वीडियो बनाने वाले रिटायर लेखपाल रामबिहारी के कुकर्मो का दायरा जांच के साथ बढ़ता जा रहा है। बुधवार को शुरुआती जांच में पता चला था कि उसने 36 बच्चों संग हैवानियत की। गुरुवार शाम तक पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में यह संख्या 50 से ज्यादा हो गई है। इनमें से 18 बच्चों की शिनाख्त भी पुलिस ने कर ली है। हालांकि तीन नए शिनाख्त वाले बच्चों के साथ कुल 11 बच्चों की पहचान की बात ही पुलिस अभी स्वीकार कर रही है। उधर जांच में लगाई गई झांसी की फोरेंसिक टीम ने बुधवार देर रात रामबिहारी के घर से बरामद लैपटॅप, मोबाइल और हार्ड डिस्क कब्जे में ले ली। इसकी जांच में तमाम राज खुल रहे हैं, जिन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
झांसी की फोरेंसिक टीम के प्रभारी शिवशंकर की निगरानी में लैपटॉप आदि की जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इनमें रामबिहारी की तमाम घिनौनी हरकतें कैद हैं। एक-एक बच्चे के कई-कई वीडियो होने की तस्दीक हुई है। इससे यह भी साफ हो गया है कि एक बार नशा देने के बाद वह वीडियो की धमकी देकर उन बच्चों को आने पर मजबूर कर देता था। इन वीडियो के जरिए पुलिस रामबिहारी के मददगारों को तलाशने की कोशिश भी कर रही है। इस दिशा में कुछ सुराग मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि इस लिस्ट में कुछ ऐसे प्रभावशाली लोग हो सकते हैं, जिन पर पुलिस सीधा हाथ डालने से कतरा रही है। इसलिए अभी तक किसी से पूछताछ नहीं हुई है।
18 बच्चों तक पहुंच गई पुलिस
हैवानियत के शिकार हुए बच्चों में से जिन 18 तक पुलिस अभी पहुंची है, उनमें भी सबके बयान नहीं हुए हैं। शुरुआती शिकायत करने वाले दो के अलावा कुछ बच्चों से पुलिस ने बात की है। उन्होंने रामबिहारी की हैवानियत की पुष्टि की है। बाकी बच्चों से भी पुलिस बयान लेगी।
अब तक की जांच में पुलिस को रामबिहारी के किसी मददगार का पता नहीं चला है। उसके शिकार बने तीन और बच्चों की पहचान कर ली गई है। बच्चों और उनके घरवालों से पुलिस ने संपर्क किया है। जल्द वह तहरीर देंगे। अगर वह किसी कारणवश तहरीर नहीं देते हैं, तो भी पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। मौके से मिले हर सबूत व फुटेज को जांच में शामिल किया जाएगा। अगर कोई इस काम में उसका मददगार पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह कितना भी रसूखदार हो।
-डॉ. यशवीर सिंह, एसपी, जालौन
पुलिस को क्यों नहीं लगी भनक
रामबिहारी कोतवाली से महज आधा किमी दूर बच्चों के शोषण का बड़ा नेटवर्क चलाता रहा लेकिन भनक नहीं लगा। पुलिस का सूचना तंत्र फेल रहा। इलाके में इसकी भी जबरदस्त चर्चा है। कहा जा रहा है कि रसूखदारों के संपर्क में रहने वाले रामबिहारी की तमाम शिकायतें थीं। वह आए दिन किसी न किसी विवाद में रहता था पर या तो पुलिस ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया, या फिर पुलिस जान बूझकर आंखें बंद किए रही।