Monday, October 14, 2024
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शराब घोटाला कई सौ करोड़ का,दिल्ली सरकार का?

नई दिल्ली। शराब घोटाले को लेकर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज FIR में सिसोदिया आरोपित नंबर एक हैं। वही, प्राथमिकी में 14 अन्य नाम भी हैं, जिनमें दो कंपनियों के नाम शामिल हैं।

ये पूरा मामला दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति-2021 से जुड़ा हुआ है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस विभाग के भी प्रमुख हैं। इसलिए इस घोटाले के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया है। हालाँकि, बाद में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले हुए पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है।

क्या है दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति

नई आबकारी नीति 2021-22 दिल्ली सरकार ने शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 कर दी थी। इसके साथ ही होटलों के बार, क्लब और रेस्‍टोरेंट को रात 3 बजे तक खुला रखने की छूट दी गई थी। इसके तहत वे अपनी छतों समेत किसी भी जगह शराब परोस सकते थे।

पुरानी आबकारी नीति में खुले में शराब परोसने पर रोक थी। नई नीति में बार में मनोरंजन का इंतजाम करने की भी छूट दी गई थी। इसके अलावा, बार काउंटर पर खुल चुकी शराब की बोतल की शेल्‍फ लाइफ पर से भी पाबंदी हटा ली गई थी।

दिल्ली सरकार का तर्क

नई आबकारी नीति 2021-22 नीति को लेकर दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि इसका मकसद भ्रष्टाचार को कम करना और शराब व्यापार में प्रतिस्पर्धा का अवसर मुहैया कराना है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा था कि इससे दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी समाप्त होगी।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया था कि नई आबकारी नीति से राज्य सरकार का राजस्व बढ़ेगा और इसका इस्तेमाल वह विकास के अन्य कामों में करेगी। इसके साथ ही शराब खरीदने वालों की वह शिकायत भी दूर होगी कि उनके इलाके में शराब की दुकानें दूर है। दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि हर वार्ड में शराब की दुकानें एक समान होंगी।

भाजपा सहित विपक्षी दलों ने उठाई थी आपत्ति

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर भाजपा (BJP) सहित विपक्षी दलों ने आपत्ति उठाई थी। भाजपा का कहना था कि दिल्ली सरकार शराब पीने की उम्र घटाकर लोगों को शराबी बना रही है।

विपक्षी दलों का आरोप है कि नई आबकारी नीति के जरिए केजरीवाल सरकार ने भ्रष्‍टाचार करने का भी आरोप लगया। उन्होंने कहा कि शराब की थोक कीमतों के बारे में तो पता है, लेकिन उन्हें किस कीमत पर बेचना है, इसको लेकर स्पष्टता नहीं है।

दिल्ली सरकार पर आरोप

दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आरोप लगा कि कैबिनेट को भरोसे में इसे जल्दबाजी में लागू किया गया। इतना ही नहीं, इसके लिए तमाम नियमों और प्रक्रियाओं की भी अनदेखी की गई। यह भी आरोप लगा कि एक्साइज विभाग मनमाने तरीके से काम कर रहा है।

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