कॉन्ग्रेस पार्टी ने बिहार के बक्सर में अपने जिलाध्यक्ष को हटा दिया है। कारण – पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली में भीड़ नहीं जुटी और वो खाली कुर्सियों के सामने भाषण देते रहे। जिलाध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय पर अब गाज गिर गई है। पार्टी का कहना है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ ठीक से समन्वय नहीं बिठाया, इसीलिए खड़गे की रैली फ्लॉप हुई। उनपर कार्यक्रम को लेकर लापरवाही बरतने और ठीक से काम न करने का भी आरोप लगाया गया है। खड़गे की रैली में लोगों के न पहुँचने के कारण पार्टी में असंतोष था।
वीडियो में देखा जा सकता है कि लाल रंग की कुर्सियाँ खली पड़ी थीं और इधर मल्लिकार्जुन खड़गे ‘नेशनल हेराल्ड’ भ्रष्टाचार के मामले में फँसीं सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का बचाव करते रहे। शनिवार (19 अप्रैल, 2025) को हुई इस रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे राज्य की सत्ताधारी पार्टियों जदयू और भाजपा और तो ख़ूब बरसे, लेकिन उन्हें सुनने के लिए लोग ही नहीं आए। उन्होंने कहा कि राहुल-प्रियंका डरने वालों में से नहीं हैं। साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर कुर्सी के लिए पाला बदलने का आरोप लगाया। बता दें कि कॉन्ग्रेस भी 2 बार नीतीश सरकार का हिस्सा रह चुकी है।
पार्टी द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार, दलसागर खेल मैदान में आयोजित मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली में तैयारियों की घोर कमी रही, साथ ही समन्वय का भी अभाव रहा। इसमें लिखा है कि जिला कॉन्ग्रेस कमिटी ने अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं किया। कार्यालय सचिव उमेश प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर के साथ ये पत्र जारी हुआ है, जिसकी प्रतियाँ पार्टी के संगठन महासचिव KC वेणुगोपाल और राज्य में पार्टी के प्रभारी कृष्णा अल्लावारु को भी भेजी गई है। हाल ही में कॉन्ग्रेस ने सभी जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की थी।
मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि आगे और कई लोगों पर कोताही बरतने के कारण कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की समाप्ति के बाद ख़ुद अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पाया कि अगर जिलाध्यक्ष ठीक से काम करते तो ये और अच्छा हो सकता था। राजेश राठौड़ ने बताया कि उनके ही कहने पर जिलाध्यक्ष को प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम द्वारा निलंबित किया गया है।
कॉन्ग्रेस के बड़े नेता मंच पर फोटो खिंचवाने में व्यस्त रहे थे। हालाँकि, एक सत्य ये भी है कि मल्लिकार्जुन खड़गे देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष होने के बावजूद बिहार में क्राउड पुलर नहीं हैं। शायद ही उन्हें अधिकतर लोग जानते हों, या जो जानते हों वो उन्हें सुनने के लिए दिलचस्पी रखें। दूसरा एक बड़ा कारण ये रहा कि बिहार में कॉन्ग्रेस पार्टी का कैडर मृतप्राय है। कन्हैया कुमार की यात्रा के जरिए इसे जीवित करने की कोशिश की गई जो विफल रही। राहुल गाँधी भी बेगूसराय में इस यात्रा में शामिल होने के लिए पहुँचे थे।