जानिए क्यों नाराज़ हैं,अंतराष्ट्रीय हथियार कम्पनियां, दवा कम्पनियां, दलाल और देशविरोधी ताकते,किसी भी तरह तोड़ो तरक्की की डोर
क्या आप यकीन करेंगे
- 1. मोदी सरकार ने सिर्फ रक्षा क्षेत्र के 2.70 लाख करोड़ से ज्यादा की बचत का रास्ता खोला है,देश मे बनाकर,विदेशी हथियार दलाल नाराज़।
- 2.क्या आप जानते है भारत ने सबसे सस्ती करोना वायरस दवा बनाई और 206₹ की दवा,जो विदेश की है वो 14,000₹ की नही ली,देश को हुई 1,40,000 करोड़ की बचत,अंतराष्ट्रीय दवा कम्पनी/दलाल नाराज़।
- 3.विगत 6 वर्सो में लगभग 10 लाख 50 हज़ार करोड़ की दलाली पर प्रहार।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में अराजकता फैलाने वाले, लाल किले पर कब्जा करने वाले, तिरंगे का अपमान करने वाले कथित किसान प्रदर्शनकारियों के किसान आंदोलन को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग व अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना ने 2 फरवरी को अपना समर्थन दिया।
समर्थन में ट्वीट करने के बाद बेबी प्रोटेस्टर ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन पर एक और ट्वीट किया, जिससे जाने-अनजाने भारत के ख़िलाफ़ तैयार किए जा रहे वैश्विक अभियान का खुलासा हो गया। दरअसल, उसने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में अपने ट्विटर हैंडल से एक (ToolKit) टूलकिट शेयर किया। इसमें बताया गया था कि यदि कोई भारत के किसान आंदोलन का समर्थन करना चाहता है तो वह क्या-क्या कर सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि ग्रेटा ने इस टूलकिट को कुछ ही देर में डिलीट जरूर कर दिया मगर तब तक सच्चाई का खुलासा हो चुका था। इस डॉक्यूमेंट से मालूम चल चुका था कि अचानक जो विदेशी समर्थन इन कथित किसानों को मिल रहा है, वो कहीं से भी असली नहीं है बल्कि इसकी तैयारी नवंबर से ही चल रही थी।
इसमें सूचीबद्ध तरीके से वो सारे एक्शन लिखें हैं कि आखिर ‘Farmer Protest’ के लिए दुनिया भर में क्या-क्या किया जा सकता है। इससे यह भी ज्ञात हुआ कि भारत में अशांति फैलाने के प्रयास 26 जनवरी को हुए दंगों से पहले शुरू हो चुके थे। दस्तावेज में पूर्व निर्धारित ट्वीट्स भी शामिल थे, जिन्हें पोस्ट किया जाना था। जब ऑपइंडिया की ओर से इन्हें जाँचा गया तो उनमें से कुछ शब्दश: नवंबर 2020 में ट्विटर पर पोस्ट किए मिले।
सबसे खास बात यह है कि पूरे टूलकिट को देखने के बाद साफ पता चलता है कि ग्रेटा थनबर्ग और गायिका रिहाना के ट्वीट भी पूर्व नियोजित थे और वास्तविक समर्थन से उनका सरोकार नहीं था।
इस टूलकिट में एक शीर्षक है, “भारतीय किसानों के साथ एकजुटता- ट्विटर पर तूफान (‘Solidarity with Indian farmers – Twitter storm’) इसमें यह बताया गया है कि कैसे पूरे आंदोलन को वैश्विक पहचान दिलाई जाएगी। इसमें दो influencer के नाम हैं। पहला ग्रेटा थनबर्ग और दूसरा रिहाना। ”
शीट में बक़ायदा पूरा प्लान नजर आता है। इसमें सब बताया गया है कि ट्वीट करते हुए किसे टैग करना है और किसे लक्षित करना है। डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट में ग्रेटा और रिहाना के नामों को अलग से देखा जा सकता है। इसी तरह टैग और हैशटैग भी इस लिस्ट में उल्लेखित किया गया है। वहीं रिहाना का बिल्कुल वही ट्वीट उस डॉक्यूमेंट में शामिल है, जो उन्होंने 2 फरवरी को ट्वीट किया।
अब इस प्लानिंग को समझने के लिए कुछ बेसिक तथ्य पर गौर करने की आवश्यकता है। जैसे रिहाना ने 2 फरवरी को अपना ट्वीट किया और ग्रेटा ने 3 फरवरी को अपना ट्वीट किया। दोनों का नाम सूची में था और ट्वीट भी डॉक्यूमेंट में लिखे थे। इन्होंने हैशटैग भी वही इस्तेमाल किया, जिसका जिक्र टूलकिट में था। इस दस्तावेज में ये भी लिखा था कि 4 और 5 फरवरी को भारी मात्रा में किसानों के समर्थन में ट्वीट किया जाए।
ये टूलकिट साबित करता है कि ग्रेटा और रिहाना जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट पूर्व नियोजित थे न कि कोई त्वरित प्रक्रिया। हम यदि ऐसे भी सोचें कि हो सकता है रिहाना का ट्वीट बाद में दस्तावेज में जोड़ा गया तो ये गौर करने वाली बात है कि ग्रेटा के टूलकिट पोस्ट करने से 4 घंटे पहले रिहाना ने ट्वीट किया था। अगर ये सब पहले से प्लान नहीं किया होता तो डॉक्यूमेंट में रिहाना के ट्वीट का जिक्र सबसे आखिर में होना था न कि सबसे ऊपर… जैसा कि हम दस्तावेज के स्क्रीनशॉट में देख रहे हैं।
इस डॉक्यूमेंट को यदि कोई देखे तो मालूम होता है कि पूरे-पूरे ट्वीट पहले से लिखे हुए थे, जिनमें से कुछ ट्वीट के साथ एम्बेड लिंक भी शामिल था, जिस पर क्लिक करते ही वह आपको ट्विटर पर पहुँचा रहे थे ताकि उसे जस का तस पोस्ट किया जा सके।
इस सूची में रिहाना का नाम दूसरे नंबर पर नजर आता है लेकिन उसके ट्वीट के साथ ये ऑप्शन नहीं मेंशन है कि ‘यहाँ क्लिक करके इसे ट्वीट करें।’ जो साबित करता है कि शायद रिहाना के ट्वीट करने से पहले इसे लिखा गया।
किसी को नहीं पता कि रिहाना और ग्रेटा ने ये सब कनाडाई खालिस्तानी सांसद जगमीत सिंह के कहने पर किया या फिर पीआर एजेंसी ने उनसे ये सब करवाया। हमने पहले बताया था कि रिहाना और जगमीत सिंह के बीच बातचीत होती है। ऐसे में हो सकता है कि अनुरोध पर रिहाना ने इसे किया हो।
गौरतलब है कि ये दस्तावेज एक पुख्ता सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि भारत के ख़िलाफ़ न केवल देश के भीतर बल्कि विदेश में भी प्रोपगेंडा तैयार हो रहा है। ये डॉक्यूमेंट यह भी बता रहा है कि प्रोपगेंडा बाजों का मकसद प्रदर्शन को चलाते रहने का है, चाहे तो कानून को वापस ही क्यों न ले लिया जाए। जाहिर है ये प्रोटेस्ट कहीं से कहीं तक कृषि कानूनों से संबंधित नहीं है। इनका मकसद सिर्फ़ अराजकता फैलाना है और वैश्विक स्तर पर मोदी सरकार को घेरना है।
टूलकिट को लेकर दिल्ली पुलिस की FIR, कंगना के ट्वीट डिलीट कर फिर बेनकाब हुआ ट्विटर
कथित किसान आंदोलन में अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की घुसपैठ की हकीकत TOOL KIT साफ हो गई है। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। इस बीच कंगना रनौत का ट्वीट जिसमें केवल रिहाना के ट्वीट का जवाब था, उसे ट्विटर ने डिलीट कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि इस संबंध में जॉंच के लिए मामला दर्ज किया गया है, लेकिन एफआईआर में किसी का नाम नहीं है। इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में बाल कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कही गई थी। इंडिया टुडे पत्रकार गौरव सांवत ने बताया था कि ग्रेटा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 ए और धारा 120बी के तहत मामला दर्ज हुआ है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई विदेश मंत्रालय के बयान के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने हर अंतरराष्ट्रीय शख्सियत से कहा था कि वह इस किसान आंदोलन के मुद्दे पर बोलने से पहले इसके बारे में समझ लें।
ग्रेटा के TOOL KIT SHARE ने भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा है और ये स्पष्ट हुआ है कि कैसे इस प्रदर्शन की आड़ में विदेशी हस्तियाँ भारत के ख़िलाफ़ माहौल बना रही है।
दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद ग्रेटा का एक और ट्वीट सामने आया है। इसमें उसने कहा है, “हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।”
गौरतलब है कि ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना जैसे लोगों के सुनियोजित प्लान पर टूलकिट सामने आने के बाद से चर्चा गरम है कुछ लोगों को पहले से इस तरह के हस्तक्षेप की आशंका थी। कंगना रनौत उन्हीं लोगों में शामिल थीं, जिन्होंने रिहाना को कड़ा जवाब दिया था।
रिहाना ने किसान आंदोलन की खबर शेयर करके पूछा था कि हम इसके ऊपर क्यों नहीं बात कर रहे। बस इसी पर KANGANA RANNAUT ने कहा
“कोई इसलिए बात नहीं कर रहा क्योंकि ये आतंकी है जो भारत को बाँटना चाहते हैं, ताकि चीन यूएस जैसे ही हमारे खंडित देश पर कब्जा कर ले। इसलिए चुप बैठो बेवकूफ, हम कठपुतलियों की तरह अपना देश नहीं बेचते।”
इस ट्वीट के दो दिन बाद और अंतरराष्ट्रीय मंशा का खुलासा होने के अगले ही दिन जैक डॉर्सी के ट्विटर ने 4 फरवरी 2021 को कंगना का यह ट्वीट डिलीट कर दिया। बदले में उन्हें बताया गया कि ट्विटर नियमों का उल्लंघन करने पर उनके ख़िलाफ़ यह कार्रवई हुई है।
दिल्ली पुलिस ने भारत विरोधी अभियानों की साजिश रचने के लिए उच्च न्यायालय की वकील निकिता जैकब के खिलाफ 4 फरवरी को शिकायत दर्ज की है। दरअसल, लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी (LRO) ने दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करते हुए राजद्रोह के आरोपों के तहत एफआईआर की माँग की है।
एलआरओ ने एक ट्वीट करते हुए बताया, “भारतीय संसद से पारित कृषि कानून के खिलाफ अभियान चलाने के लिए विदेशी हस्तियों द्वारा अभियान को व्यवस्थित करने के लिए @DelhiPolice के पास @AamAadmiParty की नेता मुंबई HC की वकील निकिता जैकब के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। उनके खिलाफ राजद्रोह के तहत एफआईआर माँग की गई है।”
अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना और पोर्न स्टार मिया खलीफा के नक्शेकदम पर चलते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान विरोध के समर्थन में ट्वीट किया था। जिसके बाद उसने एक ‘टूलकिट‘ को लेकर भी ट्वीट किया, जिसमें उसने बताया कि किसान समर्थन में रुचि रखने वाले लोग इसका उपयोग कर सकते हैं।” हालाँकि, यह टूलकिट सिर्फ एक रिसोर्स फ़ाइल नहीं थी, बल्कि यह एक खतरनाक दस्तावेज था, जिसमें देखा गया कि कैसे एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत विरोधी ताकतें भारत के लोकतंत्र में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।
हालाँकि, सोशल मीडिया पर सबके सामने इस धमाकेदार ट्वीट के खुलासे के तुरंत बाद ग्रेटा ने दस्तावेज़ को डिलीट कर दिया और इससे जुड़े सभी दस्तावेजों को या तो प्राइवेट बना दिया गया या उसे ट्रांसफर या पूरी तरह खत्म कर दिया गया। लेकिन जब तक वह ऐसा करती उससे पहले सोशल मीडिया यूज़र्स बहुत सारी सामग्री डाउनलोड, सॉर्ट और उसे काफी लोगों तक वायरल कर चुके थे।
कैसे हुआ निकिता जैकब का पर्दाफाश
गौरतलब है कि दस्तावेजों की जाँच करते समय यह पता चला कि निकिता जैकब कथित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने से पहले दस्तावेजों की एडिटिंग कर रही थी। यहाँ हम आपको गूगल दस्तावेज़ों की एडिट हिस्ट्री के कुछ स्क्रीनशॉट दिखा रहे हैं, जिनका उपयोग सोशल मीडिया पर भारत विरोधी आंदोलन को व्यवस्थित रूप से करने के लिए किया जा रहा था।
बेनकाब होने के बाद जैकब ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया
कौन है निकिता जैकब
ट्विटर पर डिलीट किए गए प्रोफाइल के अनुसार बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील निकिता जैकब पर्यावरणविद और कथिततौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई हैं। ट्विटर यूजर विजय पटेल के अनुसार, वह “सॉलिडैरिटी विद इंडियन फार्मर्स” नाम के दस्तावेज़ की ओनर थी, जिसे 30 जनवरी, 2020 को क्रिएट किया गया था। वह न्यूज़ इन्फ़्यूज़ नाम से इंस्टाग्राम पर एक प्रोपेगैंडा अकाउंट भी चलाती है।
वहीं इंस्टाग्राम पर भी उसने अब अपने एकाउंट और न्यूज़ इन्फ्यूज़ अकाउंट को प्राइवेट कर दिया है।
इसके अलावा डॉक्यूमेंट में एक और यूजर मरीना पत्तरसन का भी नाम शामिल था, जिसे बार-बार एडिट करते हुए देखा गया था। उसने भी अपना ट्विटर एकाउंट डिलीट कर दिया है।