Sunday, December 22, 2024
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एक और भ्रष्ट आईपीएस देश का,जिसकी दुम उठा कर देखो वो ही….

पटना. तिरहुत प्रमंडल में तैनात सहायक महानिरीक्षक (निबंधन) प्रशांत कुमार ने अपने सेवाकाल में अकूत संपत्ति अर्जित की है. भ्रष्टाचार के खिलाफ ऑपरेशन के तहत स्पेशल विजिलेंस यूनिट यानी एसवीयूआई ने गुरुवार को जब उनके पटना, मुजफ्फरपुर और सीवान के ठिकानों पर छापेमारी की तब काली कमाई का ग्राफ 100% तक पहुंच गया. प्रशांत कुमार के ठिकानों पर छापेमारी से यह खुलासा हुआ कि उन्होंने पटना में बोरिंग रोड में दुकान से लेकर सिवानगुलु गांव उत्तराखंड तक में महंगी जमीन खरीद कर अपने परिजनों के नाम कर रखी है.

इस धनकुबेर ने दो बेटों की पढ़ाई पर बिना लोन लिए 1करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया है. एसवीयू की मानें तो प्रशांत के बड़े बेटे ने कुछ वर्षों तक अमेरिका में पढ़ाई की और मौजूदा समय में वह एमबीए कर रहा है जबकि छोटा बेटा कर्नाटक में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर का स्टूडेंट है. एआइजी प्रशांत कुमार के ठिकानों से 66 लाख रुपये मूल्य का सोना, चांदी, खुद और परिजनों के नाम स्टेट बैंक और अन्य बैंकों में 80 लाख से अधिक के निवेश, एनएससी में 20 लाख का निवेश के अलावा 2.40 लाख नकद व जमीन, मकान में काफी निवेश किये जाने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं.

स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि विशेष निगरानी इकाई की नजर प्रशांत कुमार पर लंबे समय से थी. इनके पास 2.06 करोड़ की संपति का आंकलन करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद गुरुवार की सुबह प्रशांत कुमार के मुजफ्फरपुर, सीवान और पटना के ठिकानों पर विशेष निगरानी की टीम ने छापा मारा, जहां से अकूत संपत्ति होने के प्रमाण मिले हैं.
प्रशांत ने बिना कर्ज लिये बेटे पर एक करोड़ खर्च कर अमेरिका में पढ़ाया. एक लॉकर और आवास से 66 लाख रुपये के जेवरात बरामद  हुए हैं साथ ही वैध संपत्ति के अलावा 100 प्रतिशत काली कमाई का मामला उजागर हुआ है. प्रशांत ने गुड़गांव और उत्तराखंड में प्लाट में लाखों का निवेश भी किया है. मिली जानकारी के अनुसारअधिकारी प्रशांत कुमार ने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से जो संपत्ति अर्जित की उसका बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट में निवेश किया. इसका सत्यापन टेक्निकल इंटेलिजेंस और वित्तीय संस्थान द्वारा किया जाएगा. प्रशांत कुमार द्वारा अन्य राज्यों में भी वित्तीय संस्थानों और संपत्ति में निवेश किया गया है.  इन तमाम पहलुओं पर जांच आगे भी जारी रहेगी.

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