजरायली दूतावास के पास एक छोटा सा धमाका हुआ. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसके तुरंत बाद इजरायल के विदेश मंत्री को फोन कर सुरक्षा का आश्वासन दिया. इसके बाद इजरायल के विदेश मंत्री गाबी अश्केनाजी ने ट्वीट कर बताया कि मैंने भारतीय विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया और इजरायल से भी किसी तरह की मदद और सहयोग का भरोसा दिलाया.
इजरायल के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इजरायल भारत में दूतावास के पास हुए इस बम धमाके को एक ‘आतंकवादी घटना’ के रूप में देखता है. अब खबरें आ रही हैं कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद इस धमाके की जांच करने के लिए भारत आ सकती है. मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी माना जाता है. इसे ‘किलिंग मशीन’ के नाम से भी जाना जाता है.